कोटा. जिले के सुकेत थाना इलाके में नाबालिग से हुए गैंगरेप मामले में अभी चालान 'न्यायालय में पेश नहीं हुआ है, लेकिन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. अब तक 31 लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है. जिनमें चार नाबालिग निरूद्ध किए गए थे. वहीं 27 लोग गिरफ्तार हैं, जिनमें दो महिला भी शामिल है. इन गिरफ्तार आरोपियों में से दो आरोपी और महिला की जमानत के लिए न्यायालय में अर्जी दी गई थी, लेकिन न्यायालय ने मंगलवार को इन्हें खारिज कर दिया है.
जानकारी के अनुसार सुकेत गैंगरेप मामले में आरोपी ने अपने अलग-अलग अधिवक्ताओं के जरिए जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी. जिसमें उनके वकीलों का कहना था कि दोनों आरोपियों को रंजिशवश झूठा फंसाया गया है. आरोपियों ने पीड़िता के साथ किसी तरह का कोई अपराध कार्य नहीं किया गया है. साथ ही इस प्रकरण में उनसे अनुसंधान भी पूरा किया जा चुका है. कोई भी अनुसंधान और बरामदगी शेष नहीं है. वहीं एफआईआर में भी आरोपियों को नामजद नहीं किया गया है. ऐसे में वह करीब 1 महीने से न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे हैं.
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उनका पूर्व कोई अपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है और कोरोना का खतरा भी बना हुआ है. इसी के चलते उन्हें जमानत दी जाए. इसका विरोध विशिष्ट लोक अभियोजक प्रेम नारायण नामदेव और गैंगरेप पीड़िता की अधिवक्ता तरन्नुम अंसारी ने किया. दोनों ने तर्क दिया है कि आरोपियों के साथ मिलकर ही अन्य आरोपियों ने अनुसूचित जाति की पीड़िता के साथ अपराध किया है. इनका सक्रिय सहयोग भी गैंगरेप प्रकरण में रहा है. ऐसे में अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत अस्वीकार की जाए. इस मामले में पोक्सो न्यायालय क्रम संख्या एक के न्यायाधीश अशोक चौधरी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों आरोपियों की जमानत को खारिज कर दिया है.