कोटा. प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा में केंद्र सरकार पर जमकर बरसे. धारीवाल ने कहा कि कोविड के प्रबन्धन में केंद्र सरकार की कमी रही है, ये सब बातें आम आदमी को बताना जरूरी है, इसीलिए मीडिया से हम मिल रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनका पूरा मंत्रिमंडल 5 राज्यों के चुनावों में जुटा हुआ था, जहां पर उन्होंने पूरी वैक्सीन का वादा लोगों से किया, जबकि केंद्र सरकार ने 35 हजार करोड़ का प्रयोजन बजट में वैक्सीन के लिए रखा था. मेडिकल फैसिलिटी बनाने के लिए भी पीएम केयर्स फंड के जरिए पैसा इकट्ठा किया गया. इसी के चलते राजस्थान समेत अन्य सभी राज्यों ने वैक्सीन की चिंता नहीं की, लेकिन अचानक से केंद्र सरकार फ्री वैक्सीन के वादे से मुकर गई और राज्यों पर इसकी जिम्मेदारी डाल दी, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व में अपनी छवि बनाने के लिए भारत में बनी वैक्सीन की साढ़े छह करोड़ डोज 93 देशों को बेच दी.
'विदेश मंत्री विश्व भर में भीख मांग रहे थे'
धारीवाल ने कहा कि पाकिस्तान जैसe छोटी देश भी भारत की मदद के लिए आगे आ रहा था, यह हमारे लिए शर्म की बात है. हमारे विदेश मंत्री को प्रधानमंत्री ने अमेरिका और रूस के सामने भीख का कटोरा लेकर भेज दिया. वह विदेशों में भारत के लिए मदद मांगने के लिए घूम रहे थे. प्रदेश में जितने भी लोगों की मौत हुई हैं वह राजस्थान के 25 सांसदों के सामने ही हुई हैं. ऐसे में कांग्रेस इन सभी से इस्तीफा मांगती है. ये सभी बीजेपी सांसद, राजस्थान सरकार न तो ब्लैक फंगल इंफेक्शन के मरीजों को दवा उपलब्ध करा सके और ना ही रेमडेसिविर. कोटा में ही 1 दिन में 4 मरीजों की मौत हुई, वहीं अब तक 14 लोग बिना दवाई के मर गए हैं.
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'फ्री वैक्सीनेशन में राज्य के स्वास्थ्य का 40 फ़ीसदी बजट खर्च होगा'
धारीवाल ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य के बजट का 40 फीसदी वैक्सीनेशन पर खर्च होगा. वैक्सीन पर खर्चा होने के बाद भी मेडिकल फैसिलिटी कैसे राज्य बढ़ाएंगे. ये भी चिंता का विषय है. सीएम अशोक गहलोत लगातार केंद्र के मंत्रियों से वैक्सीन की मांग करते रहे, इसके अलावा केंद्र खुद तो सस्ते दामों पर वैक्सीन खरीद रहा है, लेकिन राज्यों को महंगे दामों पर मिल रही है. वहीं, प्राइवेट अस्पतालों को तो उनसे भी ज्यादा महंगे दाम पर मिल रही है.