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स्पेशल: सरकारी स्कूलों में 'नो बैग डे' पर स्टूडेंट्स और टीचर्स ने दी प्रतिक्रिया, सभी ने जताई खुशी - Rajasthan News

नो बैग डे को लेकर ईटीवी भारत ने कोटा के महात्मा गांधी मल्टीपरपज स्कूल के टीचर्स और बच्चों से बातचीत की. सभी ने एक सुर में इस पर खुशी जाहिर की है. साथ ही टीचर्स ने कहा है कि बच्चों की पर्सनैलिटी डेवलपमेंट में नो बैग डे मदद करेगा. साथ ही बच्चों ने कहा कि अब उन्हें हर शनिवार पढ़ाई से राहत मिलेगी और वो पढ़ाई से बोर भी नहीं होंगे.

No Bag Day, Government Schools, स्टूडेंट्स और टीचर्स
'नो बैग डे' पर स्टूडेंट्स-टीचर्स की प्रतिक्रिया
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Published : Feb 20, 2020, 5:38 PM IST

कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को राज्य का बजट पेश करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बदलाव की घोषणा की है. ऐसे में अब हर सरकारी स्कूल में शनिवार के दिन नो बैग डे होगा, जिसमें बच्चों को बिना बैग ही स्कूल जाना होगा.

'नो बैग डे' पर स्टूडेंट्स-टीचर्स की प्रतिक्रिया

ईटीवी भारत ने कोटा के महात्मा गांधी मल्टीपरपज स्कूल के टीचर और बच्चों से बातचीत की. सभी ने एक सुर में इस पर खुशी जाहिर की है. साथ ही टीचर्स ने कहा है कि बच्चों की पर्सनैलिटी डेवलपमेंट में नो बैग डे मदद करेगा. साथ ही बच्चों ने कहा कि अब उन्हें हर शनिवार पढ़ाई से राहत मिलेगी और वो पढ़ाई से बोर भी नहीं होंगे.

'नो बैग डे' पर स्टूडेंट्स-टीचर्स की प्रतिक्रिया

नो बैग डे और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी स्कूल में होने के सवाल पर कुछ बच्चों ने ये भी कहा कि उन्हें हर शनिवार को अपने मनमाफिक स्पोर्ट्स एक्टिविटी में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा. साथ ही कहा कि पेरेंट्स टीचर मीटिंग के जरिए उनकी कमियों को पेरेंट्स पहचान सकेंगे और हम कमियों में सुधार करेंगे, जिससे अच्छा रिजल्ट उनका रहे.

पढ़ें: राजस्थान बजट 2020 : बजट से पूर्व सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने क्या कहा, जानें

कोटा के महात्मा गांधी मल्टीपरपज स्कूल की टीचर ने कहा कि जो कान्वेंट स्कूलों में 5 डे वीक होता है और वहां पर हर शनिवार पेरेंट्स के साथ इंटरेक्शन होता है, उसी तरह से अब सरकारी स्कूलों में भी होगा. टीचर्स को भी बच्चों को समझने के लिए समय मिलेगा. उनको दूसरी गतिविधियों को सीखने का समय भी मिलेगा. अंग्रेजी मीडियम के स्कूलों में गतिविधियां होती है, इसलिए लोग आकर्षित होते हैं और वहां एडमिशन कराते हैं. लेकिन, सरकारी स्कूल में इस तरह की गतिविधियां होने से यहां पर पढ़ने वाले साधारण वर्ग से लेकर अच्छे वर्ग के बच्चों को ध्यान में रखते हुए सरकार का ही अच्छा कदम है. साथ ही टीचर्स ने कहा कि आज की जरूरत अंग्रेजी मीडियम के नए स्कूलों की है. ऐसे में सरकार ने बजट में ये घोषणा भी की है, जो बच्चों के सर्वांगीण विकास में मदद करेगी.

