कोटा. मौसमी बीमारियों को लेकर कोटा हमेशा रडार पर रहा है. यहां पर मौसमी बीमारियों का खतरा सर्वाधिक है. ऐसे में पिछले 7 दिनों में 105 डेंगू के रोगी सामने आने से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं लगातार आ रहे डेंगू के मामलों पर सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर का कहना है कि इस साल बारिश भी हुई है. उसके बाद अभी तापमान अनुकूल होने से मच्छरों की तादाद बढ़ गई है. इससे डेंगू और अन्य बीमारियों के मरीज भी बढ़ गए हैं.
पिछले 7 दिनों में डेंगू के 105 मरीज सामने आए है..जिसके आंकड़े कुछ इस तरह से है.
- 16 अक्टूबर को डेंगू के 15 केस आए सामने
- 15 अक्टूबर को डेंगू के 17 केस आए सामने
- 14 अक्टूबर को डेंगू के 22 केस आए सामने
- 13 अक्टूबर को डेंगू के 08 केस आए सामने
- 12 अक्टूबर को डेंगू के 16 केस आए सामने
- 11 अक्टूबर को डेंगू के 10 केस आए सामने
- 10 अक्टूबर को डेंगू के 17 केस आए सामने
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मौसमी बीमारियों से 5 साल में 97 लोगों की मौत
कोटा में मौसमी बीमारियां की बात की जाए तो पिछले 5 वर्ष के आंकड़े भयावह स्थिति को बयां कर रहे हैं. पिछले 5 सालों में 9161 पीड़ित सामने आए हैं. जिनमें से 97 लोगों की उपचार के दौरान मौत भी हुई है. सर्वाधिक 5 साल में डेंगू के 5074 केस सामने आए हैं. जिनमें 13 की मौत उपचार के दौरान हुई है. सर्वाधिक 74 मौतें स्वाइन फ्लू से पिछले 5 साल में हुई है, जबकि 1809 लोग इससे पीड़ित हुए हैं. मलेरिया की बात की जाए तो पिछले 5 सालों में 1645 मरीज पॉजिटिव है, जिनमें से तीन की मौत भी हुई है. इसी तरह से स्क्रब टाइफस से 326 पीड़ित पिछले 5 सालों में आए हैं. जिनमें सात की उपचार के दौरान मौत हो गई. चिकनगुनिया से भी वर्ष 2016 में 307 लोग पीड़ित हुए थे, हालांकि मृत्यु इससे नहीं हुई है.
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निगम और यूआईटी की गलती से बढ़ रहे हैं मरीज: सीएमएचओ
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस तंवर ने बताया कि कोटा जिले में 3 दिनों का महाअभियान चलाया है. जिसमें करीब डेढ़ लाख से ज्यादा मकानों का सर्वे 1500 जनों की टीमों ने किया है. इसमें करीब 25 सौ से ज्यादा घरों में डेंगू के एडीज मच्छर का लार्वा मिला है. जो खतरे को स्पष्ट बता रहा है. साथ ही उनका आरोप है कि नगर निगम और यूआईटी ने डेंगू के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की है. अभी भी जो खाली पड़े हुए प्लॉट हैं, उनमें पानी भरा हुआ है. जिनमें यह खतरनाक एडीज मच्छर पनप रहे हैं.
फ्रिज की ट्रे में मिल रहा सर्वाधिक लार्वा
सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर का कहना है कि अभियान के दौरान सबसे ज्यादा लार्वा फ्रिज की ट्रे में मिला है. इसके बाद पानी भरे हुए कूलर, छत पर खुली पड़ी टंकियों और पक्षियों के लिए पानी के लिए लगाए गए परिंडों में लार्वा मिला है.
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600 को नोटिस 30 पर जुर्माना
चिकित्सा विभाग के 14 से 16 तक चले तीन दिवसीय महाअभियान के तहत 600 से ज्यादा घरों में लार्वा मिलने पर उन्हें नोटिस दिया. साथ ही 30 घरों पर चालान भी काटे गए हैं. जिनकी राशि 500 - 500 रुपए प्रति घर है. सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर का कहना है कि सर्वाधिक खतरा भीमगंजमंडी, श्रीराम नगर कच्ची बस्ती, चंद्रघटा, सूरजपोल और राजीव गांधी नगर पर हैं. हमारा ज्यादा फोकस है. एंटी लार्वा एक्टिविटी, टेमीफोस डालना व फॉगिंग करवा रहे है.