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कोटा में कोविड-19 मरीजों की बढ़ सकती है परेशानी, तीन ऑक्सीजन प्लांट हुए ब्रेकडाउन

कोटा में 5 प्लांट ऑक्सीजन जनरेशन कर रहे हैं, जिनमें से दो लिक्विड ऑक्सीजन के हैं, जबकि तीन ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट हैं. इनमें से एक साथ तीन ऑक्सीजन के प्लांट ब्रेकडाउन हो गए हैं, जिससे कोविड-19 मरीजों की मुसीबत खड़ी हो सकती है. इन प्लांटों के जल्दी सुचारू करने के लिए स्टाफ और इंजीनियर लगे हुए हैं.

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तीन ऑक्सीजन प्लांट हुए ब्रेकडाउन
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Published : May 7, 2021, 6:13 PM IST

Updated : May 7, 2021, 7:19 PM IST

कोटा. कोविड-19 के मरीजों के लिए ऑक्सीजन संजीवनी बनी हुई है. लगातार कोटा के 5 प्लांट ऑक्सीजन जनरेशन कर रहे हैं, जिनमें से दो लिक्विड ऑक्सीजन के हैं, जबकि तीन ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट हैं. इनमें से एक साथ तीन ऑक्सीजन के प्लांट ब्रेक डाउन हो गया, जिससे कोविड-19 मरीजों की मुसीबत खड़ी हो सकती है. इन प्लांटों के जल्दी सुचारू करने के लिए स्टाफ और इंजीनियर लगे हुए हैं. अगर लगातार यह कुछ और घंटे बंद रहते हैं तो कोटा में निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए मुसीबत का सबब बन सकते हैं.

तीन ऑक्सीजन प्लांट हुए ब्रेकडाउन

इस जानकारी के बाद कोटा जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है. साथ ही लगातार ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग कर रहे अधिकारी भी इन ऑक्सीजन प्लांट ऊपर पहुंच गए हैं. जिनमें खुद प्रशिक्षु आईपीएस मृत्युंजय सिंह और ऑक्सीजन सप्लाई की पूरी व्यवस्था देख रहे सीनियर रीजनल मैनेजर एसके गर्ग शामिल है. कोटा में जहां पर दिन भर में करीब 2400 के आसपास ऑपरेशन के सिलेंडर भरे जाते हैं. इनमें से 500 ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफलिंग अभी तक कम हुई है, जिससे कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों तक भी असर इनका पहुंचेगा. बंद हुए प्लांटों को दुरुस्त करने के लिए कोटा ऑक्सीजन प्लांट के इंजीनियरों जितेंद्र राठौड़, ड्रग कंट्रोल ऑफिसर रोहिताश्व नागर और निशांत बघेरवाल भी पहुंचे हैं.

यह भी पढ़ें- ऑक्सीजन की मार : अस्पताल के ICU से बाईपैप मशीन ही चोरी कर ले गए

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए रीको के सीनियर रीजनल मैनेजर एसके गर्ग ने बताया कि सुबह 10 बजे के करीब से ही रानपुर स्थित हाड़ौती इंडस्ट्रियल गैस के प्लांट से ऑक्सीजन का निर्माण बंद हो गया था. ये लिक्विड ऑक्सीजन का प्लांट है. ऐसे में तकनीकी कमी को दूर करने के लिए इंजीनियरों को लगाया गया है और शाम करीब पौने 6 बजे यह चालू हुआ है, जिससे उत्पादन शुरू हुआ है. इसके अलावा रानपुर में ही विल्सन के ऑक्सीजन जनरेशन और लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट तकनीकी खामी से बंद हो गए हैं. जिनको दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.

