कोटा. शहर में हर साल बरसात और इसके आसपास के सीजन में सैकड़ों लोग आवारा जानवर की ओर से होने वाली दुर्घटनाओं में घायल होते हैं. पिछले कई सालों में सैकड़ों लोगों की मौत भी आवारा जानवरों से होने वाली दुर्घटनाओं में हो चुकी है. इसके बावजूद नगर निगम प्रशासन को इसकी कोई सुध नहीं है और ना ही इस मामले में गंभीरता से अपनी रुचि दिखा रहा.
बता दें कि आवारा जानवरों का शहर में प्रवेश रोकने के लिए मुख्य मार्गों पर नगर निगम अपने चेक पोस्ट लगाता है, लेकिन अभी तक नगर निगम ने इस साल चेकपोस्ट स्थापित नहीं किए हैं. इसका फायदा उठाकर अपनी फसलों को जानवरों के खाने से बचाने के लिए ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में आवारा पशुओं को रोज शहर की तरफ खदेड़ रहे हैं.
इनमें रावतभाटा, बूंदी, बारां और दीगोद सड़क मार्ग पर आने वाले गांव से ज्यादातर जानवरों को शहर की तरफ खदेड़ा जा रहा है. वहीं नगर निगम के अधिकारी खुद भी मानते हैं कि दीगोद और टिपटा की तरफ से शहर में सैकड़ों गोवंश को ग्रामीणों ने खदेड़ा है. जिन्हें नगर निगम की टीम ने रावतभाटा और झालावाड़ की तरफ भेजा है, ताकि शहर में यह आवारा जानवर दुर्घटनाओं को अंजाम नहीं दे.
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हालांकि, जब चेक पोस्ट के बारे में नगर निगम के आयुक्त नरेंद्र कुमार गुप्ता से पूछा तो उन्होंने कहा कि जल्द ही बारां, झालावाड़, रंगपुर और रावतभाटा रोड पर चेकपोस्ट स्थापित होगी. जहां पर नगर निगम के कार्मिक 24 घंटे तैनात रहेंगे और शहर की तरफ आने वाले आवारा जानवरों को प्रवेश नहीं करने देंगे. यह चेक पोस्ट कब स्थापित होगी नगर निगम आयुक्त को भी नहीं पता.