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Special: कोटा में PWD से तेज निकली UIT, मेडिकल कॉलेज में तय समय में पूरा कर रहा तीन गुना काम

कोटा में नगर विकास न्यास और सार्वजनिक निर्माण विभाग मेडिकल कॉलेज में भवन निर्माण कार्य में जुटा है. इस दौरान सामने आया है कि यूआईटी के काम करने की गति काफी तेज है, जबकि पीडब्ल्यूडी की गति यूआईटी से आधी भी नहीं है. मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में 29 करोड़ रुपये की लागत से द्वितीय तल का निर्माण पीडब्ल्यूडी को करना था, जो कि 3 साल में भी पूरा नहीं हो पाया है. वहीं, दूसरी तरफ नगर विकास न्यास उनसे भी तीन गुना काम को तय समय में ही पूरा कर रहा है.

Kota Medical College, UIT and PWD, कोटा न्यूज़
कोटा मेडिकल कॉलेज में पीडब्ल्यूडी से ज्यादा तेज काम रहा यूआईटी
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Published : Jul 11, 2021, 1:35 PM IST

Updated : Jul 11, 2021, 2:43 PM IST

कोटा. जिले में मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में नगर विकास न्यास और सार्वजनिक निर्माण विभाग निर्माण कार्य में जुटा है. इस दौरान मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में 29 करोड़ की लागत से द्वितीय तल का निर्माण पीडब्ल्यूडी को करना था, जो कि 3 साल में भी पूरा नहीं हो पाया है. वहीं, दूसरी तरफ नगर विकास न्यास उनसे भी तीन गुने काम को आदेश समय में ही पूरा कर रहा है. इस तरह यूआईटी के काम करने की गति काफी तेज है, जबकि पीडब्ल्यूडी की गति यूआईटी से आधी भी नहीं है.

कोटा मेडिकल कॉलेज में पीडब्ल्यूडी से ज्यादा तेज काम रहा यूआईटी

बता दें कि मेडिकल कॉलेज के जेकेलोन और एमबीएस अस्पताल में एक इनडोर और दो आउटडोर ब्लॉक बनाए जा रहे हैं. इसमें 70 करोड़ रुपए खर्च होंगे. साथ ही मेडिकल कॉलेज से यह 3 गुना ज्यादा निर्माण है. इसमें जेके लोन अस्पताल के 156 बेड का इनडोर है, जिसमें पीआईसीयू और एनआईसीयू भी शामिल है. इसके अलावा ओपीडी ब्लॉक में इन्वेस्टिगेशन लैब, रजिस्ट्रेशन एरिया, आईसीयू, इमरजेंसी, ऑपरेशन थिएटर सहित सेमिनार रूम का निर्माण भी हो रहा है.

Kota Medical College, UIT and PWD, कोटा न्यूज़
कोटा मेडिकल कॉलेज में पीडब्ल्यूडी का काम

मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में जून 2018 में 29 करोड़ रुपये स्वीकृत कर द्वितीय तल का निर्माण शुरू करवाया गया था. इसमें पीडब्ल्यूडी को जिम्मेदारी सौंपी गई और 2 साल में काम पूरा करवाना था, लेकिन एक साल ज्यादा गुजर गया है और अभी भी कार्य पूरा नहीं हो पाया है. पीडब्ल्यूडी के अधिकारी पहले तो बजरी की कमी बताते रहे. इसके बाद कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से अस्पताल में काम बंद होना बता दिया गया. साथ ही लेबर की कमी भी बताई.

पढ़ें: Special : जांच पर ब्रेक ! कम स्टाफ और कोरोना काल ने रोकी लोकायुक्त कार्यालय की रफ्तार, साढ़े 6 हजार से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग

नगर विकास न्यास ने बीते साल मार्च में जेकेलोन और एमबीएस अस्पताल में ओपीडी और इनडोर ब्लॉक का निर्माण शुरू किया था. शिलान्यास के बाद देश में कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया, जिसमें मई 2020 में छूट दी गई. तब कार्य ने यहां पर गति पकड़ी और 1 साल के भीतर ही 5 मंजिला ओपीडी ब्लॉक एमबीएस अस्पताल का पूरी तरह से खड़ा हो गया है, जिसमें अब फिनिशिंग का कार्य करवाया जा रहा है.

