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स्पेशल रिपोर्ट: कोटा में 7 दिन में सामने आए 105 डेंगू रोगी...कहीं 2017 जैसी भयावह स्थिति नहीं बन जाए

कोटा में पिछले 7 दिनों में 105 डेंगू के रोगी सामने आने से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में कोटा शहर में कहीं वर्ष 2017 जैसी भयावह स्थिति ना बन जाए, जहां पर पूरे सीजन में 1863 डेंगू के रोगी सामने आए थे. जिनमें से 8 मरीजों की उपचार के दौरान मौत भी हो गई थी. कोटा में सामने आ रहे डेंगू के मामलों पर स्पेशल रिपोर्ट

Dengue cases in Kota, कोटा में डेंगू के मामले
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Published : Oct 17, 2019, 9:40 PM IST

कोटा. मौसमी बीमारियों को लेकर कोटा हमेशा रडार पर रहा है. यहां पर मौसमी बीमारियों का खतरा सर्वाधिक है. ऐसे में पिछले 7 दिनों में 105 डेंगू के रोगी सामने आने से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं लगातार आ रहे डेंगू के मामलों पर सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर का कहना है कि इस साल बारिश भी हुई है. उसके बाद अभी तापमान अनुकूल होने से मच्छरों की तादाद बढ़ गई है. इससे डेंगू और अन्य बीमारियों के मरीज भी बढ़ गए हैं.

कोटा में 7 दिन में सामने आए 105 डेंगू रोगी

पिछले 7 दिनों में डेंगू के 105 मरीज सामने आए है..जिसके आंकड़े कुछ इस तरह से है.

  • 16 अक्टूबर को डेंगू के 15 केस आए सामने
  • 15 अक्टूबर को डेंगू के 17 केस आए सामने
  • 14 अक्टूबर को डेंगू के 22 केस आए सामने
  • 13 अक्टूबर को डेंगू के 08 केस आए सामने
  • 12 अक्टूबर को डेंगू के 16 केस आए सामने
  • 11 अक्टूबर को डेंगू के 10 केस आए सामने
  • 10 अक्टूबर को डेंगू के 17 केस आए सामने

पढ़ें- जैसलमेर में फैल रहा 'डेंगू का डंक', लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या

मौसमी बीमारियों से 5 साल में 97 लोगों की मौत
कोटा में मौसमी बीमारियां की बात की जाए तो पिछले 5 वर्ष के आंकड़े भयावह स्थिति को बयां कर रहे हैं. पिछले 5 सालों में 9161 पीड़ित सामने आए हैं. जिनमें से 97 लोगों की उपचार के दौरान मौत भी हुई है. सर्वाधिक 5 साल में डेंगू के 5074 केस सामने आए हैं. जिनमें 13 की मौत उपचार के दौरान हुई है. सर्वाधिक 74 मौतें स्वाइन फ्लू से पिछले 5 साल में हुई है, जबकि 1809 लोग इससे पीड़ित हुए हैं. मलेरिया की बात की जाए तो पिछले 5 सालों में 1645 मरीज पॉजिटिव है, जिनमें से तीन की मौत भी हुई है. इसी तरह से स्क्रब टाइफस से 326 पीड़ित पिछले 5 सालों में आए हैं. जिनमें सात की उपचार के दौरान मौत हो गई. चिकनगुनिया से भी वर्ष 2016 में 307 लोग पीड़ित हुए थे, हालांकि मृत्यु इससे नहीं हुई है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: अजमेर में HIV एड्स का कहर, 1 साल में 600 मरीज आए सामने

निगम और यूआईटी की गलती से बढ़ रहे हैं मरीज: सीएमएचओ
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस तंवर ने बताया कि कोटा जिले में 3 दिनों का महाअभियान चलाया है. जिसमें करीब डेढ़ लाख से ज्यादा मकानों का सर्वे 1500 जनों की टीमों ने किया है. इसमें करीब 25 सौ से ज्यादा घरों में डेंगू के एडीज मच्छर का लार्वा मिला है. जो खतरे को स्पष्ट बता रहा है. साथ ही उनका आरोप है कि नगर निगम और यूआईटी ने डेंगू के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की है. अभी भी जो खाली पड़े हुए प्लॉट हैं, उनमें पानी भरा हुआ है. जिनमें यह खतरनाक एडीज मच्छर पनप रहे हैं.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: दो भाइयों की कहानी जान रो पड़ेंगे आप...जिनके कंधों पर थी परिवार की जिम्मेदारी वही हुए 'बेसहारा'

