कोटा. पांच दिवसीय कोटा दौरे पर आए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने शहर में विभिन्न स्थानों पर चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया. यूडीएच मंत्री ने ठेकेदारों से कहा कि काम मे देरी हो रही पर नाराजगी जताई. धारीवाल ने कहा कि वे धीरी गति से चल रहे काम से संतुष्ट नहीं हैं. ऐसे में जुर्माना लगाया जाएगा.
धारीवाल ने यूआईटी सेक्रेटरी को ठेकेदारों पर 10 लाख का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि पूरी कमाई जुर्माने के जरिए ही वसूल ली जाएगी. जवाब में ठेकेदार ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से कहा कि कोटा में चल रहे काम में कमाई नहीं हो रही है. करोड़ों का भुगतान अटका हुआ है.
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ठेकेदार अनूप भरतरिया से कहा कि करीब 10 करोड़ से ज्यादा भुगतान बकाया चल रहा है. ऐसे में वह आगे निर्माण की गति कैसे बढ़ाएंगे. पहले ही भुगतान नहीं हो पा रहा है. श्रमिकों को पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं. निर्माण सामग्री खरीदने के लि धन नहीं है. ठेकेदार ने मंत्री से कहा कि 10 करोड़ बड़ा अमाउंट होता है. हालांकि, ठेकेदार ने मंत्री धारीवाल से कहा कि जिस गति से काम चलना चाहिए, हम वैसे भी उसी गति से काम कर रहे हैं.
एक दर्जन से ज्यादा निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने सुभाष लाइब्रेरी स्टेशन से अपने दौरे की शुरुआत की. इसके बाद अदालत चौराया, एमबीएस हॉस्पिटल, अंटाघर चौराहा, एरोड्रम सर्किल, अंडरपास सहित विवेकानंद चौराहा समेत शहर में विभिन्न स्थानों पर चल रहे निर्माण कार्यो का जायजा लिया. पांच दिवसीय दौरे के तहत धारीवाल शुक्रवार शाम को कोटा पहुंचे. शनिवार सुबह 9 बजे से ही शहर में चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लेना शुरू कर दिया. इस दौरान एक दर्जन से ज्यादा निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. मंत्री धारीवाल ने काम में देरी होने पर नाराजगी भी जताई.
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के साथ जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़, यूआईटी सेक्रेटरी राजेश जोशी, महापौर मंजू मेहरा समेत बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद थे. कोटा शहर में करीब 1000 करोड़ से ज्यादा के निर्माण कार्य चल रहे हैं. इसके चलते रास्तों को डायवर्ट किया हुआ है. इसके चलते आम जन को परेशानी हो रही है. खराब और खस्ताहाल सड़क मार्गों से गुजरना पड़ रहा है. सड़क हादसे भी हो रहे हैं. कई मार्केट ऐसे हैं जहां पर आने-जाने का रास्ता ही नहीं है. मंत्री शांति धारीवाल ने अगस्त में भी दौरा किया था. काम की देरी पर अधिकारियों को फटकारा था.