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EXCLUSIVE: कोरोना से मौत के आंकड़ों को छुपाने में जुटी सरकार...बीते 4 दिनों में 12 की मौत, सरकार ने बताया सिर्फ 4 - Corona figure in Kota

राजस्थान में भी कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. साथ ही कोरोना के कारण मौतों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है. लेकिन राज्य सरकार अब कोरोना मरीजों और उनकी मौतों का आंकड़ा छुपाना शुरू कर दिया है. बीते 4 दिनों की बात की जाए तो कोटा में 12 लोगों की मौत हुई है, लेकिन सरकार महज 4 मौतें ही बताई है. देखिए ये रिपोर्ट...

Rajasthan government latest news,  Rajasthan government is hiding the death case from Corona
आंकड़े छुपा रही सरकार
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Published : Sep 3, 2020, 10:34 PM IST

कोटा. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Corona Virus) ने पूरी दुनिया में दहशत फैलाई हुई है. भारत में संक्रमितों की संख्या 38 लाख को पार कर गई है. आज पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है. अधिकतर अस्पतालों को कोविड वार्ड में तब्दील कर दिया गया है. देशभर के डॉक्टर कोविड मरीजों की देखभाल में लगे हुए हैं.

राजस्थान में भी कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. साथ ही कोरोना के कारण मौतों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, राज्य सरकार अब कोरोना मरीजों और उनकी मौतों का आंकड़ा छुपाना शुरू कर दिया है. बीते 4 दिनों की बात की जाए तो कोटा में 12 लोगों की मौत हुई है, लेकिन सरकार महज 4 मौतें ही बताई है. इनमें से 2 मरीज तो ऐसे हैं जिनकी मौत होम आइसोलेशन में ही हो गई.

कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों को छुपाने में जुटी सरकार.

इसके अलावा मेडिकल कॉलेच में भी उपचार के दौरान मरीजों की मौतें सामने आई हैं, लेकिन सरकार इसे नहीं बता रही है. वहीं, इस संबंध में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन भी कुछ कहने से बच रहा है. इसको लेकर कोटा के CMHO डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर का कहना है कि उनके पास जो भी डाटा आता है, उसे जयपुर भेज देते हैं. मतलब साफ है कि सरकार कहीं ना कहीं कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा छुपा रही है.

पढ़ें- SPECIAL: जोधपुर में युवाओं को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है कोरोना, अगस्त में 50 फीसदी हुए संक्रमित

ईटीवी भारत जब कोटा में कोरोना से मरीजों की हो रही मौतों का आंकड़ा जुटाया तो सामने आया कि पिछले 4 दिनों में नए अस्पताल की मोर्चरी में कोटा जिले और शहर के 11 लोगों के शव को लाया गया. जबकि कोविड-19 मरीज की होम आइसोलेशन में मौत होने के बाद शव को परिजनों ने ही अंतिम संस्कार कर दिया था.

मेडिकल कॉलेज में 100 से ज्यादा की मौत, विभाग 75 बता रहा

मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल को कोविड-19 डेडीकेटेड हॉस्पिटल के रूप में संचालित किया जा रहा है. नए अस्पताल में 450 से ज्यादा लोगों की मौत सामने आ रही है. इनके शव मोर्चरी में पहुंचे हैं. इसमें से 170 लोग कोविड-19 के पॉजिटिव थे, जिनमें से 100 से ज्यादा लोग कोटा जिले के हैं. जबकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अभी तक केवल 76 मौतें ही बता रहा है. वहीं, अन्य जिनकी उपचार के दौरान मौत हुई है, उनमें बूंदी, बारां, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, सवाई माधोपुर, मध्य प्रदेश के भानपुरा, यूपी के झांसी और कानपुर निवासी शामिल हैं.

मरीजों की मौत का आंकड़ा

  • 31 अगस्त को 6 मौत हुई, लेकिन सरकार ने एक मौत बताई.
  1. कंसुआ निवासी 70 वर्षीय वृद्ध
  2. महावीर नगर निवासी 65 वर्षीय वृद्ध
  3. प्रगति नगर निवासी 69 वर्षीय वृद्ध
  4. देश की धरती कार्यालय के पीछे निवासी 87 वर्षीय वृद्ध
  5. विज्ञान नगर निवासी 80 वर्षीय वृद्ध
  6. खाई रोड निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद होम आइसोलेशन में मौत. परिजनों ने ही अंतिम संस्कार कर दिया.
  • 1 सितंबर को 2 लोगों की मौत हुई, लेकिन सरकार ने एक मौत बताई.
  1. होम आइसोलेशन में रावतभाटा रोड पोल्ट्री फॉर्म निवासी 36 वर्षीय महिला.
  2. नए अस्पताल में सकतपुरा निवासी 50 वर्षीय महिला.
  • 2 सितंबर को 3 लोगों की मौत हुई, लेकिन सरकार ने 2 मौत बताई.
  1. टीचर्स कॉलोनी निवासी 84 वर्षीय बुजुर्ग.
  2. वार्ड नंबर 36 कोटा निवासी 59 वर्षीय महिला.
  3. आरकेपुरम निवासी 72 वर्षीय बुजुर्ग, सुभाष पताल से मेडिकल कॉलेज में आए, यहां पर मौत.
  • 3 सितंबर को एक की मौत, सरकार ने नहीं की घोषणा
  1. लाडपुरा निवासी 48 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई.

ये उठ रहे सवाल....

