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कोटा: रेलवे के 100 ट्रैक मेंटेनर कोरोना पॉजिटिव, माकूल व्यवस्था नहीं होने पर प्रदर्शन की दी चेतावनी

कोटा रेल मंडल में पिछले एक महीने में 100 से ज्यादा ट्रैक मेंटेनर कोरोना पॉजिटिव के बावजूद रेलवे प्रशासन इनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है. ऐसे में ट्रैक मेंटेनरों ने चेतावनी दी है कि प्रशासन कोई माकूल व्यवस्था नहीं करता है, तो इसका विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

Track Maintainer Protest, Track Maintainer Protest in Kota
रेलवे के 100 ट्रैक मेंटेनर कोरोना पॉजिटिव
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Published : May 9, 2021, 2:04 PM IST

कोटा. कोटा रेल मंडल में पिछले करीब एक महीने में 100 से अधिक ट्रैक मेंटेनर कोरोना पॉजिटिव चुके हैं. इसके बाद भी रेल प्रशासन में ट्रैक मेंटेनर की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ट्रैक मेंटेनरों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्दी ही उनके लिए काम की माकूल व्यवस्था नहीं की गई तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

Track Maintainer Protest, Track Maintainer Protest in Kota
माकूल व्यवस्था नहीं होने पर प्रदर्शन की दी चेतावनी

ग्रुप में रहकर करना होता है काम

कोटा रेल मंडल में ट्रैक मेंटेनरों की करीब 150 गैंग हैं. प्रत्येक गैंग में 20 से 30 कर्मचारी तक होते हैं. सभी कर्मचारियों का काम ट्रैक मेंटेनेंस का होता है, जो ग्रुप में किये बिना संभव नही होता. छोटे-छोटे स्टेशनों पर ये कर्मचारी रहते हैं. जहां ना कोई मार्केट है और ना किसी प्रकार में मेडिकल सुविधा. इसके बाद भी रेलवे द्वारा ट्रैक मेंटेनरों का प्राथमिकता से वैक्सीनेशन भी नहीं कराया जा रहा है.

Track Maintainer Protest, Track Maintainer Protest in Kota
रेलवे के 100 ट्रैक मेंटेनर कोरोना पॉजिटिव

पढ़ें- जेडीए ने किए हाथ खड़े, पुलिस को कहा- अब किसी को मत भेजो क्वॉरेंटाइन सेंटर

ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेन्टेनर यूनियन के पदाधिकारी मुकेश योगी ने बताया कि शुक्रवार को भी छबड़ा-गुगोर सेक्शन की सालपुरा स्टेशन गैंग, बारां सेक्शन के अंता गैंग तथा लाखेरी सेक्शन के दहीखेड़ा स्टेशन गैंग में भी कई कर्मचारी पॉजिटिव आए. इनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है. इसके बाद भी अधिकारियों ने साथ में काम करने वाले कर्मचारियों की जांच कराना जरूरी नहीं समझ रहा है. ट्रैक मेंटेनरों को लगातार ग्रुप में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

लगातार मांग के बावजूद भी ट्रैक मेंटेनर को एक दिन छोड़कर एक दिन नहीं बुलाया जा रहा है, जबकि पिछली कोरोना लहर में ट्रैक मेंटेनरों को एक दिन छोड़कर एक दिन ड्यूटी पर बुलाया गया था.

राष्ट्रीय संगठन महासचिव अभय सिंह मीना ने बताया कि रेलवे की रीढ़ माने जाने वाले ट्रैक मेंटेनरों से कोरोना काल में सिर्फ आपातकालीन काम ही कराए जाने चाहिए, ताकि ट्रैक मेंटेनरों को कोरोना संक्रमित होने से बचाया जा सके. ट्रैक मेंटेनर समूह में काम करते हैं. ऐसे में इन्हें संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है.

कोटा. कोटा रेल मंडल में पिछले करीब एक महीने में 100 से अधिक ट्रैक मेंटेनर कोरोना पॉजिटिव चुके हैं. इसके बाद भी रेल प्रशासन में ट्रैक मेंटेनर की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ट्रैक मेंटेनरों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्दी ही उनके लिए काम की माकूल व्यवस्था नहीं की गई तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

Track Maintainer Protest, Track Maintainer Protest in Kota
माकूल व्यवस्था नहीं होने पर प्रदर्शन की दी चेतावनी

ग्रुप में रहकर करना होता है काम

कोटा रेल मंडल में ट्रैक मेंटेनरों की करीब 150 गैंग हैं. प्रत्येक गैंग में 20 से 30 कर्मचारी तक होते हैं. सभी कर्मचारियों का काम ट्रैक मेंटेनेंस का होता है, जो ग्रुप में किये बिना संभव नही होता. छोटे-छोटे स्टेशनों पर ये कर्मचारी रहते हैं. जहां ना कोई मार्केट है और ना किसी प्रकार में मेडिकल सुविधा. इसके बाद भी रेलवे द्वारा ट्रैक मेंटेनरों का प्राथमिकता से वैक्सीनेशन भी नहीं कराया जा रहा है.

Track Maintainer Protest, Track Maintainer Protest in Kota
रेलवे के 100 ट्रैक मेंटेनर कोरोना पॉजिटिव

पढ़ें- जेडीए ने किए हाथ खड़े, पुलिस को कहा- अब किसी को मत भेजो क्वॉरेंटाइन सेंटर

ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेन्टेनर यूनियन के पदाधिकारी मुकेश योगी ने बताया कि शुक्रवार को भी छबड़ा-गुगोर सेक्शन की सालपुरा स्टेशन गैंग, बारां सेक्शन के अंता गैंग तथा लाखेरी सेक्शन के दहीखेड़ा स्टेशन गैंग में भी कई कर्मचारी पॉजिटिव आए. इनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है. इसके बाद भी अधिकारियों ने साथ में काम करने वाले कर्मचारियों की जांच कराना जरूरी नहीं समझ रहा है. ट्रैक मेंटेनरों को लगातार ग्रुप में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

लगातार मांग के बावजूद भी ट्रैक मेंटेनर को एक दिन छोड़कर एक दिन नहीं बुलाया जा रहा है, जबकि पिछली कोरोना लहर में ट्रैक मेंटेनरों को एक दिन छोड़कर एक दिन ड्यूटी पर बुलाया गया था.

राष्ट्रीय संगठन महासचिव अभय सिंह मीना ने बताया कि रेलवे की रीढ़ माने जाने वाले ट्रैक मेंटेनरों से कोरोना काल में सिर्फ आपातकालीन काम ही कराए जाने चाहिए, ताकि ट्रैक मेंटेनरों को कोरोना संक्रमित होने से बचाया जा सके. ट्रैक मेंटेनर समूह में काम करते हैं. ऐसे में इन्हें संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है.

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