कोटा. जेके लोन अस्पताल में बुधवार को भी तीन बच्चों की मौत हुई है. जिनमें से 2 नवजात और एक डेढ़ माह का बच्चा था. डेढ़ माह के बच्चे की मौत निमोनिया से होने की वजह बताया जा रहा है. वहीं एक नवजात जिसकी मौत हुई है, वह 5 दिनों से आईसीयू में वेंटीलेटर पर भर्ती था, लेकिन उसे भी डॉक्टर नहीं बचा पाए. वहीं एक नवजात बच्चा भी जन्मजात विकृति के साथ पैदा हुआ था, ऐसे में उसकी भी मृत्यु हो गई है.
जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में छाया हुआ है. इसके चलते चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी जेके लोन अस्पताल का दौरा कर चुके हैं. वहीं जिन बच्चों की मौत हुई है. उनकी परिजनों से भी मुलाकात कर चुके हैं. साथ ही राज्य के चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया और एसएमएस के चिकित्सक भी यहां पर आकर जांच कर चुके हैं. साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने भी एक रिपोर्ट तैयार की है. जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपा जाएगा.
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हालांकि इसके बावजूद भी राज्य सरकार ने कई प्रयास किए हैं. अस्पताल प्रबंधन ने कई व्यवस्थाओं में बदलाव किए हैं और उपकरणों को दुरुस्त करवाया हैं, लेकिन बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. जेके लोन अस्पताल में बुधवार को भी तीन बच्चों की मौत हुई है. जिनमें से 2 नवजात और एक डेढ़ माह का बच्चा था. डेढ़ माह के बच्चे की मौत निमोनिया से होना चिकित्सक बता रहे हैं.
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वहीं एक नवजात जिसकी मौत हुई है, वह 5 दिनों से आईसीयू में वेंटीलेटर पर भर्ती था, लेकिन उसे भी चिकित्सक नहीं बचा पाए हैं. वहीं एक नवजात बच्चा भी जन्मजात विकृति के साथ पैदा हुआ था, ऐसे में उसकी भी मृत्यु हुई है. बच्चों की मौत में लगातार बदनाम होने वाले जेके लोन अस्पताल में बीते 40 दिनों में मौत का आंकड़ा 116 पहुंच गया है. जनवरी माह में बीते 9 दिनों में यहां पर 16 बच्चों की मौत हुई है.
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वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा ने गायनी और पीडियाट्रिक के चिकित्सकों के साथ मीटिंग की और साफ निर्देश दिए हैं कि जो भी नवजात सामान्य जन्म लेता है और अपनी मां के साथ गायनिक के वार्ड में भर्ती रहता है. उसे रोजाना पीडियाट्रिक के चिकित्सक भी जाकर देखेंगे और लगातार राउंड लेंगे.