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कोटा: केशवरायपाटन शुगर मिल शुरू करने के लिए युवाओं और किसानों का अनशन - fasting farmers

कई सालों से बंद पड़ी केशवरायपाटन शुगर मिल को शुरू करवाने को लेकर आंदोलन और तेज हो गया है. क्षेत्र के किसान और युवाओं ने बुधवार को कोटा के संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इसके बाद वे अनशन पर बैठ गए. प्रदर्शनकारी अपने साथ तख्तियां लेकर बैठे हुए थे, जिन पर शुगर मिल को शुरू करने की मांग की गई थी.

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युवाओं और किसानों का अनशन
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Published : Jul 29, 2020, 5:59 PM IST

कोटा. बूंदी जिले की केशवरायपाटन शुगर मिल को शुरू करवाने को लेकर आंदोलन और तेज हो गया है. क्षेत्र के किसान और युवाओं ने कोटा के संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इसके बाद वे लोग अनशन पर बैठ गए.

युवाओं और किसानों का अनशन

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने संभागीय आयुक्त केसी मीणा को ज्ञापन देकर शुगर मिल को तुरंत शुरू करवाने की मांग की है. इन लोगों का कहना है कि शुगर मिल शुरू होने के साथ स्थानीय किसानों को गन्ने की फसल का उत्पादन करने को मिलेगा. साथ ही उसके दाम भी अच्छे मिल जाएंगे. वहीं स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार का भी एक साधन शुगर मिल बनेगी.

यह भी पढ़ेंः हाड़ौती के किसानों को मिली राहत, कोटा बैराज डैम से दाईं मुख्य नहर में छोड़ा गया पानी

इन लोगों का कहना है कि बीते 17 साल से इस आंदोलन को स्थानीय नागरिक चला रहे थे. अब इसमें तेजी लाते हुए बीते 6 महीने में अलग-अलग तरह से वे प्रदर्शन और धरने दे रहे हैं ताकि सरकार की नींद खुले और बंद पड़ी केशोरायपाटन शुगर मिल को तुरंत शुरू किया जा सके. प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे कोटा भाजयुमो के जिलाध्यक्ष गिर्राज गौतम का कहना है कि यह केवल एक विधानसभा या जिले का विषय नहीं है.

केशोरायपाटन शुगर मिल कोटा और बूंदी जिलों के लिए जीवनदायिनी थी. इसे तुरंत शुरू किया जाना चाहिए. इस संबंध में वे जयपुर जाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से भी मुलाकात करेंगे, ताकि क्षेत्र के जो किसान और युवा हैं. उनके लिए यह शुगर मिल शुरू हो सके.

कोटा. बूंदी जिले की केशवरायपाटन शुगर मिल को शुरू करवाने को लेकर आंदोलन और तेज हो गया है. क्षेत्र के किसान और युवाओं ने कोटा के संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इसके बाद वे लोग अनशन पर बैठ गए.

युवाओं और किसानों का अनशन

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने संभागीय आयुक्त केसी मीणा को ज्ञापन देकर शुगर मिल को तुरंत शुरू करवाने की मांग की है. इन लोगों का कहना है कि शुगर मिल शुरू होने के साथ स्थानीय किसानों को गन्ने की फसल का उत्पादन करने को मिलेगा. साथ ही उसके दाम भी अच्छे मिल जाएंगे. वहीं स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार का भी एक साधन शुगर मिल बनेगी.

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इन लोगों का कहना है कि बीते 17 साल से इस आंदोलन को स्थानीय नागरिक चला रहे थे. अब इसमें तेजी लाते हुए बीते 6 महीने में अलग-अलग तरह से वे प्रदर्शन और धरने दे रहे हैं ताकि सरकार की नींद खुले और बंद पड़ी केशोरायपाटन शुगर मिल को तुरंत शुरू किया जा सके. प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे कोटा भाजयुमो के जिलाध्यक्ष गिर्राज गौतम का कहना है कि यह केवल एक विधानसभा या जिले का विषय नहीं है.

केशोरायपाटन शुगर मिल कोटा और बूंदी जिलों के लिए जीवनदायिनी थी. इसे तुरंत शुरू किया जाना चाहिए. इस संबंध में वे जयपुर जाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से भी मुलाकात करेंगे, ताकि क्षेत्र के जो किसान और युवा हैं. उनके लिए यह शुगर मिल शुरू हो सके.

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