'नो बैग डे' पर स्टूडेंट्स-टीचर्स की प्रतिक्रिया

बता दें कि नो बैग डे के तहत पेरेंट्स टीचर मीटिंग, कल्चरल एक्टिविटी, हैप्पीनेस थेरेपी, खेलकूद, पर्सनालिटी डेवलपमेंट, स्काउट, जीवन मूल्य, नैतिक शिक्षा, बाल सभाएं और भाषा कौशल के साथ-साथ हेल्थ पर भी स्कूलों में चर्चा की जाएगी.

कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को राज्य का बजट पेश करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बदलाव की घोषणा की है. ऐसे में अब हर सरकारी स्कूल में शनिवार के दिन नो बैग डे होगा, जिसमें बच्चों को बिना बैग ही स्कूल जाना होगा.

'नो बैग डे' पर स्टूडेंट्स-टीचर्स की प्रतिक्रिया

ईटीवी भारत ने कोटा के महात्मा गांधी मल्टीपरपज स्कूल के टीचर और बच्चों से बातचीत की. सभी ने एक सुर में इस पर खुशी जाहिर की है. साथ ही टीचर्स ने कहा है कि बच्चों की पर्सनैलिटी डेवलपमेंट में नो बैग डे मदद करेगा. साथ ही बच्चों ने कहा कि अब उन्हें हर शनिवार पढ़ाई से राहत मिलेगी और वो पढ़ाई से बोर भी नहीं होंगे.

'नो बैग डे' पर स्टूडेंट्स-टीचर्स की प्रतिक्रिया

नो बैग डे और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी स्कूल में होने के सवाल पर कुछ बच्चों ने ये भी कहा कि उन्हें हर शनिवार को अपने मनमाफिक स्पोर्ट्स एक्टिविटी में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा. साथ ही कहा कि पेरेंट्स टीचर मीटिंग के जरिए उनकी कमियों को पेरेंट्स पहचान सकेंगे और हम कमियों में सुधार करेंगे, जिससे अच्छा रिजल्ट उनका रहे.

पढ़ें: राजस्थान बजट 2020 : बजट से पूर्व सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने क्या कहा, जानें

कोटा के महात्मा गांधी मल्टीपरपज स्कूल की टीचर ने कहा कि जो कान्वेंट स्कूलों में 5 डे वीक होता है और वहां पर हर शनिवार पेरेंट्स के साथ इंटरेक्शन होता है, उसी तरह से अब सरकारी स्कूलों में भी होगा. टीचर्स को भी बच्चों को समझने के लिए समय मिलेगा. उनको दूसरी गतिविधियों को सीखने का समय भी मिलेगा. अंग्रेजी मीडियम के स्कूलों में गतिविधियां होती है, इसलिए लोग आकर्षित होते हैं और वहां एडमिशन कराते हैं. लेकिन, सरकारी स्कूल में इस तरह की गतिविधियां होने से यहां पर पढ़ने वाले साधारण वर्ग से लेकर अच्छे वर्ग के बच्चों को ध्यान में रखते हुए सरकार का ही अच्छा कदम है. साथ ही टीचर्स ने कहा कि आज की जरूरत अंग्रेजी मीडियम के नए स्कूलों की है. ऐसे में सरकार ने बजट में ये घोषणा भी की है, जो बच्चों के सर्वांगीण विकास में मदद करेगी.

'नो बैग डे' पर स्टूडेंट्स-टीचर्स की प्रतिक्रिया

बता दें कि नो बैग डे के तहत पेरेंट्स टीचर मीटिंग, कल्चरल एक्टिविटी, हैप्पीनेस थेरेपी, खेलकूद, पर्सनालिटी डेवलपमेंट, स्काउट, जीवन मूल्य, नैतिक शिक्षा, बाल सभाएं और भाषा कौशल के साथ-साथ हेल्थ पर भी स्कूलों में चर्चा की जाएगी.

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