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स्पेशल स्टोरी: कलेक्टर SP ऐसे भी, दिव्यांग जनों को लेकर मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने पहुंचे, कहा- अपनापन देने का प्रयास

कोटा में जिन बेसहारा लोगों को उनके अपनो ने ठुकराया उन्हें अपना घर आश्रम ने अपनाया. दरअसल निराश्रित, बेसहारा, वरिष्ठजन, दिव्यांग और मानसिक विमंदितों को अपनापन का भाव देने के लिए जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारीयों ने उन्हे मल्टीप्लेक्स में फिल्म दिखाई गई. ये वे लोग हैं जो कभी इसको बाहर से केवल निहारा करते थे.

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Published : Oct 16, 2019, 1:37 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 2:13 PM IST

कोटा. जिला प्रशासन की अभिनव पहल के तहत निराश्रित, बेसहारा, वरिष्ठजन, दिव्यांग और मानसिक विमंदितों को अपनापन का भाव देने के लिए मल्टीप्लेक्स में फिल्म दिखाई गई. जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उन्हें मल्टीप्लेक्स लेकर पहुंचे. फेस्टिवल सीजन में एक परिवार जैसा माहौल इन लोगों को देने का प्रयास किया, ताकि उनको परिवार की कमी ना खले और अपनापन भी लगे.

कोटा में दिव्यांग जनों को लेकर मल्टीप्लेक्स में दिखाई गई फिल्म

जिला प्रशासन एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ने इन लोगों के आने-जाने की पूरी व्यवस्था की थी. साथ सिनेमाघर में पहुंचने पर इन लोगों का ढोल-नगाड़े से स्वागत किया गया. सब के ऊपर पुष्प वर्षा की गई और माला पहनाकर स्वागत किया गया. वहीं कुछ दिव्यांग बच्चे ऐसे थे. जिनको कलेक्टर खुद गोदी में लेकर सिनेमाघर तक गए. कई लोग ऐसे थे जो व्हीलचेयर पर थे, ऐसे में सिनेमाघर में भी उनके लिए विशेष इंतजाम किया गया. उन्होंने व्हीलचेयर पर बैठ कर ही फिल्म देखी.

पढ़ेंः कोटा के सांगोद में पहले बरसात और अब खराब रास्ते ने तोड़ी किसानों की कमर

कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा ने बताया कि यह वह लोग हैं जिनको अपने परिवार ने भी छोड़ दिया, इनकी सार संभाल नहीं की है. ऐसे में त्योहार की खुशियां परिवार के साथ ही होती है. इन लोगों को यह खुशियां देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इन लोगों के आने और जाने की पूरी व्यवस्था की गई है कि ये लोग सुरक्षित आ और जा सके. इन्हें अपनापन देने की कोशिश जिला प्रशासन ने की है. हमने इनको मानसिक संबल देने का प्रयास किया है.

पढ़ेंः कोटा: पुलिस की जीप में सांप घुसने से मचा हड़कंप...ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया बाहर

कोटा ग्रामीण एसपी राजन दुष्यंत ने कहा कि जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इन लोगों के सार-संभाल की जाए. ऐसे में इनको थियेटर में ले जाकर मूवी दिखाना भी एक जिम्मेदारी का एहसास कराना ही है. जो फिल्म इनको दिखाई गई है उसमें भी दिव्यांग लोगों के लिए अच्छा मैसेज है. ताकि यह भी उठ खड़ा होने की कोशिश करें.

पढ़ेंः कोटा : फंदे से लटक युवती ने की खुदकुशी

कोटा जनरल मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश जैन ने कहा कि आज जो सिनेमाघर में फिल्म देखने लोग आए हैं, यह वह लोग हैं जो इसको बाहर से केवल निहारा करते थे. पहली बार इस तरह से अंदर आकर मूवी देख रहे हैं. अपना घर आश्रम के सचिव मनोज जैन आदिनाथ ने कहा कि पूरा जिला प्रशासन फिल्म देखने के लिए सिनेमा घर में आया है. इनमें एक व्यक्ति ऐसा भी है जो इस सिनेमा के बाहर नाले में पड़ा हुआ था और नाले का पानी पीकर ही जीवन गुजार रहा था. उसे अपना घर आश्रम में ले जाया गया और आज 4 महीने बाद वही व्यक्ति इसी सिनेमा में बैठकर मूवी देख रहा है.

पढ़ेंः रामगंजमंडी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का विरोध, आंदोलन की चेतावनी

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक ओमप्रकाश तोषनीवाल ने बताया कि अपना घर आश्रम, गंगा विजन, जागृति मंदिर सेवा संस्थान, मां भारती, राजस्थान अनुसूचित जाति विकास समिति, भारत माता सेवा समिति, ऑल इंडिया विकलांग मित्र एसोसिएशन व भारतीय नवयुवक विकास समिति के 177 लोगों ने सुपर-30 फिल्म देखी है. एडीएम सिटी नरेंद्र कुमार गुप्ता, नगर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सैनी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.

