कोटा. जिले में सोमवार को एक हैरतअंगेज मामला सामने आया. जिसमें एक युवक के ब्रश करते समय टूथब्रश मुंह में चला गया, जिसको चिकित्सकों ने एंडोस्कोपी की मदद से निकाला है. यह 6 इंच लंबा टूथब्रश उसकी खाने की नली में जाकर फंस गया था. जिससे युवक के छाती में भी दर्द शुरू हो गया था. चिकित्सकों ने दावा किया है कि इस तरह से ब्रश निकालने का हाड़ौती में यह पहला ही मामला है.
जानकारी के मुताबिक दादाबाड़ी स्थित निजी अस्पताल में एक परिजन एक युवक को लेकर पहुंचे, जिसको छाती में दर्द और सांस नहीं लेने की शिकायत थी. साथ ही उसे कुछ निगला भी नहीं जा रहा था. परिजनों ने यह भी बताया कि युवक के मुंह में टूथब्रश चला गया है, जो कि अंदर जाकर फंस गया है.
निजी अस्पताल के चिकित्सक ने जांच की, जिसमें सामने आया कि खाने की नली यानी इसोफेगस में ब्रश फंस गया है. जिसके बाद डॉ. खिलजी और डॉ. कपिल गुप्ता ने उसे एंडोस्कोपी के जरिए निकालने का प्लान किया. इसके लिए एनेस्थीसिया के चिकित्सकों को बुलाकर उसे बेहोश किया गया. इसके बाद करीब 10 से 12 मिनट में एंडोस्कोपी के प्रोसीजर से आहार नली से ब्रश को बाहर निकाला. वहीं, 3 घंटे ऑब्जरवेशन के बाद मरीज की छुट्टी भी अस्पताल से कर दी गई है.
डॉ. खिलजी का कहना है कि टूथ ब्रश को आहार नली से निकालना चुनौतीपूर्ण कार्य था. साथ ही इसमें बड़ा जोखिम भी था. उन्होंने बताया कि ब्रश से आहार नली के क्षतिग्रस्त होने का भी खतरा बना हुआ था. हालांकि परिजनों ने यह नहीं बताया कि युवक ने ब्रश किस परिस्थितियों में निगला या डिप्रेशन में चला गया.