कोटा. कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन कारगर साबित हो रही है, लेकिन कोटा जिले में 45 से ज्यादा उम्र के लोगों को लगाने के लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में इनका वैक्सीनेशन बंद कर दिया गया है. खुद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर ने 45 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी नागरिकों से अपील की है कि जब तक राज्य स्तर से कोविशील्ड वैक्सीन प्राप्त नहीं होती है, तब तक वैक्सीन लगवाने के लिए अभी अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलें.
उन्होने बताया कि जैसे ही राज्य स्तर से वैक्सीन प्राप्त होती है, इसकी सूचना समाचार पत्रों के माध्यम से दे दी जाएगी. उन्होंने बताया कि जल्द ही राज्य स्तर से कोविशील्ड वैक्सीन प्राप्त होने वाली है. इसके बाद ही इस उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू किया जाएगा. जिले में शुक्रवार को 24 जगह पर 18 से 24 उम्र के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा. साथ ही अब तक तीन लाख 83 हजार 90 लोगों वैक्सीन की पहली डोज दिन लग चुकी है. इसके अलावा 73696 में लोगों को दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है.
रेमडेसिविर व टोसिलीजुमाब इंजेक्शन के लिए सीएमएचओ कार्यालय पहुंच रहे
कोविड-19 के गंभीर मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती हैं, लेकिन दवाओं के शॉर्टेज के चलते उन्हें रेमडेसेविर व टोसिलीजुमाब इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा है. निजी अस्पतालों में मरीजों से कहा जाता है कि उनके लिए इंजेक्शन नहीं आया है, जबकि दूसरे मरीजों को लगा दिया जाता है. इसके चलते मरीज के परिजन परेशान होते हैं. साथ ही निजी अस्पताल के संचालक यह भी मरीजों से कह देते हैं कि सीएमएचओ के द्वारा ही इंजेक्शन किन मरीजों को लगने हैं, इसकी सूची आ रही है. ऐसे में यह अधिकांश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय पर पहुंच रहे हैं.
इस पर भी सीएमएचओ डॉ. भूपेन्द्र सिंह तंवर ने आम जन से आग्रह किया है कि कोविड उपचार के लिए शहर के प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती मरीजों के अटेन्डेन्ट रेमडेसिविर और टोसिलीजुमाब इंजेक्शन के लिए मांग पत्र लेकर स्वास्थ्य भवन सीएमएचओ कार्यालय में नही आएं. उन्होंने बताया कि प्राइवेट अस्पतालों के मांग पत्र भेजे जाने पर यह दोनो इंजेक्शन उलब्धता के आधार पर जिला प्रशासन निर्धारित प्रक्रिया अनुसार अस्पतालों को उपलब्ध करा रहा है. सीएमएचओ डॉ. तंवर ने इस संबंध में प्राइवेट अस्पतालों को भी पत्र भेजकर निर्देशित किया कि वे मरीजों के अटेन्डेन्ट को उक्त इजेक्शनों के मांग पत्र देकर सीएमएचओ कार्यालय में नहीं भेजें, अन्यथा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.