कोटा. राजस्थान बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष (Rajasthan Child Rights Commission President On Marriage Age) संगीता बेनीवाल बुधवार को हाड़ौती के दौरे पर थीं, लेकिन वो अपना दौरा बीच में छोड़कर कोटा से जयपुर के लिए रवाना हो गईं. उन्होंने अलवर में पीड़ित बालिका से हुए दुष्कर्म (Sangeeta Beniwal on Rape With A Minor In Alwar ) पर निंदा की और दुख जताया.
शादी की उम्र पूछ कर हो तय : ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि बालिकाओं की शादी की उम्र 18 से 21 वर्ष करने पर भी (Rajasthan Child Rights Commission President On Marriage Age) आपत्ति जताई. संगीता बेनीवाल ने कहा कि जनता से जुड़े किसी भी मुद्दे पर निर्णय लेने के पहले एक्सपर्ट और एनजीओ से बात करनी चाहिए. सरकार ने अचानक से इस तरह का फैसला कर दिया और कानून को आम जनता पर थोपने की तैयारी है. ग्रामीण इलाके के कई अभिभावक और लोग मेरे संपर्क में आए हैं, उन्होंने इसे पूरी तरह से गलत बताया है.
बेनीवाल ने बताया कई बेटियां आगे शिक्षा प्राप्त नहीं करती और परिवार भी अगर गरीब हैं तो दो बेटियों की शादी कर देते हैं. हमने इस पर कई लोगों की सहमति और असहमति के लिए विशेषज्ञों से राय ली थी, सभी ने असहमति जताई है. अपना आपत्ति पत्र हम केन्द्र सरकार को भेजेंगे.
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अस्पतालों में बच्चों को तीसरे लहर से बचाने के इंतजाम देखें (Sangeeta Beniwal On Child Health Care) : संगीता बेनीवाल ने कहा कि वे हाड़ौती के दौरे पर आई थीं. इनमें बारां, बूंदी, झालावाड़ और कोटा में बच्चों को कोविड-19 के तीसरी लहर से बचाने के इंतजाम देखे हैं. उनका कहना है कि राजस्थान में तीसरी लहर का अंदेशा है और यह दस्तक दे ही चुकी है. ओमीक्रोन का खतरा भी बना हुआ है. ऐसे में लगातार मामले सामने आ रहे हैं और बच्चों को भी खतरा इसमें बताया गया है. ऐसे में बाल आयोग अध्यक्ष होने के नाते मेरा फर्ज बनता है कि व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाए. इसी के चलते मैंने वैक्सीनेशन से लेकर इलाज तक की व्यवस्था सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक जाकर देखी है. मैं कई जगह व्यवस्थाओं से संतुष्ट भी हूं, हालांकि कई जगह पर व्यवस्थाएं सुधारने के लिए भी निर्देशित किया है.
बढ़ते हुए क्राइम ग्राफ पर भी रखी राय : संगीता बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश में बालिकाओं और बच्चों के खिलाफ आंकड़ों का जो नंबर बिल्कुल बढ़ रहा है, यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की संवेदनशीलता के चलते बढ़ा है. सीएम हर प्लेटफार्म पर यही बोलते हैं कि कोई भी फरियादी पुलिस स्टेशन पर आए तो खाली न जाए. उसकी रिपोर्ट लिखी जाए और उस पर कार्रवाई हो. राजस्थान ही देश में एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पर हर व्यक्ति की प्राथमिकी दर्ज कर ली जाती है, इसीलिए बढ़ता हुआ आंकड़ा हमें दिखाई दे रहा है.
बेनीवाल आगे बोलीं हालांकि बच्चों और बालिकाओं के साथ हो रहे अत्याचार (Rape cases In Rajasthan) गंभीर हैं. सामाजिक चेतना के जरिए ही इन्हें कम किया जा सकता है. कितने भी नियम कानून बना ले इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी. उन्होंने अलवर व भरतपुर में नाबालिग से हुई घटनाओं की निंदा की.
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बाल कल्याण समिति को एकजुट रहने की सलाह : सर्किट हाउस में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कनीज फातिमा, सदस्य विमल चंद जैन, अरुण भार्गव, एडवोकेट आबिद हुसैन अब्बासी, मधु शर्मा से मुलाकात की. उन्होंने बाल कल्याण समिति सदस्यों से एकजुट होकर बच्चों की समस्याओं के लिए काम करने की अपील की. और मनमुटाव दूर कर एकजुट रहने की सलाह दी. इस दौरान सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग सहायक निदेशक रामराज मीणा, बाल संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा व चाइल्डलाइन कोऑर्डिनेटर यज्ञदत्त हाड़ा मौजूद रहे.
अलवर रेप कांड से दहला राजस्थान : अलवर का ये दिल दहला देने वाला मामला है. मानसिक रूप से विक्षिप्त किशोरी से (Minor raped in Alwar) दुष्कर्म के बाद आरोपी उसे तिजारा फाटक ओवरब्रिज पर फेंक कर चले गए. मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को कब्जे में लेकर राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया है. पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है.