रामगंजमंडी (कोटा). मजदूरों का एकमात्र सहारा कोटा स्टोन माइल्स बंद होने की वजह से मजदूरों की रोजी-रोटी पर बात आ चुकी है. जिसके विरोध में मजदूर संघ के साथ मिलकर नगर वासियों ने विरोध प्रदर्शन किया.
मजदूरों की सरकार से मांग है कि क्षेत्र में कोटा स्टोन की जो खदानें बंद हुई, उन बेरोजगार श्रमिकों को रोजगार के लिए खदानों को फिर से चालू करवाई जाए. अन्यथा आने वाले पंचायत के चुनाव का सभी मजदूर बहिष्कार करेंगे. आपको बता दें कि एनजीटी की ओर से एसोसिएटेड स्टोन इंडस्ट्रीज की खदानों पर रोक लगाने के कारण यहां के हजारों मजदूरों पर रोजी-रोटी का संकट आ गया है. रामगंजमंडी की अर्थव्यवस्था स्टोन के खनन पर आधारित है.
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कोटा स्टोन ही यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और खनन कार्य पर रोक लगने के कारण हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. इसी के चलते आज हजारों मजदूरों , ट्रक यूनियन और शहर के नागरिकों ने रामगंज मंडी में जोरदार प्रदर्शन किया. इसके बाद उपखंड अधिकारी को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया गया कि रामगंज मंडी की अर्थव्यवस्था खनन पर आधारित है अगर कोटा स्टोन के खनन पर रोक लगती है, तो हजारों मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे. ज्ञापन में खनन कार्य पर एनजीटी द्वारा लगाई गई रोक को शीघ्र हटाने की मांग की गई. वहीं ईंटक मजदूर यूनियन के अध्यक्ष शोदानसिंह परिहार, महामंत्री गौरीशंकर बैसला, इंटक नेता राजेन्द्र सिंह सिसोदिया शामिल रहे.