कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने सोमवार को जेईई मेन 2022 का रिजल्ट जारी किया, इसमें एक ही विद्यार्थी की 2 ऑल इंडिया रैंक जारी कर दी गई है. ऐसा फॉर्म फिलिंग प्रोसेस के दौरान स्टूडेंट्स के अलग-अलग सेशन के अलग-अलग फॉर्म भरने के चलते हुआ. परिणाम जारी करते समय नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इस आवेदन फॉर्म को मर्ज नहीं किया. इसी के कारण एक ही स्टूडेंट्स की दो ऑल इंडिया रैंक जारी हो गई (Students get two ranks in JEE Main) है.
मध्य प्रदेश के निखिल पाटीदार ने भी इस तरह की सूचना सोशल मीडिया पर साझा की है और अपने दोनों स्कोर कार्ड जारी किए हैं. जिनमें उनका पहला एप्लीकेशन नंबर अंतिम नम्बर में 358 है. जबकि दूसरे वाले में एप्लीकेंट अंतिम नंबर 265 है. इन दोनों स्कोर कार्ड में सब जानकारियां समान हैं, लेकिन उसके रैंक और परिणाम में अंतर है. क्रमांक संख्या 358 में उसकी ऑल इंडिया रैंक 40469 आ रही है, जबकि केटेगरी में ओबीसी एनसीएल में उसकी रैंक 11002 है.
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वहीं, दूसरे आवेदन क्रमांक 265 में उसकी रैंक 100297 व ओबीसी एनसीएल कैटेगरी में 29721 है. कोटा में ही एक विद्यार्थी राकेश के साथ ऐसा हुआ है. जिसके जेईईमेन के एक सेशन में 52,000 से ज्यादा की रैंक बनी है और दूसरे में 49 हजार के आसपास रैंक बनी है. जबकि उसके रिजल्ट में सारी जानकारियां एक जैसी हैं, केवल फॉर्म फिलिंग का नंबर ही अलग है. इसमें डेट ऑफ बर्थ, लेकर मां - पिता और स्टूडेंट की अन्य जानकारी एक ही है.
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कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने इस बारे में कहा कि जिन विद्यार्थियों की दो रैंक आई है और अन्य सभी को किसी तरह की कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है. ये विद्यार्थी कम रैंक वाले स्कोर कार्ड के जरिए जेईई एडवांस का फॉर्म फिलिंग और काउंसलिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं. हालांकि उन्होंने माना कि इतिहास में पहली बार इस तरह से एक विद्यार्थी की दो एआईआर जारी हुई है.
बदल सकती है JEE MAIN की AIR: कई परीक्षा देने वाले स्टूडेंट के साथ भी ऐसा ही हुआ है. जिसने सोशल मीडिया पर भी अपने दोनों स्कोरकार्ड साझा किए हैं. साथ ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से आग्रह किया है कि दोनों को मर्ज कर दें. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी अगर विद्यार्थियों की इस गलती पर उनके एप्लीकेशन नंबर को मर्ज कर दोबारा स्कोर कार्ड जारी करती है. इस स्थिति में कुछ विद्यार्थियों की ऑल इंडिया रैंक भी मर्ज हो जाएगी. ऐसे में जिन विद्यार्थियों के साथ यह गड़बड़ी हुई है, उनसे नीचे के विद्यार्थियों की ऑल इंडिया रैंक बदल भी सकती है.
जुलाई सेशन के फॉर्म भरने के दौरान हुई गड़बड़ी: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जुलाई सेशन के फॉर्म भरने के दौरान शुरुआत में कोई ब्रेकअप नहीं लगाया था. हालांकि जुलाई सेशन में 20 जून के आवेदन क्रमांक से फॉर्म भरने की छूट दी थी, लेकिन कई विद्यार्थियों ने इसमें गलती कर दी. विद्यार्थियों ने फ्रेश कैंडिडेट के तौर पर यह फॉर्म भर दिया था. ऐसे में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने परिणाम जारी करते समय इन विद्यार्थियों को एक मानने की जगह अलग-अलग माना है.
स्टूडेंट्स ने 26 जुलाई के रिजल्ट पर जताई आपत्ति: परिणाम के बाद 26 जुलाई को सुबह की पारी में परीक्षा देने वाले कई विद्यार्थी भी असंतुष्ट नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि जिस तरह से उनके रिकॉर्डेड रिस्पांस शीट, क्वेश्चन पेपर और आंसर की जारी की गई थी. उनके मिलान में ज्यादा अंक उनके आ रहे थे, लेकिन जब आज रिजल्ट जारी हुआ है, तब उसमें परसेंटाइल कम बना है. इस संबंध में सोशल मीडिया पर भी उन्होंने अभियान छेड़ दिया और ट्विटर पर यह ट्रेंड भी हो रहा है.
कई विद्यार्थी हो गए टॉप 2.5 लाख से बाहर- जेईई मेन के परिणाम में दो ऑल इंडिया रैंक वाले विद्यार्थियों की संख्या भी सैकड़ों है. जेईई मेन परीक्षा के टॉप 2 लाख 50 हजार विद्यार्थियों का चयन एडवांस परीक्षा के लिए किया जाता है. ऐसे में जब सैकड़ों विद्यार्थियों को दो रैंक जारी कर दी गई तो इनमें से अधिकांश विद्यार्थी टॉप ढाई लाख में शामिल हैं. इसका असर नीचे के विद्यार्थियों पर पड़ा है, वे जेईई मेन के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए हैं. अब अगर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी दोबारा से एआईआर जारी करेगी, तब इनमें से कुछ विद्यार्थियों का एडवांस के लिए चयन हो सकता है.