फ्रिज की ट्रे में मिल रहा सर्वाधिक लार्वा
सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर का कहना है कि अभियान के दौरान सबसे ज्यादा लार्वा फ्रिज की ट्रे में मिला है. इसके बाद पानी भरे हुए कूलर, छत पर खुली पड़ी टंकियों और पक्षियों के लिए पानी के लिए लगाए गए परिंडों में लार्वा मिला है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: कोटा के बाढ़ पीड़ितों का दर्द...पानी में बही जिंदगीभर की कमाई तो कैसे मनाएं दिवाली

600 को नोटिस 30 पर जुर्माना
चिकित्सा विभाग के 14 से 16 तक चले तीन दिवसीय महाअभियान के तहत 600 से ज्यादा घरों में लार्वा मिलने पर उन्हें नोटिस दिया. साथ ही 30 घरों पर चालान भी काटे गए हैं. जिनकी राशि 500 - 500 रुपए प्रति घर है. सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर का कहना है कि सर्वाधिक खतरा भीमगंजमंडी, श्रीराम नगर कच्ची बस्ती, चंद्रघटा, सूरजपोल और राजीव गांधी नगर पर हैं. हमारा ज्यादा फोकस है. एंटी लार्वा एक्टिविटी, टेमीफोस डालना व फॉगिंग करवा रहे है.

कोटा. मौसमी बीमारियों को लेकर कोटा हमेशा रडार पर रहा है. यहां पर मौसमी बीमारियों का खतरा सर्वाधिक है. ऐसे में पिछले 7 दिनों में 105 डेंगू के रोगी सामने आने से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं लगातार आ रहे डेंगू के मामलों पर सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर का कहना है कि इस साल बारिश भी हुई है. उसके बाद अभी तापमान अनुकूल होने से मच्छरों की तादाद बढ़ गई है. इससे डेंगू और अन्य बीमारियों के मरीज भी बढ़ गए हैं.

कोटा में 7 दिन में सामने आए 105 डेंगू रोगी

पिछले 7 दिनों में डेंगू के 105 मरीज सामने आए है..जिसके आंकड़े कुछ इस तरह से है.

  • 16 अक्टूबर को डेंगू के 15 केस आए सामने
  • 15 अक्टूबर को डेंगू के 17 केस आए सामने
  • 14 अक्टूबर को डेंगू के 22 केस आए सामने
  • 13 अक्टूबर को डेंगू के 08 केस आए सामने
  • 12 अक्टूबर को डेंगू के 16 केस आए सामने
  • 11 अक्टूबर को डेंगू के 10 केस आए सामने
  • 10 अक्टूबर को डेंगू के 17 केस आए सामने

पढ़ें- जैसलमेर में फैल रहा 'डेंगू का डंक', लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या

मौसमी बीमारियों से 5 साल में 97 लोगों की मौत
कोटा में मौसमी बीमारियां की बात की जाए तो पिछले 5 वर्ष के आंकड़े भयावह स्थिति को बयां कर रहे हैं. पिछले 5 सालों में 9161 पीड़ित सामने आए हैं. जिनमें से 97 लोगों की उपचार के दौरान मौत भी हुई है. सर्वाधिक 5 साल में डेंगू के 5074 केस सामने आए हैं. जिनमें 13 की मौत उपचार के दौरान हुई है. सर्वाधिक 74 मौतें स्वाइन फ्लू से पिछले 5 साल में हुई है, जबकि 1809 लोग इससे पीड़ित हुए हैं. मलेरिया की बात की जाए तो पिछले 5 सालों में 1645 मरीज पॉजिटिव है, जिनमें से तीन की मौत भी हुई है. इसी तरह से स्क्रब टाइफस से 326 पीड़ित पिछले 5 सालों में आए हैं. जिनमें सात की उपचार के दौरान मौत हो गई. चिकनगुनिया से भी वर्ष 2016 में 307 लोग पीड़ित हुए थे, हालांकि मृत्यु इससे नहीं हुई है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: अजमेर में HIV एड्स का कहर, 1 साल में 600 मरीज आए सामने

