कोटा. पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत ने शनिवार को राज्य सरकार की ओर से कोटा सहित 16 शहरों में नाइट कर्फ्यू की बेमियादी बढ़ाने के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ जिला कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत से नाइट कर्फ्यू हटाने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर कर्फ्यू नहीं हटाया गया तो सोमवार को कर्फ्यू की अवधि में व्यापारी बाजार खोलकर एवं जनता सड़क पर उतरकर इस तानाशाही आदेश की धज्जियां उड़ा देगी.
पूर्व संसदीय सचिव राजावत ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गत 8 माह प्रधानमंत्री ने कर्फ्यू लगा दिया, फिर मुख्यमंत्री ने लाॅकडाउन लगा दिया और अब कोटा सहित प्रदेश के 16 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. जबकि अब कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होती जा रही है. वैसे भी यह न तो केन्द्र सरकार से रुका है और न राज्य सरकार से रुका, यह तो प्रकृति का प्रकोप था और प्रकृति ने ही इसको धीरे-धीरे काबू में लिया है.
लेकिन इस अवधि में लोगों का कोराबार, व्यापार, काम-धंधा सब चैपट हो गया. दुनिया में सर्वश्रेष्ठ कोचिंग का हब बने कोटा में कोचिंग इंडस्ट्री लाखों लोगों के लिए आजीविका का आधार थी लेकिन कोरोना काल में ऐसी दुर्दशा हुई कि कई परिवारों की महिलाएं अपने बच्चों के लिए मनरेगा में मजदूरी करने लगी, बड़े-बड़े लोग सब्जी व चाट-पकौड़ी के ठेले लगाने लगे तो दर्जनों ने जीवन लीला समाप्त कर ली.
राजावत ने कहा कि कोरोना संक्रमण पूरी तरह नियंत्रण में है और भारत सरकार ने इसके खात्मे के लिए निःशुल्क वैक्सीन राज्यों को मुहैया करवा दी, ऐसे में अब नाइट कर्फ्यू का कोई औचित्य नहीं रह जाता, दिनभर काम काज के बाद लोगों को शाम को ही खरीदारी का समय मिलता है. उसमें भी बाजार बन्द होने से लोग को समस्या होने के साथ कारोबार भी प्रभावित हो रहा है.
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उन्होंने कहा कि अब 18 जनवरी से कोचिंग चालू होने के बाद पूरे देश के छात्र लगातार कोटा आएंगे, नाइट कर्फ्यू से उन्हें अपने हाॅस्टलों में पहुंचने में कठिनाई होगी, रातभर चाय-पानी पीकर अध्ययन करने में बाधा उत्पन्न होगी. राजावत ने जिला कलेक्टर को चेतावनी दी है कि नाइट कर्फ्यू को तत्काल नहीं हटाया गया तो वे स्वयं किसी भी बाजार में जाकर कर्फ्यू की सीमाओं को तोड़ेंगे.