कोटा. जिला प्रशासन की अभिनव पहल के तहत निराश्रित, बेसहारा, वरिष्ठजन, दिव्यांग और मानसिक विमंदितों को अपनापन का भाव देने के लिए मल्टीप्लेक्स में फिल्म दिखाई गई. जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उन्हें मल्टीप्लेक्स लेकर पहुंचे. फेस्टिवल सीजन में एक परिवार जैसा माहौल इन लोगों को देने का प्रयास किया, ताकि उनको परिवार की कमी ना खले और अपनापन भी लगे.

कोटा में दिव्यांग जनों को लेकर मल्टीप्लेक्स में दिखाई गई फिल्म

जिला प्रशासन एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ने इन लोगों के आने-जाने की पूरी व्यवस्था की थी. साथ सिनेमाघर में पहुंचने पर इन लोगों का ढोल-नगाड़े से स्वागत किया गया. सब के ऊपर पुष्प वर्षा की गई और माला पहनाकर स्वागत किया गया. वहीं कुछ दिव्यांग बच्चे ऐसे थे. जिनको कलेक्टर खुद गोदी में लेकर सिनेमाघर तक गए. कई लोग ऐसे थे जो व्हीलचेयर पर थे, ऐसे में सिनेमाघर में भी उनके लिए विशेष इंतजाम किया गया. उन्होंने व्हीलचेयर पर बैठ कर ही फिल्म देखी.

पढ़ेंः कोटा के सांगोद में पहले बरसात और अब खराब रास्ते ने तोड़ी किसानों की कमर

कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा ने बताया कि यह वह लोग हैं जिनको अपने परिवार ने भी छोड़ दिया, इनकी सार संभाल नहीं की है. ऐसे में त्योहार की खुशियां परिवार के साथ ही होती है. इन लोगों को यह खुशियां देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इन लोगों के आने और जाने की पूरी व्यवस्था की गई है कि ये लोग सुरक्षित आ और जा सके. इन्हें अपनापन देने की कोशिश जिला प्रशासन ने की है. हमने इनको मानसिक संबल देने का प्रयास किया है.

पढ़ेंः कोटा: पुलिस की जीप में सांप घुसने से मचा हड़कंप...ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया बाहर

कोटा ग्रामीण एसपी राजन दुष्यंत ने कहा कि जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इन लोगों के सार-संभाल की जाए. ऐसे में इनको थियेटर में ले जाकर मूवी दिखाना भी एक जिम्मेदारी का एहसास कराना ही है. जो फिल्म इनको दिखाई गई है उसमें भी दिव्यांग लोगों के लिए अच्छा मैसेज है. ताकि यह भी उठ खड़ा होने की कोशिश करें.

पढ़ेंः कोटा : फंदे से लटक युवती ने की खुदकुशी

कोटा जनरल मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश जैन ने कहा कि आज जो सिनेमाघर में फिल्म देखने लोग आए हैं, यह वह लोग हैं जो इसको बाहर से केवल निहारा करते थे. पहली बार इस तरह से अंदर आकर मूवी देख रहे हैं. अपना घर आश्रम के सचिव मनोज जैन आदिनाथ ने कहा कि पूरा जिला प्रशासन फिल्म देखने के लिए सिनेमा घर में आया है. इनमें एक व्यक्ति ऐसा भी है जो इस सिनेमा के बाहर नाले में पड़ा हुआ था और नाले का पानी पीकर ही जीवन गुजार रहा था. उसे अपना घर आश्रम में ले जाया गया और आज 4 महीने बाद वही व्यक्ति इसी सिनेमा में बैठकर मूवी देख रहा है.

पढ़ेंः रामगंजमंडी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का विरोध, आंदोलन की चेतावनी

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक ओमप्रकाश तोषनीवाल ने बताया कि अपना घर आश्रम, गंगा विजन, जागृति मंदिर सेवा संस्थान, मां भारती, राजस्थान अनुसूचित जाति विकास समिति, भारत माता सेवा समिति, ऑल इंडिया विकलांग मित्र एसोसिएशन व भारतीय नवयुवक विकास समिति के 177 लोगों ने सुपर-30 फिल्म देखी है. एडीएम सिटी नरेंद्र कुमार गुप्ता, नगर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सैनी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.

