कोटा. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित होने वाली राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट-2021) कोविड-19 की वजह से फिर रद्द कर दी गई है. इस पर स्टूडेंट्स और फैकल्टी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उनका मनोबल लगातार सरकार गिरा रही है. अभी तो कोविड-19 की वजह से परीक्षा को रद्द किया गया, लेकिन पहले 4 बार भी परीक्षा को रद्द किया गया है. इसके चलते सभी स्टूडेंट तनाव में हैं और बेरोजगारी का दंश भी झेल रहे हैं.
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रीट परीक्षा के लिए 16,40,319 आवेदन आए हैं. इनमें प्रथम लेवल के लिए 3,63,317 व द्वितीय लेवल के लिए 3,63,819 हैं. वहीं दोनों लेवल के लिए 9,13,183 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. फैकल्टी ने स्टूडेंट्स को सलाह दी है कि वह कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना करें. साथ ही घर पर ही सेल्फ स्टडी करें. ताकि अब जब भी परीक्षा हो तो उन्हें पिछला अच्छी तरह से रिवीजन हो जाए. आखिरी बार यह परीक्षा वर्ष 2018 में हुई थी. इसके बाद लगातार तिथि घोषित हुई, लेकिन वापस सरकार ने उसे स्थगित कर दिया.
तिथि तय करते समय सरकार को देखना चाहिए था
स्टूडेंट्स का कहना है कि सरकार को 25 अप्रैल की तिथि तय करने के पहले देखना चाहिए था कि उस दिन कोई सरकारी छुट्टी या त्योहार तो नहीं है. इसका भी ध्यान नहीं रखते हुए पहले तिथि की घोषणा कर दी. बाद में जैन समाज के लोगों ने इसका विरोध किया और तिथि बदलने की मांग की. इसके चलते ही परीक्षा की तिथि 20 जून की गई थी, जो भी कोविड-19 की वजह से अब स्थगित कर दी गई है. जबकि अगर 25 अप्रैल की जगह सरकार पहले ध्यान रखकर तिथि की घोषणा करती, तो परीक्षा सकुशल पूरी हो चुकी होती.
लॉकडाउन हो जाता है मुसीबत
गांव से कोटा परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स का कहना है कि पिछली बार भी वे परीक्षा की तैयारी कर रहे थे और लॉकडाउन लग गया था. इसके चलते वापस गांव जाना पड़ा और उनका सामान कोटा में मकानों में ही छूट गया. जिनका पूरा किराया उन्होंने भुगता है. साथ ही इस बार भी लॉकडाउन जैसे हालात कर दिए गए हैं. अब न तो उनकी पढ़ाई हो पा रही है, कोचिंग भी बंद हैं. ऐसे में वह घर जाने को मजबूर हैं. क्योंकि यहां पर राशन की भी पूरी व्यवस्था नहीं है.
लाख रुपए से ज्यादा हुआ कोचिंग का खर्चा
कोटा के ग्रामीण इलाके से आने वाले जोनू मीणा का कहना है कि उन्होंने कई साल पहले पास कर ली, लेकिन परीक्षा के लिए आवेदन 2 साल पहले किया था, जो कि परीक्षा अभी भी नहीं हो पाई है. चार बार परीक्षा के लिए कोचिंग भी कर चुके हैं. जिसमें हजारों रुपए का खर्चा उनका हुआ है अभी भी बेरोजगार ही हैं. ऐसे में पूरा भार उनके माता-पिता के ऊपर है, जो कि खर्चा चला रहे हैं. शहर में जाने का खर्चा भी काफी होता है. वहां पर रहने और खाने-पीने का भी खर्चा है. उनका अभी तक परीक्षा की कोचिंग और कोटा में रहने के दौरान खर्चा ही एक से डेढ़ लाख रुपए के बीच पहुंच गया है.
नए आवेदक जुड़ने से कंपटीशन बढ़ जाता है
अभ्यर्थियों का कहना है कि हर बार परीक्षा स्थगित होती है और नई तिथि घोषित की जाती है. इसमें 1 से 2 महीने का समय लग जाता है. लगातार नए अभ्यर्थी इसमें जुड़ते जाते हैं. अब इनकी संख्या बढ़कर 16 लाख से ज्यादा हो चुकी है, ऐसे में अब परीक्षा को लेकर कंपटीशन भी हो गया है. जबकि 31000 पदों के लिए ही यह परीक्षा होनी है. ऐसे में हाल की स्थिति में 52 विद्यार्थियों में से एक का चयन इस परीक्षा में होगा.