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यहां रावण की जगह जला हिरण्यकश्यप का पुतला, देश का एकमात्र विभीषण मेला शुरू

कैथून में भारत में होने वाला एकमात्र विभीषण मेले का मंगलवार रात आगाज हुआ. वहीं बीती रात हिरण्यकश्यप का पुतला दहन किया. यह मेला सात दिनों तक चलेगा जिसमे विभिन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

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जला हिरण्यकश्यप का पुतला
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Published : Mar 11, 2020, 9:01 PM IST

Updated : Mar 11, 2020, 10:51 PM IST

कोटा. जिले के कैथून कस्बे में चालीसवां विभीषण मेला मंगलवार रात शुरू हो गया. बीती रात मेले का आगाज हुआ. हर साल की भांति मेले में हिरण्यकश्यप का पुतला दहन किया गया. बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में 50 फीट ऊंचे हिरण्यकश्यप के पुतले का दहन किया गया और भव्य आतिशबाजी भी हुई.

जला हिरण्यकश्यप का पुतला

इससे पहले कैथून कस्बे में भव्य शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें हाडोती के लोक कलाकारों ने अपनी कलाओं का बेहतरीन तरीके से प्रदर्शन किया. शोभा यात्रा कैथून नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए मेला ग्राउंड पहुंची जहां हिरण्यकश्यप का पुतला जलाया गया.

मेला आयोजक कर्ता ने बताया कि चालीस सालों से यहां विभीषण मेले का आयोजन किया जा रहा है. इससे पूर्व कैथून कस्बे में भव्य शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें कालबेलिया और हाड़ौती के कई कलाकारों ने प्रदर्शन किया. मेला स्थल पर देव विमान शोभायात्रा में शामिल हुए और वहां पर खड़े करीब 50 फिट ऊंचे हिरण्यकश्यप के पुतले का दहन किया गया.

यह भी पढ़ें- झालावाड़ के डग में हुआ चूल का आयोजन, धधकते अंगारों के बीच से निकले भक्त

आपको बता दें कि पूरे भारत में सिर्फ यहीं हिरण्यकश्यप के पुतले का दहन किया जाता है. बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक इस पुतले का दहन मुख्य अतिथि के रूप में आए राजेश बिरला ने किया. पुतला दहन के बाद उन्होंने मेले का उद्घाटन किया. ज्ञात रहे कि यह मेला सात दिनों तक चलता है.

वहीं मेला आयोजक से बात करने पर उन्होंने बताया कि सात दिनों तक चलने वाले इस मेले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

कोटा. जिले के कैथून कस्बे में चालीसवां विभीषण मेला मंगलवार रात शुरू हो गया. बीती रात मेले का आगाज हुआ. हर साल की भांति मेले में हिरण्यकश्यप का पुतला दहन किया गया. बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में 50 फीट ऊंचे हिरण्यकश्यप के पुतले का दहन किया गया और भव्य आतिशबाजी भी हुई.

जला हिरण्यकश्यप का पुतला

इससे पहले कैथून कस्बे में भव्य शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें हाडोती के लोक कलाकारों ने अपनी कलाओं का बेहतरीन तरीके से प्रदर्शन किया. शोभा यात्रा कैथून नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए मेला ग्राउंड पहुंची जहां हिरण्यकश्यप का पुतला जलाया गया.

मेला आयोजक कर्ता ने बताया कि चालीस सालों से यहां विभीषण मेले का आयोजन किया जा रहा है. इससे पूर्व कैथून कस्बे में भव्य शोभायात्रा निकाली गई. जिसमें कालबेलिया और हाड़ौती के कई कलाकारों ने प्रदर्शन किया. मेला स्थल पर देव विमान शोभायात्रा में शामिल हुए और वहां पर खड़े करीब 50 फिट ऊंचे हिरण्यकश्यप के पुतले का दहन किया गया.

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आपको बता दें कि पूरे भारत में सिर्फ यहीं हिरण्यकश्यप के पुतले का दहन किया जाता है. बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक इस पुतले का दहन मुख्य अतिथि के रूप में आए राजेश बिरला ने किया. पुतला दहन के बाद उन्होंने मेले का उद्घाटन किया. ज्ञात रहे कि यह मेला सात दिनों तक चलता है.

वहीं मेला आयोजक से बात करने पर उन्होंने बताया कि सात दिनों तक चलने वाले इस मेले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

Last Updated : Mar 11, 2020, 10:51 PM IST
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