  • परिजनों को क्यों नहीं सौंप रहे शव?
  • इन लोगों की मौत कोरोना वायरस से नहीं हुई तो इनके शव परिजनों को क्यों नहीं दिए?
  • प्रशासन ने ही क्यों किया इन लोगों का अंतिम संस्कार?
  • जब मोटिलिटी भी नहीं हो रही और केस भी नहीं आ रहा है तो कोटा में 7 दिन का लॉकडाउन क्यों लगाया?
  • मरीज नहीं आ रहे हैं तो 3 निजी अस्पतालों का अधिग्रहण क्यों किया गया?
  • मेडिकल कॉलेज में लगातार ऑक्सीजन सिलेंडरों की मांग क्यों बढ़ गई है?

कोटा. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Corona Virus) ने पूरी दुनिया में दहशत फैलाई हुई है. भारत में संक्रमितों की संख्या 38 लाख को पार कर गई है. आज पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है. अधिकतर अस्पतालों को कोविड वार्ड में तब्दील कर दिया गया है. देशभर के डॉक्टर कोविड मरीजों की देखभाल में लगे हुए हैं.

राजस्थान में भी कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. साथ ही कोरोना के कारण मौतों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है. वहीं, राज्य सरकार अब कोरोना मरीजों और उनकी मौतों का आंकड़ा छुपाना शुरू कर दिया है. बीते 4 दिनों की बात की जाए तो कोटा में 12 लोगों की मौत हुई है, लेकिन सरकार महज 4 मौतें ही बताई है. इनमें से 2 मरीज तो ऐसे हैं जिनकी मौत होम आइसोलेशन में ही हो गई.

कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों को छुपाने में जुटी सरकार.

इसके अलावा मेडिकल कॉलेच में भी उपचार के दौरान मरीजों की मौतें सामने आई हैं, लेकिन सरकार इसे नहीं बता रही है. वहीं, इस संबंध में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन भी कुछ कहने से बच रहा है. इसको लेकर कोटा के CMHO डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर का कहना है कि उनके पास जो भी डाटा आता है, उसे जयपुर भेज देते हैं. मतलब साफ है कि सरकार कहीं ना कहीं कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा छुपा रही है.

पढ़ें- SPECIAL: जोधपुर में युवाओं को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है कोरोना, अगस्त में 50 फीसदी हुए संक्रमित

ईटीवी भारत जब कोटा में कोरोना से मरीजों की हो रही मौतों का आंकड़ा जुटाया तो सामने आया कि पिछले 4 दिनों में नए अस्पताल की मोर्चरी में कोटा जिले और शहर के 11 लोगों के शव को लाया गया. जबकि कोविड-19 मरीज की होम आइसोलेशन में मौत होने के बाद शव को परिजनों ने ही अंतिम संस्कार कर दिया था.

मेडिकल कॉलेज में 100 से ज्यादा की मौत, विभाग 75 बता रहा

मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल को कोविड-19 डेडीकेटेड हॉस्पिटल के रूप में संचालित किया जा रहा है. नए अस्पताल में 450 से ज्यादा लोगों की मौत सामने आ रही है. इनके शव मोर्चरी में पहुंचे हैं. इसमें से 170 लोग कोविड-19 के पॉजिटिव थे, जिनमें से 100 से ज्यादा लोग कोटा जिले के हैं. जबकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अभी तक केवल 76 मौतें ही बता रहा है. वहीं, अन्य जिनकी उपचार के दौरान मौत हुई है, उनमें बूंदी, बारां, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, सवाई माधोपुर, मध्य प्रदेश के भानपुरा, यूपी के झांसी और कानपुर निवासी शामिल हैं.

मरीजों की मौत का आंकड़ा

  • 31 अगस्त को 6 मौत हुई, लेकिन सरकार ने एक मौत बताई.
  1. कंसुआ निवासी 70 वर्षीय वृद्ध
  2. महावीर नगर निवासी 65 वर्षीय वृद्ध
  3. प्रगति नगर निवासी 69 वर्षीय वृद्ध
  4. देश की धरती कार्यालय के पीछे निवासी 87 वर्षीय वृद्ध
  5. विज्ञान नगर निवासी 80 वर्षीय वृद्ध
  6. खाई रोड निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद होम आइसोलेशन में मौत. परिजनों ने ही अंतिम संस्कार कर दिया.
  • 1 सितंबर को 2 लोगों की मौत हुई, लेकिन सरकार ने एक मौत बताई.
  1. होम आइसोलेशन में रावतभाटा रोड पोल्ट्री फॉर्म निवासी 36 वर्षीय महिला.
  2. नए अस्पताल में सकतपुरा निवासी 50 वर्षीय महिला.
  • 2 सितंबर को 3 लोगों की मौत हुई, लेकिन सरकार ने 2 मौत बताई.
  1. टीचर्स कॉलोनी निवासी 84 वर्षीय बुजुर्ग.
  2. वार्ड नंबर 36 कोटा निवासी 59 वर्षीय महिला.
  3. आरकेपुरम निवासी 72 वर्षीय बुजुर्ग, सुभाष पताल से मेडिकल कॉलेज में आए, यहां पर मौत.
  • 3 सितंबर को एक की मौत, सरकार ने नहीं की घोषणा
  1. लाडपुरा निवासी 48 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई.

ये उठ रहे सवाल....

  • परिजनों को क्यों नहीं सौंप रहे शव?
  • इन लोगों की मौत कोरोना वायरस से नहीं हुई तो इनके शव परिजनों को क्यों नहीं दिए?
  • प्रशासन ने ही क्यों किया इन लोगों का अंतिम संस्कार?
  • जब मोटिलिटी भी नहीं हो रही और केस भी नहीं आ रहा है तो कोटा में 7 दिन का लॉकडाउन क्यों लगाया?
  • मरीज नहीं आ रहे हैं तो 3 निजी अस्पतालों का अधिग्रहण क्यों किया गया?
  • मेडिकल कॉलेज में लगातार ऑक्सीजन सिलेंडरों की मांग क्यों बढ़ गई है?
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