निगम और यूआईटी की गलती से बढ़ रहे हैं मरीज: सीएमएचओ
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस तंवर ने बताया कि कोटा जिले में 3 दिनों का महाअभियान चलाया है. जिसमें करीब डेढ़ लाख से ज्यादा मकानों का सर्वे 1500 जनों की टीमों ने किया है. इसमें करीब 25 सौ से ज्यादा घरों में डेंगू के एडीज मच्छर का लार्वा मिला है. जो खतरे को स्पष्ट बता रहा है. साथ ही उनका आरोप है कि नगर निगम और यूआईटी ने डेंगू के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की है. अभी भी जो खाली पड़े हुए प्लॉट हैं, उनमें पानी भरा हुआ है. जिनमें यह खतरनाक एडीज मच्छर पनप रहे हैं.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: दो भाइयों की कहानी जान रो पड़ेंगे आप...जिनके कंधों पर थी परिवार की जिम्मेदारी वही हुए 'बेसहारा'

फ्रिज की ट्रे में मिल रहा सर्वाधिक लार्वा
सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर का कहना है कि अभियान के दौरान सबसे ज्यादा लार्वा फ्रिज की ट्रे में मिला है. इसके बाद पानी भरे हुए कूलर, छत पर खुली पड़ी टंकियों और पक्षियों के लिए पानी के लिए लगाए गए परिंडों में लार्वा मिला है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: कोटा के बाढ़ पीड़ितों का दर्द...पानी में बही जिंदगीभर की कमाई तो कैसे मनाएं दिवाली

600 को नोटिस 30 पर जुर्माना
चिकित्सा विभाग के 14 से 16 तक चले तीन दिवसीय महाअभियान के तहत 600 से ज्यादा घरों में लार्वा मिलने पर उन्हें नोटिस दिया. साथ ही 30 घरों पर चालान भी काटे गए हैं. जिनकी राशि 500 - 500 रुपए प्रति घर है. सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर का कहना है कि सर्वाधिक खतरा भीमगंजमंडी, श्रीराम नगर कच्ची बस्ती, चंद्रघटा, सूरजपोल और राजीव गांधी नगर पर हैं. हमारा ज्यादा फोकस है. एंटी लार्वा एक्टिविटी, टेमीफोस डालना व फॉगिंग करवा रहे है.

Intro:पिछले 7 दिनों में 105 डेंगू के रोगी सामने आने से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. कहीं वर्ष 2017 जैसी भयावह स्थिति ना बन जाए, जहां पर पूरे सीजन में 1863 डेंगू के रोगी सामने आए थे जिनमें से 8 मरीजों की उपचार के दौरान मौत भी हो गई थी.



Body:कोटा.
मौसमी बीमारियों को लेकर कोटा हमेशा राडार पर रहा है. यहां पर मौसमी बीमारियों का खतरा सर्वाधिक है. ऐसे में पिछले 7 दिनों में 105 डेंगू के रोगी सामने आने से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. कहीं वर्ष 2017 जैसी भयावह स्थिति ना बन जाए, जहां पर पूरे सीजन में 1863 डेंगू के रोगी सामने आए थे जिनमें से 8 मरीजों की उपचार के दौरान मौत भी हो गई थी. सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर का कहना है कि इस साल बारिश भी हुई है. उसके बाद अभी तापमान अनुकूल होने से मच्छरों की तादाद बढ़ गई है इससे डेंगू और अन्य बीमारियों के मरीज भी बढ़ गए हैं.

