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स्पेशल रिपोर्ट : सांगोद CHC की हालत डिस्पेंसरी से भी बदतर, बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे मरीज

सांगोद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में रिक्त चल रहे चिकित्सकों के पद भरने के बाद मरीजों को भले ही उपचार में राहत मिल रही हो लेकिन यहां मरीजों के लिए कई जरूरी सुविधाएं बीते कई महिनों से ठप पड़ी हैं. जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. देखिए कोटा से खास रिपोर्ट...

कोटा न्यूज , kota news
सांगोद CHC की हालत डिस्पेंसरी से भी बदतर
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Published : Feb 21, 2020, 12:01 AM IST

सांगोद (कोटा). प्रदेश सरकार भले ही जनता को निरोगी काया का सपना दिखा रही है. लेकिन स्थिति इसके विपरीत है. इसका एक ताजा मामला सांगोद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में देखने को मिला. जहां पिछले दिनों सांगोद हॉस्पिटल में चिकित्सकों की नियुक्ति से मरीजों को राहत मिली. वहीं सोनोग्राफी, ऑपरेशन थियेटर, जैसी कई सुविधाएं बंद होने से मरीजों परेशान हैं और उन्हें अपनी जेब ढीली करने को मजबूर होना पड़ रहा है.

सांगोद CHC की हालत डिस्पेंसरी से भी बदतर
उल्लेखनीय है कि यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बीते कई माह से चार चिकित्सकों के पद रिक्त थे. हाल ही में विभाग ने रिक्त पद तो भर दिए लेकिन यहां कई जरूरी सुविधाओं का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा. इन दिनों अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन होने के बावजूद सोनोग्राफी की सुविधा लोगों को नहीं मिल पा रही है. बता दें कि साल भर से सोनोग्राफी कक्ष के ताला लगा हुआ है.
कोटा न्यूज , kota news
एम्बुलेंस का टायर पंचर

एंबुलेंस की भी खस्ताहाल

हॉस्पिटल की 108 एंबुलेंस की भी खस्ताहाल हैं पिछले कई महीनों से यहां की 108 एंबुलेंस कंडोम होकर पड़ी है. ऐसे में आपातकाल के समय में बपावर या देवली से 108 एंबुलेंस सांगोद से आती है, जिसके लिए मरीजों को घंटो तक इंतजार करना पड़ रहा है.

कोटा न्यूज , kota news
सांगोद CHC में लगा तला

लाखों रुपये के उपकरण धूल चाट रहे

पार्षद रामावतार वर्मा ने बताया कि प्रतिदिन पांच सौ से अधिक मरीज यहां आ रहे हैं, लेकिन स्टाफ की कमी के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही स्टोर रूम में भी दवाइयों की कमी है और अस्पताल स्टॉफ भी इससे पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक्सरे मशीने भी बंद पड़ी हुई है. एक्सरे करने के लिए भी कोई स्थायी कर्मचारी मौजूद नहीं है. एक्सरे रूम को भी स्टोर की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. लाखों रुपये के उपकरण धूल चाट रहे हैं.

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सांगोद CHC में सुविधओं की कमी

साथ ही कहा कि जनप्रतिनिधियों,अस्पताल के अधिकारियों का भी इस पर कोई ध्यान नहीं है. स्थानीय निवासी बबलू गर्ग का कहना है कि अस्पताल में एक्सरे और सोनोग्राफी जैसी लाखों रुपये की मशीनों के होते हुए भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जांच और सफाई व्यवस्थाओं को लेकर भी अस्पताल प्रशासन गंभीर नहीं है. साथ ही रात के समय अस्पताल में चिकित्सक तक मौजूद नहीं मिलते हैं.

पढ़ें- शिक्षा का बजट-2020 : शिक्षा को मिले 39 हज़ार 524 करोड़ रुपए, यहां देखें शिक्षा क्षेत्र की प्रमुख घोषणाएं

रोगी के परिजनों का कहना है कि कोटा ले जाने के लिए 108 एम्बुलेंस का इंतजार कर रहे हैं. साथ भी बताया कि जो 108 एम्बुलेंस यहां मौजूद है वो चालू अवस्था में नहीं है. अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर चिकित्सा अधिकारी भी अपना पल्ला झाड़ते नजर आए अस्पताल प्रभारी रामचंद्र पारेता कहते हैं कि 108 एम्बुलेंस को कर्मचारियों के भरोसे छोड़ रखा है. साथ ही बताया कि सर्जन ना होने के कारण ऑपरेशन थिएटर और सोनोग्राफी मशीने बंद पड़ी हुई हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल की अव्यवस्थाओं से उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है.

