कोटा. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की नाराजगी के बाद कोटा के पूर्व कलेक्टर हरिमोहन मीणा (social media post of IAS Meena) का तबादला 4 जुलाई को हो गया था. आईएएस अधिकारी हरिमोहन मीणा ने अपने ट्रांसफर से जुड़े किस्से को अब सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. जिसकी कोटा सहित सभी इलाके में चर्चा हो रही है. पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि 'मैं दुर्भाग्यपूर्ण राजनीति का शिकार हो गया हूं'.
उन्होंने पोस्ट में लिखा कि कोटा में रहते हुए नगर विकास न्यास कोटा की अगर कोई भी फाइल रुकती थी, तब मंत्री तक बात पहुंच जाती थी. उन्होंने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का नाम इसमें नहीं लिखा है. साथ ही उन्होंने कहा कि कलेक्ट्रेट का काम रुक सकता था, लेकिन नगर विकास न्यास का काम नहीं.
उन्होंने सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट में जवाब देते हुए कहा कि जिस फाइल को लेकर आपत्ति मंत्री ने जताई थी और जिसके चलते ही उनका स्थानांतरण हुआ है. उस फाइल को 2 जुलाई को यूआईटी के चीफ इंजीनियर ओपी वर्मा लेकर उनके पास आए थे. इसमें बीएसआर से 50 फीसद ज्यादा दर पर टेंडर स्वीकृति के लिए था.
इसमें मैंने उनसे पूरी बातचीत की और जस्टिफिकेशन के लिए एक समिति से विश्लेषण करवाने के लिए नोटशीट पर ही लिखा था. साथ ही 5 जुलाई को यह फाइल दोबारा से पेश करने के लिए निर्देशित किया था. यह फाइल भी मुख्य अभियंता वर्मा को लौटा दी थी, लेकिन 4 जुलाई को ही मंत्री धारीवाल के दौरे पर यूआईटी के अधिकारियों ने इस फाइल को पेंडिंग मेरे पास बता दिया.
उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि 'मंत्री इस पेंडिंग फाइल की बात मुझसे पूछते तो मैं उन्हें बताता और सच्चाई से भी अवगत करा देता. लेकिन मेरी इमेज को इस तरह से नुकसान पहुंचाने से दुख हुआ है. मैं हमेशा पब्लिक के लिए खड़ा रहता था और जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर चलता था. यह एपिसोड दुर्भाग्यपूर्ण था'. साथ ही उन्होंने कहा कि वे सामाजिक न्याय विभाग में कार्य करेंगे. किसी को भी अगर छात्रवृत्ति या पेंशन से संबंधित जरूरत है, तो उन्हें मोबाइल नंबर पर फोन कर सकते हैं.
बता दें कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा में चल रहे विकास कार्यों के निरीक्षण के दौरान आरएएस अधिकारी और यूआईटी सचिव राजेश जोशी को लताड़ लगाई थी. साथ ही कहा था कि अगर कलेक्टर कोई फाइल रोकता है, तो मुझे क्यों नहीं बताया जा रहा? एक महीने तक भी फाइल रूकती है, तो इस संबंध में जानकारी क्यों नहीं दी गई? कोटा से आईएएस हरिमोहन मीणा का तबादला हो गया था. वे 6 जुलाई को यहां से रिलीव हो गए और सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग में निदेशक पद पर ज्वाइन भी कर लिया.
पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने भी बोला हमला: आईएएस हरिमोहन मीणा का सोशल मीडिया पोस्ट जमकर वायरल हो रहा है. इसको लेकर विपक्षी सरकार पर हमला कर रहे हैं. धारीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले पूर्व भाजपा विधायक प्रहलाद गुंजल ने भी इस मामले में पोस्ट करते हुए यूआईटी में खुली लूट मची होने की बात कही है. साथ ही कहा है कि पूर्व कलेक्टर हरिमोहन मीणा की सोशल मीडिया पोस्ट ने इस लूट की पोल भी खोल दी है.