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सिक्कों से लेकर करेंसी का इतिहास समझेंगे स्टूडेंट, जानिए कितनी कारगर रहेगी financial literacy

सीबीएसई के छठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में फाइनेंशियल लिटरेसी नाम से इलेक्टिव सब्जेक्ट को शामिल किया गया है. इस विषय की पढ़ाई के लिए एक बुक को एनपीसीआई और सीबीएसई ने मिलकर तैयार किया है.

National Education Policy 2020 , Kota News
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा
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Published : Jun 29, 2021, 5:01 PM IST

Updated : Jun 29, 2021, 6:00 PM IST

  • वैकल्पिक विषयों की श्रेणी में शामिल है यह सब्जेक्ट
  • अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखकर है पाठ्यक्रम

कोटा. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-2020 के तहत वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार स्कूली पाठ्यक्रमों में परिवर्तन किए जा रहे हैं. इसी के तहत मंगलवार को वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) पर नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की ओर से एक किताब फाइनेंशियल लिटरेसी लांच की गई. किताब को वर्तमान जरूरत के आधार पर बनाया गया है, क्योंकि सीबीएसई के छठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में वित्तीय साक्षरता नामक वैकल्पिक विषय (Elective Subject) को शामिल किया गया है. इस किताब में छात्रों को सिक्कों से लेकर अब तक सभी मुद्राओं (Indian currency) तक की जानकारी मिलेगी.

इस बारे में एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा बताते हैं कि नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत सीबीएसई के विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम में शामिल इस वैकल्पिक विषय के अध्ययन के लिए वित्तीय साक्षरता के विषय की पढ़ाई के लिए फाइनेंशियल लिटरेसी नामक बुक तैयार की गई है. देव शर्मा ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति व भविष्य को देखते हुए बैंकिंग व डिजिटल पेमेंट की आधुनिक पद्धतियों और तकनीक से स्कूल स्तर के विद्यार्थियों को रूबरू होना आवश्यक है, नहीं तो अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में भी पीछे रह सकते हैं.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा

पढ़ें: शिक्षा मंत्री डोटासरा बोले- अभी नहीं खुलेंगे सरकारी स्कूल, जानिए क्यों...

किताब को चार भागों में बांटा गया है. विद्यार्थी इसकी सहायता से बेसिक फाइनेंशियल कांसेप्ट ऑफ करेंसी, बैंकिंग, फाइनेंशियल सिक्योरिटी (Financial Security), सेविंग और इन्वेस्टमेंट की पद्धतियों को रुचिकर तरीके से समझ सकेंगे. विद्यार्थियों को करेंसी बैंकिंग (Currency Banking) के तहत सिक्कों से लेकर वर्तमान कार्य करेंसी तक के इतिहास को भी इसमें पढ़ाया जाएगा.

बेहद योग्य अध्यापकों की जरूरत

हालांकि, देव शर्मा ने आशंका जताई कि छठवीं क्लास के छोटे बच्चों को बैंकिंग या फाइनेंस पढ़ाने के लिए बहुत बेहद ही योग्य अध्यापकों की आवश्यकता है, जो बच्चों की मानसिकता को समझ कर उन्हें पढ़ा सकें. ऐसे में सवाल है कि सीबीएसई इस तरह के टीचर को तैयार कर पाएगा. अभी भी बैंकिंग व फाइनेंस पढ़ाया जा रहा है, लेकिन छठवीं क्लास के छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाया जाएगा? इस पर संशय है.

  • वैकल्पिक विषयों की श्रेणी में शामिल है यह सब्जेक्ट
  • अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखकर है पाठ्यक्रम

कोटा. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-2020 के तहत वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार स्कूली पाठ्यक्रमों में परिवर्तन किए जा रहे हैं. इसी के तहत मंगलवार को वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) पर नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की ओर से एक किताब फाइनेंशियल लिटरेसी लांच की गई. किताब को वर्तमान जरूरत के आधार पर बनाया गया है, क्योंकि सीबीएसई के छठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में वित्तीय साक्षरता नामक वैकल्पिक विषय (Elective Subject) को शामिल किया गया है. इस किताब में छात्रों को सिक्कों से लेकर अब तक सभी मुद्राओं (Indian currency) तक की जानकारी मिलेगी.

इस बारे में एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा बताते हैं कि नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत सीबीएसई के विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम में शामिल इस वैकल्पिक विषय के अध्ययन के लिए वित्तीय साक्षरता के विषय की पढ़ाई के लिए फाइनेंशियल लिटरेसी नामक बुक तैयार की गई है. देव शर्मा ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति व भविष्य को देखते हुए बैंकिंग व डिजिटल पेमेंट की आधुनिक पद्धतियों और तकनीक से स्कूल स्तर के विद्यार्थियों को रूबरू होना आवश्यक है, नहीं तो अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में भी पीछे रह सकते हैं.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा

पढ़ें: शिक्षा मंत्री डोटासरा बोले- अभी नहीं खुलेंगे सरकारी स्कूल, जानिए क्यों...

किताब को चार भागों में बांटा गया है. विद्यार्थी इसकी सहायता से बेसिक फाइनेंशियल कांसेप्ट ऑफ करेंसी, बैंकिंग, फाइनेंशियल सिक्योरिटी (Financial Security), सेविंग और इन्वेस्टमेंट की पद्धतियों को रुचिकर तरीके से समझ सकेंगे. विद्यार्थियों को करेंसी बैंकिंग (Currency Banking) के तहत सिक्कों से लेकर वर्तमान कार्य करेंसी तक के इतिहास को भी इसमें पढ़ाया जाएगा.

बेहद योग्य अध्यापकों की जरूरत

हालांकि, देव शर्मा ने आशंका जताई कि छठवीं क्लास के छोटे बच्चों को बैंकिंग या फाइनेंस पढ़ाने के लिए बहुत बेहद ही योग्य अध्यापकों की आवश्यकता है, जो बच्चों की मानसिकता को समझ कर उन्हें पढ़ा सकें. ऐसे में सवाल है कि सीबीएसई इस तरह के टीचर को तैयार कर पाएगा. अभी भी बैंकिंग व फाइनेंस पढ़ाया जा रहा है, लेकिन छठवीं क्लास के छोटे बच्चों को कैसे पढ़ाया जाएगा? इस पर संशय है.

Last Updated : Jun 29, 2021, 6:00 PM IST
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