सांगोद (कोटा). प्रदेश सरकार भले ही जनता को निरोगी काया का सपना दिखा रही है. लेकिन स्थिति इसके विपरीत है. इसका एक ताजा मामला सांगोद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में देखने को मिला. जहां पिछले दिनों सांगोद हॉस्पिटल में चिकित्सकों की नियुक्ति से मरीजों को राहत मिली. वहीं सोनोग्राफी, ऑपरेशन थियेटर, जैसी कई सुविधाएं बंद होने से मरीजों परेशान हैं और उन्हें अपनी जेब ढीली करने को मजबूर होना पड़ रहा है.

सांगोद CHC की हालत डिस्पेंसरी से भी बदतर
उल्लेखनीय है कि यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बीते कई माह से चार चिकित्सकों के पद रिक्त थे. हाल ही में विभाग ने रिक्त पद तो भर दिए लेकिन यहां कई जरूरी सुविधाओं का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा. इन दिनों अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन होने के बावजूद सोनोग्राफी की सुविधा लोगों को नहीं मिल पा रही है. बता दें कि साल भर से सोनोग्राफी कक्ष के ताला लगा हुआ है.
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एंबुलेंस की भी खस्ताहाल

हॉस्पिटल की 108 एंबुलेंस की भी खस्ताहाल हैं पिछले कई महीनों से यहां की 108 एंबुलेंस कंडोम होकर पड़ी है. ऐसे में आपातकाल के समय में बपावर या देवली से 108 एंबुलेंस सांगोद से आती है, जिसके लिए मरीजों को घंटो तक इंतजार करना पड़ रहा है.

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सांगोद CHC में लगा तला

लाखों रुपये के उपकरण धूल चाट रहे

पार्षद रामावतार वर्मा ने बताया कि प्रतिदिन पांच सौ से अधिक मरीज यहां आ रहे हैं, लेकिन स्टाफ की कमी के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही स्टोर रूम में भी दवाइयों की कमी है और अस्पताल स्टॉफ भी इससे पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक्सरे मशीने भी बंद पड़ी हुई है. एक्सरे करने के लिए भी कोई स्थायी कर्मचारी मौजूद नहीं है. एक्सरे रूम को भी स्टोर की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. लाखों रुपये के उपकरण धूल चाट रहे हैं.

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सांगोद CHC में सुविधओं की कमी

साथ ही कहा कि जनप्रतिनिधियों,अस्पताल के अधिकारियों का भी इस पर कोई ध्यान नहीं है. स्थानीय निवासी बबलू गर्ग का कहना है कि अस्पताल में एक्सरे और सोनोग्राफी जैसी लाखों रुपये की मशीनों के होते हुए भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जांच और सफाई व्यवस्थाओं को लेकर भी अस्पताल प्रशासन गंभीर नहीं है. साथ ही रात के समय अस्पताल में चिकित्सक तक मौजूद नहीं मिलते हैं.

पढ़ें- शिक्षा का बजट-2020 : शिक्षा को मिले 39 हज़ार 524 करोड़ रुपए, यहां देखें शिक्षा क्षेत्र की प्रमुख घोषणाएं

रोगी के परिजनों का कहना है कि कोटा ले जाने के लिए 108 एम्बुलेंस का इंतजार कर रहे हैं. साथ भी बताया कि जो 108 एम्बुलेंस यहां मौजूद है वो चालू अवस्था में नहीं है. अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर चिकित्सा अधिकारी भी अपना पल्ला झाड़ते नजर आए अस्पताल प्रभारी रामचंद्र पारेता कहते हैं कि 108 एम्बुलेंस को कर्मचारियों के भरोसे छोड़ रखा है. साथ ही बताया कि सर्जन ना होने के कारण ऑपरेशन थिएटर और सोनोग्राफी मशीने बंद पड़ी हुई हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल की अव्यवस्थाओं से उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है.

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