कोटा. शिवसेना अब राजस्थान में भी चुनावी रणभूमि में उतरने वाली है. कोटा के रहने वाले पदम जैन को शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) का प्रदेश अध्यक्ष यानी राज्य प्रमुख बनाया गया है. पदम जैन ने आज कोटा में मीडिया से बातचीत की ओर से आरएसएस पर हमला बोल दिया. कहा कि यूपी में जब चुनाव थे तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ डीएनए टेस्ट करवाने की बात कह रही थी, लेकिन हाल ही में आरएसएस के प्रमुख मौलवियों से मुलाकात कर रहे हैं.
राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 में होने हैं. ऐसे में महाराष्ट्र में दो फाड़ होने के बाद शिवसेना राजस्थान विधानसभा चुनाव में 200 सीटों पर ताल ठोकने की बात कह (Shiv sena in Rajasthan election 2023) रही है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवसेना के नेता पदम जैन यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि आरएसएस ने मौलवियों के सामने घुटने टेक दिए हैं, जबकि आरएसएस हिंदुत्व के एजेंडे को लेकर शिवसेना पूर्व में भी कार्य कर चुकी है और आगे भी करेगी. प्रदेश में विधानसभा चुनाव में सभी 200 सीटों पर प्रत्याशी (Shiv Sena will contest on 200 seats in Rajasthan) उतारने का दावा किया है.
सर कलम के मुद्दे पर बोले, राजस्थान की कांग्रेस सरकार मौन बैठी
प्रदेश प्रमुख पदम जैन ने उदयपुर के मुद्दे पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सर कलम के मामले पर मौन है. सरकार अपनी सत्ता बचाने के लिए बैठी हुई है, उसे जनता की परवाह नहीं है. वहीं दूसरी और उन्होंने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि जिस तरह योग दिवस मनाया जाता है, उसी तरह से राम मंदिर शिलान्यास के दिन यानी 5 अगस्त 2020 को विश्व हिंदू दिवस के रूप में मनाया जाए.
एकनाथ शिंदे गद्दार और सत्ता लोभी थे
पदम जैन ने महाराष्ट्र के मुद्दे पर कहा कि शिवसेना में कोई दो फाड़ नहीं हैं. उन्होंने एकनाथ शिंदे को गद्दार और सत्ता लोभी बताया. साथ ही कहा कि शिवसेना एक ही है, जिसके मुखिया उद्धव ठाकरे हैं. ये लोग सत्ता के लालच के लिए शिवसेना से टूट कर गए हैं. उन्होंने अपनी कोई नई पार्टी नहीं बनाई है. शिवसेना के दोनों अलग-अलग नाम के सवाल पर जैन ने कहा कि वह लोग अपने आपको शिवसेना बता रहे हैं. उन्होंने संगठन के साथ गद्दारी की है. वह शिवसैनिक नहीं हैं. अंधेरी के उपचुनाव को लेकर ही दोनों अलग-अलग नाम हुए हैं.