कोटा: कोटा से चंदेरिया रेल खंड में विद्युतीकरण यानी ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन (Overhead Electrification System) सिस्टम (OHE) हाल ही में पूरा हुआ है. जिसके बाद यहां पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन भी चलने लगी है. लेकिन इस नए नवेले Construction को लेकर बड़े भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. यह आरोप किसी और ने नहीं बल्कि एक रेलवे कार्मिक ने ही लगाए हैं.
कर्मचारी ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को भ्रष्टाचार की शिकायत भेजी थी. जिसके बाद ही जांच शुरू हो गई है. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) इस संबंध में जांच कर रहा है और कर्मचारियों के बयान लेने के साथ-साथ अन्य तथ्य भी जुटाए जा रहे हैं.
कौन है कर्मचारी और क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार शिकायत करने वाला कार्मिक रेलवे के ही मांडलगढ़ टीआरडी विभाग में सहायक कर्मचारी पवन मीणा है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को भेजी गई शिकायत में उसने बताया है कि विद्युत तारों के लिए जो खंबे खड़े किए गए थे, उनकी गुणवत्ता सही नहीं है. कई खंभों की नींव कमजोर है. खम्भों के लिए सीमेंट कंक्रीट का बेस तैयार किया था, वह काफी कमजोर है और उसमें दरारें आ गई हैं. इनकी गहराई भी कम है. साथ ही उसने एटीडी (ATD), टीआरडी बिल्डिंग और कॉपर वायर (Copper Wire) में भी कमी की बात अपनी शिकायत में लिखी है.
PMO से मिली शिकायत
पीएमओ ने शिकायत आरपीएफ को फॉरवर्ड की. कोटा आरपीएफ (Kota RPF) के पोस्ट इंचार्ज बच्चन देव ने इसकी जानकारी दी. बताया कि कर्मचारी पवन मीणा ने पीएमओ में इस संबंध की शिकायत की थी. जिसके बाद यह हमें (RPF को) भेजी गई. हम इस संबंध में जांच पड़ताल कर रहे हैं.
ये 2500 खंबों का सवाल है
आपको बता दें कि कोटा से चंदेरिया (Kota Chanderia Railway Section) के बीच 152 किलोमीटर एरिया में करीब 2500 से ज्यादा खंबे लगे हैं. इन खंभों में यह कमियां बताई जा रही है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से शिकायत के बाद इसे रेल मंत्रालय में भेजा गया. उसके बाद से ही केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन मुख्यालय प्रयागराज और आरपीएफ कोटा सहित तीन सदस्य कमेटी इसकी जांच कर रही है.