रामगंजमंडी/कोटा. क्षेत्र के तहसील की गादिया ग्राम पंचायत में ग्रामीणों के लिए शमशान जाने का रास्ता तक नही है. आप सोच रहे होंगे कि यह कैसे हो सकता है लेकिन यह सच है. पुरानी व्यवस्थाओं की वजह से राजस्व रिकॉर्ड में मुक्तिधाम का जिक्र तो है लेकिन वहां जाने वाले रास्ते का कोई उल्लेख नहीं है.
ऐसे में अंतिम संस्कार के लिए जाने वाले ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालात इतने विकट है कि अंतिम यात्रा में शामिल होने वाले लोग कीचड़ और खेतों के बीच से होकर शव को लेकर मुक्तिधाम पहुंचते हैं.
मुक्तिधाम में कई सुविधाओं का भी अभाव है. बता दें कि रविवार को गांव में किसान तूफानसिंह भील की तबीयत खराब होने से उनकी मृत्यु हो गई थी जिनके अंतिम संस्कार के लिये ग्रामीण जब शमशान गए तो शमशान में रास्ता नही होने से उन्हें खेतों और कीचड़ में से होकर निकलना पड़ा. तब ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत और प्रशासन पर अपना आक्रोश जताया.
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साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि यही समस्या पिछले वर्ष भी आई थी तब भी ग्रामीणों ने आक्रोश जताया था तब प्रशासन ने जल्द समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था लेकिन पूरा एक वर्ष हो गया अभी तक गांव के शमशान की समस्या पर किसी ने ध्यान नही दिया है.
वही समाज सेवक डी आर धाकड़ ने बताया कि इस समस्या को कई साल बीत गए लेकिन पिछले साल ग्रामीणों ने एस डी एम को ज्ञापन भी दिया था. ज्ञापन पर जनप्रतिनिधि संतोष धाकड़ ने एस डी एम व तहसीलदार को मौका भी दिखाया था लेकिन कार्यवाही के नाम पर आज तक कुछ नही हुआ. अगर इस समस्या का समाधान जल्द नही करवाया गया तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करेंगे.