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नारायणपुरा में 'नारायण' : कालीसिंध में उफान के कारण टापू बना गांव...SDRF नाव से डॉक्टर्स की टीम लेकर पहुंची, प्रसूता को किया रेस्क्यू - rescue by boat

कोटा के इटावा उपखंड के गांव नारायणपुरा में एसडीआरएफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर गर्भवती महिला और उसकी बेटी को अस्पताल पहुंचाया. बाढ़ से घिरे गांव में एसडीआरएफ चिकित्सकों की टीम लेकर पहुंची थी. कालीसिंध नदी में उफान के कारण नारायणपुरा गांव टापू बना हुआ है.

नारायणपुरा में 'नारायण'
नारायणपुरा में 'नारायण'
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Published : Aug 7, 2021, 6:05 PM IST

Updated : Aug 7, 2021, 6:46 PM IST

इटावा (कोटा). जिले के इटावा उपखंड में चम्बल, कालीसिंध और पार्वती नदियों का जलस्तर घटने का नाम नहीं ले रहा है. जिसके चलते इलाके में बाढ़ के हालात बने हैं. कई गांव जलमग्न हैं. ग्रामीणों को प्रशासन के सहयोग की आवश्यकता पड़ रही है. ऐसा ही कुछ आज नोनेरा पंचायत के नारायणपुरा गांव में देखने को मिला.

नारायणपुरा गांव को चारों तरफ से कालीसिंध नदी के पानी ने घेर रखा है. नारायणपुरा गांव टापू में तब्दील हो रहा है. ऐसे में बीमार लोगों का इलाज कराना भी यहां मुश्किल होता जा रहा है. बीमार व्यक्ति के इलाज के लिए ग्रामीणों को प्रशासन से सहयोग की अपील करनी पड़ रही है.

नारायणपुरा गांव बना टापू, देवदूत बनकर आई एसडीआरएफ टीम

शनिवार को नारायणपुरा गांव की गर्भवती प्रियंका को प्रसव पीड़ा शुरू हुई. उनकी छोटी बच्ची जिया भी बीमार है. ग्रामीणों ने प्रियंका को लेकर प्रशासन को सूचना दी. इसके बाद एसडीआरएफ की टीम नाव से गांव पहुंची. एसडीआरएफ अपने साथ चिकित्सकों की टीम को लेकर गांव पहुंची और ग्रामीणों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराईं.

पढ़ें- जीवन और 'धारा' : प्रसव पीड़ा से कराह रही थी प्रसूता, गांव पानी से घिरा था...नाव के जरिये रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया

जब प्रियंका की हालत ज्यादा खराब होने लगी तो उसे और उसकी बेटी को नाव से रेस्क्यू कर नोनेरा लाया गया. यहां से उसे इटावा अस्पताल में भर्ती कराया गया. एसडीआरएफ टीम के प्रभारी अशोक शर्मा ने बताया कि नारायणपुरा गांव में प्रसूता के प्रसव पीड़ा की सूचना मिली थी. जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर प्रसूता को इटावा अस्पताल पहुंचाया है.

शनिवार को इटावा उपखंड क्षेत्र में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा भी पहुंचे. विधायक ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का जायजा लेकर अधिकारियों से चर्चा की और नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिये.

इटावा (कोटा). जिले के इटावा उपखंड में चम्बल, कालीसिंध और पार्वती नदियों का जलस्तर घटने का नाम नहीं ले रहा है. जिसके चलते इलाके में बाढ़ के हालात बने हैं. कई गांव जलमग्न हैं. ग्रामीणों को प्रशासन के सहयोग की आवश्यकता पड़ रही है. ऐसा ही कुछ आज नोनेरा पंचायत के नारायणपुरा गांव में देखने को मिला.

नारायणपुरा गांव को चारों तरफ से कालीसिंध नदी के पानी ने घेर रखा है. नारायणपुरा गांव टापू में तब्दील हो रहा है. ऐसे में बीमार लोगों का इलाज कराना भी यहां मुश्किल होता जा रहा है. बीमार व्यक्ति के इलाज के लिए ग्रामीणों को प्रशासन से सहयोग की अपील करनी पड़ रही है.

नारायणपुरा गांव बना टापू, देवदूत बनकर आई एसडीआरएफ टीम

शनिवार को नारायणपुरा गांव की गर्भवती प्रियंका को प्रसव पीड़ा शुरू हुई. उनकी छोटी बच्ची जिया भी बीमार है. ग्रामीणों ने प्रियंका को लेकर प्रशासन को सूचना दी. इसके बाद एसडीआरएफ की टीम नाव से गांव पहुंची. एसडीआरएफ अपने साथ चिकित्सकों की टीम को लेकर गांव पहुंची और ग्रामीणों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराईं.

पढ़ें- जीवन और 'धारा' : प्रसव पीड़ा से कराह रही थी प्रसूता, गांव पानी से घिरा था...नाव के जरिये रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया

जब प्रियंका की हालत ज्यादा खराब होने लगी तो उसे और उसकी बेटी को नाव से रेस्क्यू कर नोनेरा लाया गया. यहां से उसे इटावा अस्पताल में भर्ती कराया गया. एसडीआरएफ टीम के प्रभारी अशोक शर्मा ने बताया कि नारायणपुरा गांव में प्रसूता के प्रसव पीड़ा की सूचना मिली थी. जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर प्रसूता को इटावा अस्पताल पहुंचाया है.

शनिवार को इटावा उपखंड क्षेत्र में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा भी पहुंचे. विधायक ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का जायजा लेकर अधिकारियों से चर्चा की और नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिये.

Last Updated : Aug 7, 2021, 6:46 PM IST
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