कोटा. बारिश के चलते जिले के सबसे बड़े एमबीएस अस्पताल में करंट फैलने का मामला सामने आया है. इसके चलते ऑर्थोपेडिक वार्ड के मरीजों और स्टाफ को भी करंट झटके लगे हैं. करंट के झटके लगने के बाद आनन-फानन में मरीजों को दूसरे वार्डों में शिफ्ट किया गया है. हालांकि, इससे बड़ा हादसा भी हो सकता था.
एमबीएस अस्पताल में करंट फैलने से बड़ा हादसा हो सकता था क्योंकि मरीजों के पलंग लोहे के होते हैं. साथ ही ऑर्थोपेडिक वार्ड में ऐसे मरीज भर्ती होते हैं, जो चलने-फिरने में सक्षम नहीं है. जब तक वह अपने परिचित या तीमारदार को बुलाते, तब तक करंट फैलने से उनकी जान भी जा सकती थी.
मरीज के साथ आए तीमारदार का कहना है कि स्पार्किंग भी तारों में हुई थी. साथ ही वे लगातार वार्ड के स्टाफ से मरीज के ऊपर पानी गिरने की शिकायत कर रहे थे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी. जब करंट फैला तो उसके बाद ही उन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया है.
इस पर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना ने भी करंट आने की पुष्टि की है. उनका कहना है कि अस्पताल में जगह-जगह लगातार बारिश के चलते लीकेज हुआ है. ऐसे में ऑर्थोपेडिक और सर्जिकल वार्ड में करंट का मामला सामने आया है. हालांकि, किसी भी मरीज और स्टाफ को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. अस्पताल प्रबंधन ने इलेक्ट्रिक विभाग के कार्मिकों से एरिया के विद्युत सप्लाई को बंद करवा दिया है. जिसके चलते अभी करंट का खतरा टल गया है. साथ ही उनका कहना है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के इलेक्ट्रिक विंग को भी इस संबंध में निर्देशित किया गया है कि यह जो करंट आ रहा है, इस संबंध में पूरी कार्रवाई करें.
बिजली पैनल में भी पहुंचा पानी
प्रथम तल पर बिजली सप्लाई का पैनल गैलरी के नजदीक लगा हुआ है. यहां पर लीकेज का पानी पहुंच गया. साथ ही वहां से करंट भी दीवारों में प्रवाहित हुआ है. इस संबंध में भी अस्पताल अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना ने पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिक विंग के अभियंताओं को सुधार के निर्देश दिए हैं. डॉ. नवीन सक्सेना का यह कहना है कि अस्पताल के इलेक्ट्रीशियन ने सप्लाई को काट दिया है. जिसके चलते आगे भी करंट नहीं जा रहा है. इसके चलते कुछ लाइट और पंखे अस्पताल में जरूर बंद हुए हैं.