कोटा. शहर की ट्रैफिक पुलिस और लायंस क्लब के सहयोग से एक ट्रैफिक नियम पालन के लिए पार्क बनाया गया. जिसमें करीब 11 फिट का हेलमेट बनाया हुआ है. जिसके अन्तर्गत दिशा निर्देश दिए हुए हैं, जंहा ट्रैफिक पुलिस चालान काटने के बजाए इस पार्क में लेकर आते है और उनसे समझाइस की जाती है.
बता दें कि यातायात पुलिस ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के लिए एक अनोखा प्रयोग निकाला है, जिसमें वाहन चालकों के चालान न करके उन्हें यातायात संबंधी दिशा निर्देशित पार्क में ले जाकर यातायात नियमों की जानकारी देने के साथ-साथ उन्हें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर के सामने यातायात नियमों के पालना करने के संदर्भ में शपथ दिलाई जाती है. यही नहीं यातायात पुलिस कर्मियों की ओर से चालान के डर से भागने वाले लोगों को साथ ले जाकर समझाइश करती है और यातायात नियमों को सिखाते है.
सबसे बड़ी बात यह है कि अब तो यातायात पुलिस उन लोगों के लिए भी सहयोगी साबित हो रही है जो कि अपने नए वाहन के लिए लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में जुटे हैं यातायात नियमों के चिन्हों को बखूबी यहां पर प्रदर्शित किया गया है उन चिन्हों के बारे में जानकारी देकर लाइसेंस बनाने वाले लोगों को यातायात नियम से बखूबी जागरूक कराया जा रहा है.
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इस पर यातायात पुलिस के डीएसपी कालू राम ने बताया कि इस प्रकार का ट्रैफिक नियम का वाहन चालकों में विकसित करने के लिए यह पार्क विदित है. जिसकी खूबसूरती यह है कि यह पार्क कोटा की पारिजात कॉलोनी में विकसित है. यह एक ऐसा इलाका है जंहा काफी तादात में कोचिंग संस्थाए चलती है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इसमें युवा वर्ग के लोगों जो वाहन चालक ट्रैफिक नियम तोड़ते है, उनको यहां लाकर जानकारी देते है.
वहीं इसमे जो ग्यारह फिट का हेलमेट बनाया गया है उनको इसके सामने खड़ा कर बताया जाता है कि बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर क्या नुकसान भुगतना पड़ सकता है. इसके अलावा उनको ट्रैफिक स्टाफ के माध्यम से महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने शपथ भी दिलाई जाती है, कि आगे से नियम नही तोड़ेंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि प्रतिदिन आठ से दस वाहन चालकों को यहां लेकर आते है और उनको समझाइस की जाती है.
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लायन्स क्लब के प्रोजेक्ट चेयरमेन अरुण रस्सेवट ने बताया कि इस पार्क का निर्माण करीब चार साल पहले हुआ था. इसका मुख्य उद्देश्य यही था कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करे, कि हेलमेट पहनकर ही दुपहिया वाहन चलाये, कार चलाते वक्त सीट बेल्ट का प्रयोग करे, नशा करके वाहन नही चलाये, इसके बाद भी लोग वाहन चलाते वक्त लापरवाही बरतते है, यह एक तरह की हिंसा है हमे पता है कि इसका क्या परिणाम होगा जो अपने ऊपर भी ओर सामने वाले पर भी.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इसी कड़ी को जोड़ते हुए यह पार्क विकसित किया है, जिसको राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जोड़ते हुए गांधी जी के तीन बंदरो के हिसाब से ही इसको जोड़ा है. नशा करके वाहन ना चलाए, सीट बेल्ट लगाइए, हेलमेट लगाइए और जो ग्यारह फिट का हेलमेट है जो की एक श्रंद्धांजलि प्रतीक चिन्ह के रूप में बनाया है. वह व्यक्ति बिना हेलमेट के रोड़ एक्सीडेंट में मौत हुई. ऐसी दुर्घटनाएं कम से कम हो इसी को लेकर यह पार्क बनाया है.