सिंगल सिलेंडर देने पर लगाई पाबंदी

तीन प्लांट के अचानक बंद हो जाने के बाद डीसीएम रोड स्थित कोटा ऑक्सीजन और रानपुर स्थित विल्सन के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट से अस्पतालों को सप्लाई की जा रही है. ऐसे में जो मरीज घर पर हैं. उनको सिंगल सिलेंडर कोटा ऑक्सीजन से दिए जा रहे थे, जिस पर शाम को पाबंदी लगा दी गई है. इससे मरीज के परिजन भी कोटा ऑक्सीजन प्लांट के बाहर परेशान हो रहे हैं. उन्हें सिलेंडर रिफिल नहीं किए जा रहे हैं.

कोटा. कोविड-19 के मरीजों के लिए ऑक्सीजन संजीवनी बनी हुई है. लगातार कोटा के 5 प्लांट ऑक्सीजन जनरेशन कर रहे हैं, जिनमें से दो लिक्विड ऑक्सीजन के हैं, जबकि तीन ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट हैं. इनमें से एक साथ तीन ऑक्सीजन के प्लांट ब्रेक डाउन हो गया, जिससे कोविड-19 मरीजों की मुसीबत खड़ी हो सकती है. इन प्लांटों के जल्दी सुचारू करने के लिए स्टाफ और इंजीनियर लगे हुए हैं. अगर लगातार यह कुछ और घंटे बंद रहते हैं तो कोटा में निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए मुसीबत का सबब बन सकते हैं.

तीन ऑक्सीजन प्लांट हुए ब्रेकडाउन

इस जानकारी के बाद कोटा जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है. साथ ही लगातार ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग कर रहे अधिकारी भी इन ऑक्सीजन प्लांट ऊपर पहुंच गए हैं. जिनमें खुद प्रशिक्षु आईपीएस मृत्युंजय सिंह और ऑक्सीजन सप्लाई की पूरी व्यवस्था देख रहे सीनियर रीजनल मैनेजर एसके गर्ग शामिल है. कोटा में जहां पर दिन भर में करीब 2400 के आसपास ऑपरेशन के सिलेंडर भरे जाते हैं. इनमें से 500 ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफलिंग अभी तक कम हुई है, जिससे कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों तक भी असर इनका पहुंचेगा. बंद हुए प्लांटों को दुरुस्त करने के लिए कोटा ऑक्सीजन प्लांट के इंजीनियरों जितेंद्र राठौड़, ड्रग कंट्रोल ऑफिसर रोहिताश्व नागर और निशांत बघेरवाल भी पहुंचे हैं.

यह भी पढ़ें- ऑक्सीजन की मार : अस्पताल के ICU से बाईपैप मशीन ही चोरी कर ले गए

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए रीको के सीनियर रीजनल मैनेजर एसके गर्ग ने बताया कि सुबह 10 बजे के करीब से ही रानपुर स्थित हाड़ौती इंडस्ट्रियल गैस के प्लांट से ऑक्सीजन का निर्माण बंद हो गया था. ये लिक्विड ऑक्सीजन का प्लांट है. ऐसे में तकनीकी कमी को दूर करने के लिए इंजीनियरों को लगाया गया है और शाम करीब पौने 6 बजे यह चालू हुआ है, जिससे उत्पादन शुरू हुआ है. इसके अलावा रानपुर में ही विल्सन के ऑक्सीजन जनरेशन और लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट तकनीकी खामी से बंद हो गए हैं. जिनको दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.

सिंगल सिलेंडर देने पर लगाई पाबंदी

तीन प्लांट के अचानक बंद हो जाने के बाद डीसीएम रोड स्थित कोटा ऑक्सीजन और रानपुर स्थित विल्सन के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट से अस्पतालों को सप्लाई की जा रही है. ऐसे में जो मरीज घर पर हैं. उनको सिंगल सिलेंडर कोटा ऑक्सीजन से दिए जा रहे थे, जिस पर शाम को पाबंदी लगा दी गई है. इससे मरीज के परिजन भी कोटा ऑक्सीजन प्लांट के बाहर परेशान हो रहे हैं. उन्हें सिलेंडर रिफिल नहीं किए जा रहे हैं.

Last Updated : May 7, 2021, 7:19 PM IST
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