कोटा. कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बाद रेलवे ने भी इसकी रोकथाम के लिए पूरा दमखम लगा दिया था. साथ ही ट्रेनों का संचालन भी रोक दिया गया था. जिन्हें अब धीरे-धीरे शुरू किया जा रहा है, हालांकि रेलवे ने कोटा में 150 बेड का क्वॉरेंटाइन सेंटर शुरू किया था. जहां पर अभी तक भी एक भी कोरोना संदिग्ध को क्वॉरेंटाइन नहीं किया गया है.
बता दें, कि रेलवे सुरक्षा बल की रिजर्व लाइन की बिल्डिंग में यह क्वॉरेंटाइन सेंटर स्थापित है. यहां पर 5 बड़े हॉल में 30-30 बेड स्थापित किए गए हैं, जिसमें भूतल पर दो और पहली मंजिल पर 3 हॉल को क्वॉरेंटाइन ब्लॉक बनाए गए हैं. जहां पर बीती 1 अप्रैल से ही व्यवस्था कर दी गई थी. हर बेड पर क्वॉरेंटाइन होने वाले व्यक्ति के लिए चप्पल, नैपकिन सहित सेफ्टी के सभी सामग्री रखी गई है, हालांकि इन क्वॉरेंटाइन सेंटर का एक बार भी उपयोग नहीं किया गया है, क्योंकि कोटा में जितने भी संदिग्ध मरीज आ रहे हैं उनका मेडिकल कॉलेज कोटा ही उपचार कर रहा है.
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इसके साथ ही जिन भी लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. उन्हें राजस्थान सरकार की तरफ से आलनिया के निजी विश्वविद्यालय की बिल्डिंग में बनाए गए स्टेट क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही रखा जाता है. ऐसे में रेलवे के आरपीएफ रिजर्व लाइन में बने इस क्वॉरेंटाइन सेंटर का एक बार भी उपयोग नहीं हुआ है. यहां पर भर्ती होने वाले लोगों को देखते हुए मेडिकल की टीम भी रेलवे अस्पताल से लगाई गई है.
रेलवे अस्पताल में केवल मरीजों को किया जा रहा भर्ती
रेलवे अस्पताल में केवल इंदौर संचालित किया जा रहा है. इसके अलावा एक ब्लॉक में कोविड-19 के लिए भी रिजर्व किया हुआ है. जहां पर कुछ बेड लगा दिए गए हैं और वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की व्यवस्था भी कर दी गई है. साथ ही स्टाफ भी तैनात कर दिया गया है. हालांकि एक भी मरीज को यहां भी भर्ती नहीं किया गया है.
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डिस्पेंसरी में संचालित की जा रही ओपीडी
रेलवे माल गोदाम के आगे डिस्पेंसरी में अब रेलवे अस्पताल की ओपीडी को संचालित किया जा रहा है. वहां पर ही आने वाले मरीजों को देखा जा रहा है. साथ ही उन्हें उपचार दिया जा रहा है, जबकि यह पूरा कार्य पहले रेलवे अस्पताल में संचालित किया जाता था.