Kota Medical College, UIT and PWD, कोटा न्यूज़
कोटा मेडिकल कॉलेज में यूआईटी का काम

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना का कहना है कि नए अस्पताल में दितीय तल का निर्माण आगामी 2 से 3 महीने में पूरा हो जाएगा. अब उन्होंने निर्णय लेते हुए पूरी फ्लोर को ही ऑक्सीजन बेड में कन्वर्ट करवाया है. ऐसे में मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम का कार्य किया जा रहा है. इसमें भी कॉपर के पाइप मिलने में समस्या आ रही है. इसके चलते काम थोड़ा धीमा चल रहा है, लेकिन संवेदक से कहा गया है कि वो तुरंत कार्य करें, जिससे जल्द से जल्द इसका उपयोग किया जा सके. उन्होंने ये भी कहा कि इसमें 70 बेड आईसीयू में है, जो कि बनकर तैयार भी हो चुका है.

पढ़ें: Special :78 साल के भूतपूर्व सैनिक को साइकिलिंग का जुनून, 41 साल में चलाई साढ़े 7 लाख किलोमीटर साइकिल

यूआईटी के अभियंताओं का कहना है कि यह निर्माण डेढ़ साल में पूरा होना है, जिसको कि अब कार्य अंतिम चरण पर ही चल रहा है. यहां तक कि कुछ हिस्सा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को 31 अगस्त तक ही सुपुर्द कर दिया जाएगा, ताकि वहां पर पीआईसीयू और एनआईसीयू संचालित कर सकें. जबकि इसकी समय सीमा सितंबर महीना है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन भी इसमें पीआईसीयू और एनआईसीयू बनाने के लिए कार्य अन्य कंसलटेंट फर्म से करवाएगा, वह करवा सकते हैं. उन्हें इसके लिए जीवन रक्षक उपकरण भी खरीदने होंगे.

स्मार्ट सिटी के तहत के निर्माण कार्य करवाया जा रहा है. स्मार्ट सिटी के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र कुमार राठौर का कहना है कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के साथ निर्देश है कि निर्माण कार्य में देरी नहीं होगी. ऐसे में हर कार्य की समय सीमा निर्धारित की हुई है. साथ ही लगातार मॉनिटरिंग इन कार्यों की कर रहे हैं. इसी के चलते समय सीमा से ही कार्यों को पूरा करवाना है. इनको पूरा होने के लिए सितंबर 2021 तक का समय है. ऐसे में हमें उम्मीद है कि इस समय सीमा या इसके आसपास पूरे निर्माण को कर दिया जाएगा.

कोटा. जिले में मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में नगर विकास न्यास और सार्वजनिक निर्माण विभाग निर्माण कार्य में जुटा है. इस दौरान मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में 29 करोड़ की लागत से द्वितीय तल का निर्माण पीडब्ल्यूडी को करना था, जो कि 3 साल में भी पूरा नहीं हो पाया है. वहीं, दूसरी तरफ नगर विकास न्यास उनसे भी तीन गुने काम को आदेश समय में ही पूरा कर रहा है. इस तरह यूआईटी के काम करने की गति काफी तेज है, जबकि पीडब्ल्यूडी की गति यूआईटी से आधी भी नहीं है.

कोटा मेडिकल कॉलेज में पीडब्ल्यूडी से ज्यादा तेज काम रहा यूआईटी

बता दें कि मेडिकल कॉलेज के जेकेलोन और एमबीएस अस्पताल में एक इनडोर और दो आउटडोर ब्लॉक बनाए जा रहे हैं. इसमें 70 करोड़ रुपए खर्च होंगे. साथ ही मेडिकल कॉलेज से यह 3 गुना ज्यादा निर्माण है. इसमें जेके लोन अस्पताल के 156 बेड का इनडोर है, जिसमें पीआईसीयू और एनआईसीयू भी शामिल है. इसके अलावा ओपीडी ब्लॉक में इन्वेस्टिगेशन लैब, रजिस्ट्रेशन एरिया, आईसीयू, इमरजेंसी, ऑपरेशन थिएटर सहित सेमिनार रूम का निर्माण भी हो रहा है.