Intro:निराश्रित, बेसहारा, वरिष्ठजन, दिव्यांग व मानसिक विमंदितों को लेकर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे. फेस्टिवल सीजन में एक परिवार जैसा माहौल इन लोगों देने का प्रयास किया, ताकि उनको परिवार की कमी ना खेले और अपनापन भी लगे. ये सिनेमाघर में फिल्म देखने लोग आए हैं, यह वह लोग हैं जो इसको बाहर से केवल निहारा करते थे.


Body:कोटा.
कोटा जिला प्रशासन की अभिनव पहल के तहत निराश्रित, बेसहारा, वरिष्ठजन, दिव्यांग व मानसिक विमंदितों को अपनापन का भाव देने के लिए मल्टीप्लेक्स में फिल्म दिखाई गई है. इसमें जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उन्हें लेकर पहुंचे. फेस्टिवल सीजन में एक परिवार जैसा माहौल इन लोगों देने का प्रयास किया, ताकि उनको परिवार की कमी ना खेले और अपनापन भी लगे. जिला प्रशासन एवं सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ने इन लोगों के आने-जाने की पूरी व्यवस्था की थी. साथ सिनेमाघर में पहुंचने पर इन लोगों का ढोल नगाड़े से स्वागत किया गया. सब के ऊपर पुष्प वर्षा की गई और माला पहनाकर स्वागत किया गया. वहीं कुछ दिव्यांग बच्चे ऐसे थे. जिनको कलेक्टर खुद गोदी में लेकर सिनेमाघर तक गए. कई लोग ऐसे थे जो व्हीलचेयर पर थे, ऐसे में सिनेमाघर में भी उनके लिए विशेष इंतजाम किया गया. उन्हें व्हीलचेयर पर बैठकर ही फिल्म दिखाई गई है.
कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा ने बताया कि यह वह लोग हैं जिनको अपने परिवार ने भी छोड़ दिया, इनकी सार संभाल नहीं की है. ऐसे में त्योहार की खुशियां परिवार के साथ ही होती है. इन लोगों को यह खुशियां देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है. इन लोगों के आने और जाने की पूरी व्यवस्था की गई है कि ये लोग सुरक्षित आ सके और जा सके. इन्हें अपनापन देने की कोशिश जिला प्रशासन ने की है. हमने इनको मानसिक संबल देने का प्रयास किया है.

मूवी से मैसेज देने की कोशिश की
कोटा ग्रामीण एसपी राजन दुष्यंत ने कहा कि जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इन लोगों के सार-संभाल की जाए. ऐसे में इनको थियेटर में ले जाकर मूवी दिखाना भी एक जिम्मेदारी का एहसास कराना ही है. जो फिल्म इनको दिखाई गई है. उसमें भी दिव्यांग लोगों के लिए अच्छा मैसेज है. ताकि यह भी उठ खड़ा होने की कोशिश करें.

बाहर से निहारने वाले लोगों दिखाई फ़िल्म
कोटा जनरल मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश जैन ने कहा कि आज जो सिनेमाघर में फिल्म देखने लोग आए हैं, यह वह लोग हैं जो इसको बाहर से केवल निहारा करते थे. पहली बार इस तरह से अंदर आकर मूवी देख रहे हैं. अपना घर आश्रम के सचिव मनोज जैन आदिनाथ ने कहा कि पूरा जिला प्रशासन फिल्म देखने के लिए सिनेमा घर में आया है. इनमें एक व्यक्ति ऐसा भी है. जो इस सिनेमा के बाहर नाले में पड़ा हुआ था और नाले का पानी पीकर ही जीवन गुजार रहा था. उसे अपना घर आश्रम में ले जाया गया और आज 4 महीने बाद वही व्यक्ति इसी सिनेमा में बैठकर मूवी देख रहा है.


Conclusion:आगे भी जारी रहेगा प्रयास
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक ओमप्रकाश तोषनीवाल ने बताया कि अपना घर आश्रम, गंगा विजन, जागृति मंदिर सेवा संस्थान, मां भारती, राजस्थान अनुसूचित जाति विकास समिति, भारत माता सेवा समिति, ऑल इंडिया विकलांग मित्र एसोसिएशन व भारतीय नवयुवक विकास समिति के 177 लोगों ने सुपर-30 फिल्म देखी है. एडीएम सिटी नरेंद्र कुमार गुप्ता, नगर निगम आयुक्त वासुदेव मालावत व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सैनी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.



बाइट-- ओमप्रकाश कसेरा, जिला कलेक्टर
बाइट-- राजन दुष्यंत ,एसपी कोटा ग्रामीण
बाइट-- राकेश जैन, अध्यक्ष, जनरल मर्चेंट एसोसिएशन
बाइट-- मनोज जैन आदिनाथ, सचिव, अपना घर आश्रम
बाइट-- ओमप्रकाश तोषनीवाल, उप निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
Last Updated : Oct 16, 2019, 2:13 PM IST
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