कोटा. आम आदमी का सपना होता है कि उसका एक घर हो और ऐसे में उसको बजट से भी काफी उम्मीद होती है. ऐसे में घर बनाने के लिए बिल्डिंग मैटीरियल सस्ते हो जाएं, होम लोन की दरों में कमी और सब्सिडी बढ़ाई जाए, यही लोगों की जरूरत रहती है. ईटीवी भारत ने जब लोगों से बात की तो सभी ने बिल्डिंग मटेरियल पर लगने वाले जीएसटी की दरों को कम करने की मांग की है.
रियस एस्टेट के कारोबार को भी बजट से काफी उम्मीद है. कोटा के ही बूंदी रोड पर नवनिर्मित फ्लैट की इंक्वायरी करने पहुंचे मेडिकल कॉलेज निवासी मनोज का कहना है कि सपनों का घर खरीदने के लिए सबसे सही समय यही है. कोई भी भूखंड खरीदें या मकान खरीदें तो यह सही समय है. प्रॉपर्टी अभी काफी कम दाम पर मिल रही है, इसके बाद जब जीडीपी ऊपर जाएगी तो प्रॉपर्टी के दाम भी बढ़ जाएंगे. जो लोग सब्सिडी के लिए अप्लाई कर रहे हैं और सब्सिडी एलिजिबल भी हैं तो उनके लिए बिल्कुल सही टाइम है. सही रेंज में अभी उन्हें प्रॉपर्टी मिल रही है तो छोड़ना नहीं चाहिए. हालांकि सरकार को चाहिए कि प्रॉपर्टी के दाम जो अभी है. वह आगे भी इसी तरह से रहें या फिर उनमें भी कई रिलैक्सेशंस मिले, ताकि आम व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी खरीद सके.
प्रॉपर्टी खरीदने पहुंचे सिविल इंजीनियर और आर्किटेक्ट का कहना है कि पब्लिक को कोर्ट 19 में काफी पाबंदियां से गुजरना पड़ा है. अब सरकार टैक्स में छूट देनी चाहिए, क्योंकि उनकी इनकम पहले काफी कम रही है, तो लोगों को फायदा होगा और वह अपना आशियाना भी खरीद पाएंगे. इसके साथ ही लोन के प्रोसीजर भी काफी कम होने चाहिए. जिससे कि पब्लिक जल्दी से उन्हें पूरा कर दें और उन्हें तुरंत लोन मिल जाए. सरकार अन्य कई तरीके जिनमें सब्सिडी और टैक्स में छूट देकर भी राहत दे सकती है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तो जीएसटी लागू नहीं है, लेकिन इनके अलावा जो फ्लैट व आवास है, उनमें जीएसटी लागू है. जिसकी दरें और कम होनी चाहिए या जीएसटी हटना चाहिए.
बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन और सेल्स से जुड़े गंतव्य जैन का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना 2021 मार्च में खत्म होने वाली थी जिसे मार्च 2020 तक बढ़ा दिया गया है, लेकिन इसे अभी और बढ़ाना चाहिए. क्योंकि 2020 का पूरा साल कोविड-19 की भेंट चढ़ गया है. ऐसे में केवल चिकित्सा सुविधाओं पर ही ध्यान दिया गया, बाकी अन्य जितने भी कार्य थे वह प्राथमिकता से हट गए थे. इसके चलते हर घर का जो सपना प्रधानमंत्री मोदी देख रहे हैं, वह 2022 तक पूरा नहीं हो पाएगा. इसके लिए समय सीमा बढ़ानी होगी, ताकि आम लोगों को राहत मिल सके.
मैटेरियल की कॉस्ट कम की जाए, घटाई जाए जीएसटी की दर
बिल्डर मनोज जैन आदिनाथ का कहना है कि कोरोना काल के दौरान ही रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन बिजनेस ठप हो गया था. इसके बाद काफी मंदी इसमें आ गई और पूरा व्यापार ही चौपट जैसा था. रियल स्टेट के लिए सरकार को अच्छी पॉलिसी लेकर आनी चाहिए, ताकि बहुत अच्छे परिणाम आएं. जहां पर रोजगार लोगों को मिलता है. वह वहीं अपने आवास की सुविधा भी चाहते हैं. आज बिल्डिंग मटेरियल के दाम आसमान छू रहे हैं. सीमेंट के दाम और स्टील के दाम में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि हुई है.
सरकार को इस पर अंकुश लगाना चाहिए और विशेष रियायत देनी चाहिए, ताकि जो लोग मकान बनाना चाहते हैं उन्हें राहत मिले. अभी सीमेंट पर जीएसटी 28 फ़ीसदी वसूला जा रहा है. इसे 18% पर लेकर आना चाहिए. इसी तरह से स्टील का उपयोग भी काफी ज्यादा होता है. उस पर भी 18 फ़ीसदी की जगह 12 फीसदी ही टैक्स होना चाहिए. साथ ही पेट्रोलियम पदार्थों से बनने वाले प्लास्टिक के पाइप भी काफी महंगे हैं. डेढ़ गुना दाम इनकी बढ़ गई है. जीएसटी इन पर भी कम होना चाहिए. साथ ही कीमतों पर प्रभावी नियंत्रण सरकार का रहना चाहिए, ताकि आम जनता को राहत मिले. पेट्रोल की कीमत भी कम होनी चाहिए, इन पर अंकुश लगेगा तो लोगों को भी राहत मिलेगी.
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कोचिंग के बच्चों से बढ़ गया है थोड़ा मूवमेंट
गंतव्य जैन का कहना है कि कोटा की कोचिंग संस्थानों को हाल ही में खोला गया है, जो उसके बाद से ही कोटा शहर में बच्चों का आना शुरू हुआ है. हमारे भी बिजनेस को थोड़ा सा मूवमेंट इससे मिला है. बच्चे धीरे-धीरे आ रहे हैं. उसी के बाद से इंक्वायरी थोड़ी बड़ी है. हालांकि पहले बिल्कुल ही धंधा बंद था, अब माल की बिक्री बढ़ी है. हमें उम्मीद है कि थोड़े और ग्राहक आएंगे जिससे कि कंस्ट्रक्शन बिजनेस को ग्रोथ मिलेगी.
हालांकि बीते दिनों वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर कोटा आए थे, तभी व्यापारियों के साथ उनकी बैठक हुई थी जिसमें उन्होंने गुड्स और मैटेरियल का टैक्स कम किए जाने की मांग उठाई थी ताकि सरिया, सीमेंट, बजरी और अन्य जो भी बिल्डिंग मटेरियल है, उनके कॉस्ट कम हों जिससे निर्माण लागत कम होगी और आम नागरिकों को राहत मिले.