Kota Medical College, UIT and PWD, कोटा न्यूज़
कोटा मेडिकल कॉलेज में पीडब्ल्यूडी का काम

मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में जून 2018 में 29 करोड़ रुपये स्वीकृत कर द्वितीय तल का निर्माण शुरू करवाया गया था. इसमें पीडब्ल्यूडी को जिम्मेदारी सौंपी गई और 2 साल में काम पूरा करवाना था, लेकिन एक साल ज्यादा गुजर गया है और अभी भी कार्य पूरा नहीं हो पाया है. पीडब्ल्यूडी के अधिकारी पहले तो बजरी की कमी बताते रहे. इसके बाद कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से अस्पताल में काम बंद होना बता दिया गया. साथ ही लेबर की कमी भी बताई.

पढ़ें: Special : जांच पर ब्रेक ! कम स्टाफ और कोरोना काल ने रोकी लोकायुक्त कार्यालय की रफ्तार, साढ़े 6 हजार से ज्यादा शिकायतें पेंडिंग

नगर विकास न्यास ने बीते साल मार्च में जेकेलोन और एमबीएस अस्पताल में ओपीडी और इनडोर ब्लॉक का निर्माण शुरू किया था. शिलान्यास के बाद देश में कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया, जिसमें मई 2020 में छूट दी गई. तब कार्य ने यहां पर गति पकड़ी और 1 साल के भीतर ही 5 मंजिला ओपीडी ब्लॉक एमबीएस अस्पताल का पूरी तरह से खड़ा हो गया है, जिसमें अब फिनिशिंग का कार्य करवाया जा रहा है.

Kota Medical College, UIT and PWD, कोटा न्यूज़
कोटा मेडिकल कॉलेज में यूआईटी का काम

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना का कहना है कि नए अस्पताल में दितीय तल का निर्माण आगामी 2 से 3 महीने में पूरा हो जाएगा. अब उन्होंने निर्णय लेते हुए पूरी फ्लोर को ही ऑक्सीजन बेड में कन्वर्ट करवाया है. ऐसे में मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम का कार्य किया जा रहा है. इसमें भी कॉपर के पाइप मिलने में समस्या आ रही है. इसके चलते काम थोड़ा धीमा चल रहा है, लेकिन संवेदक से कहा गया है कि वो तुरंत कार्य करें, जिससे जल्द से जल्द इसका उपयोग किया जा सके. उन्होंने ये भी कहा कि इसमें 70 बेड आईसीयू में है, जो कि बनकर तैयार भी हो चुका है.

पढ़ें: Special :78 साल के भूतपूर्व सैनिक को साइकिलिंग का जुनून, 41 साल में चलाई साढ़े 7 लाख किलोमीटर साइकिल

यूआईटी के अभियंताओं का कहना है कि यह निर्माण डेढ़ साल में पूरा होना है, जिसको कि अब कार्य अंतिम चरण पर ही चल रहा है. यहां तक कि कुछ हिस्सा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को 31 अगस्त तक ही सुपुर्द कर दिया जाएगा, ताकि वहां पर पीआईसीयू और एनआईसीयू संचालित कर सकें. जबकि इसकी समय सीमा सितंबर महीना है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन भी इसमें पीआईसीयू और एनआईसीयू बनाने के लिए कार्य अन्य कंसलटेंट फर्म से करवाएगा, वह करवा सकते हैं. उन्हें इसके लिए जीवन रक्षक उपकरण भी खरीदने होंगे.

स्मार्ट सिटी के तहत के निर्माण कार्य करवाया जा रहा है. स्मार्ट सिटी के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र कुमार राठौर का कहना है कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के साथ निर्देश है कि निर्माण कार्य में देरी नहीं होगी. ऐसे में हर कार्य की समय सीमा निर्धारित की हुई है. साथ ही लगातार मॉनिटरिंग इन कार्यों की कर रहे हैं. इसी के चलते समय सीमा से ही कार्यों को पूरा करवाना है. इनको पूरा होने के लिए सितंबर 2021 तक का समय है. ऐसे में हमें उम्मीद है कि इस समय सीमा या इसके आसपास पूरे निर्माण को कर दिया जाएगा.

Last Updated : Jul 11, 2021, 2:43 PM IST
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