मौसमी बीमारियों से 5 साल में मरे 97 लोग
कोटा जिले में मौसमी बीमारियों की बात की जाए तो पिछले 5 वर्ष के आंकड़े भयावह स्थिति को बयां कर रहे हैं. पिछले 5 सालों में 9161 पीड़ित सामने आए हैं, जिनमें से 97 लोगों की उपचार के दौरान मौत भी हुई है. सर्वाधिक 5 साल में डेंगू के 5074 केस सामने आए हैं, जिनमें 13 की मौत उपचार के दौरान हुई है. सर्वाधिक 74 मौतें स्वाइन फ्लू से पिछले 5 साल में हुई है, जबकि 1809 लोग इससे पीड़ित हुए हैं. मलेरिया की बात की जाए तो पिछले 5 सालों में 1645 मरीज पॉजिटिव है, जिनमें से तीन की मौत भी हुई है. इसी तरह से स्क्रब टायफस से 326 पीड़ित पिछले 5 सालों में आए हैं, जिनमें सात की उपचार के दौरान मौत हो गई. चिकनगुनिया से भी वर्ष 2016 में 307 लोग पीड़ित हुए थे, हालांकि मृत्यु इससे नहीं हुई है.

निगम और यूआईटी की गलती से बढ़ रहे हैं मरीज: सीएमएचओ
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस तंवर ने बताया कि कोटा जिले में 3 दिनों का महाअभियान चलाया है, जिसमें करीब डेढ़ लाख से ज्यादा मकानों का सर्वे 1500 जनों की टीमों ने किया है. इसमें करीब 25 सौ से ज्यादा घरों में डेंगू के एडीज मच्छर का लार्वा मिला है. जो खतरे को स्पष्ट बता रहा है. साथ ही उनका आरोप है कि नगर निगम और यूआईटी ने डेंगू के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की है. अभी भी जो खाली पड़े हुए प्लॉट हैं, उनमें पानी भरा हुआ है. जिनमें यह खतरनाक एडीज मच्छर पनप रहे हैं.

फ्रिज की ट्रे में मिल रहा सर्वाधिक लार्वा
सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर का कहना है कि अभियान के दौरान सबसे ज्यादा लार्वा फ्रिज की ट्रे में मिला है, इसके बाद पानी भरे हुए कूलर, छत पर खुली पड़ी टंकियों और पक्षियों के लिए पानी के लिए लगाए गए परिंडों में लार्वा मिला है.


Conclusion:600 को नोटिस 30 पर जुर्माना
चिकित्सा विभाग के 14 से 16 तक चले तीन दिवसीय महाअभियान के तहत 600 से ज्यादा करो मैं लाडवा मिलने पर उन्हें नोटिस हम आए हैं साथ ही 30 घरों पर चालान भी काटे गए हैं जिनकी राशि 500 - 500 रुपए प्रति घर है. सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर का कहना है कि सर्वाधिक खतरा भीमगंजमंडी, श्रीराम नगर कच्ची बस्ती, चंद्रघटा, सूरजपोल और राजीव गांधी नगर पर हैं, हमारा ज्यादा फोकस है. एंटी लार्वा एक्टिविटी, टेमीफोस डालना व फॉगिंग करवा रहे है.


पिछले 7 दिनों में सामने आए डेंगू के 105 मरीज
दिन - मरीज
16 अक्टूबर - 15
15 अक्टूबर - 17
14 अक्टूबर - 22
13 अक्टूबर - 08
12 अक्टूबर - 16
11 अक्टूबर - 10
10 अक्टूबर - 17
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ये है बीमारियों का ग्राफ
डेंगू
वर्ष- मरीज - मौत
2015- 1311 - 2
2016 - 738 - 3
2017 - 1868 - 8
2018- 759- 0
2019 - 398 - 0
कुल- 5074 - 13
----
मलेरिया
वर्ष- मरीज - मौत
2015- 462 - 1
2016 - 495 - 2
2017 - 412 - 0
2018- 201- 0
2019 - 75 - 0
कुल- 1645 - 3
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स्क्रब टायफस
वर्ष- मरीज - मौत
2015- 09 - 1
2016 - 13 - 1
2017 - 24 - 0
2018- 172 - 4
2019 - 108 - 1
कुल - 326 - 7
-----
स्वाइन फ्लू
वर्ष- मरीज - मौत
2015- 837 - 1
2016 - 10 - 2
2017 - 294 - 26
2018- 395 - 29
2019 - 273 - 16
कुल - 1809 - 74
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बाइट-- डॉ. बीएस तंवर, सीएमएचओ, कोटा
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