कोटा. एसीबी मुख्यालय ने बुधवार को तीन पुलिकर्मियों के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज किए हैं, जिसमें पुलिसकर्मियों पर रिश्वत मांगने का आरोप (Policemen accused of demanding bribe) है. कोटा एसीबी (Kota ACB) ने मामला दर्ज कर उसका सत्यापन करवाया, लेकिन पुलिसकर्मियों को शक होने पर उन्होंने रिश्वत की राशि नहीं ली. इसके बाद एसीबी (Anti Corruption Bureau) ने मामले में पूरी जांच कर प्रकरणों को मुख्यालय भिजवाया, जिन पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
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बता दें, एक मामले में पुलिसकर्मी ने मारवाड़ी इलाके के कुख्यात बदमाश कैलाश मांजू के नाम से रिश्वत मांगी थी. इस मामले में पहला मुकदमा झालावाड़ (Jhalawar) जिले के अकलेरा थाने के कांस्टेबल हडमतदान चारण उर्फ हनुमंत चारण और दलाल ज्ञानाराम के खिलाफ दर्ज किया गया है.
अफीम के झूठे मुकदमे में फंसाने के नाम पर मांगी रिश्वत
एसीबी के पुलिस उप अधीक्षक हर्षराज सिंह खरेड़ा ने बताया कि जोधपुर (Jodhpur) निवासी रामनिवास फंगाल ने परिवाद दर्ज करवाया था, जिसमें उसने बताया कि वह 28 जुलाई 2020 को असनावर थाने के सामने निकल रहा था. इसी दौरान कांस्टेबल हडमतदान चारण ने नाकाबंदी कर गाड़ी को रुकवाया, लेकिन मेरे गाड़ी में किसी तरह की कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली.
लेकिन, इसके बाद भी कांस्टेबल हडमतदान चारण ने असनावर थाने में बंद कर उसके साथ पूछताछ के नाम पर मारपीट की और उसे प्रताड़ित भी किया. साथ ही कांस्टेबल हनुमंत चारण ने अपने मोबाइल में मारवाड़ इलाके के कुख्यात बदमाश कैलाश मांजू (Crook Kailash Manju) की फोटो दिखा कर धमकी भी दी और रिश्वत की मांग की. इसके बाद अकलेरा थाने के सामने ढाबा संचालित करने वाले ज्ञानाराम को बुला लिया और मुझे छोड़ने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए की मांग की.
रिपोर्ट में उसने बताया कि कांस्टेबल ने उससे कहा कि अगर रुपए नहीं दिए तो गाड़ी में अफीम (opium) रख तस्करी (smuggling of opium) का केस लगा देंगे. उन्होंने बताया कि उस समय उसके पास 30 हजार रुपए थे, जो उन्होंने कांस्टेबल हडमतदान चारण को दे दिए. साथ ही कहा कि बाकी के 90 हजार रुपए ज्ञानाराम के खाते में डलवा दूंगा. इसके बाद कांस्टेबल ने सीट बेल्ट का चालान बनाकर उले छोड़ दिया. इस मामले की शिकायत परिवादी एसीबी कोटा (Kota Anti Corruption Bureau) से की.
कोटा एसीबी (Kota ACB) ने शिकायत दर्ज करने के बाद 28 जुलाई 2020 को इसका सत्यापन करवाया और 29 जुलाई को ट्रैप की कार्रवाई (Kota ACB Action) की गई. लेकिन, कांस्टेबल हडमतदान चारण और दलाल ज्ञानाराम को एसीबी की कार्रवाई (Action of ACB) का शक हो गया, ऐसे में उन्होंने रिश्वत की राशि नहीं ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह किसी काम से कोटा आ गया है. इसके बाद एसीबी मुख्यालय (ACB Headquarter) ने मामले में मुकदमा दर्ज किया है.
झूठे मुकदमे में गिरफ्तारी का डर दिखाकर मांग रहे थे रिश्वत
पुलिस उप अधीक्षक एसीबी हर्षराज सिंह खरेड़ा ने बताया कि एक मामला कुन्हाड़ी थाने में सामने आया था, जिसमें 2 कांस्टेबल शिशुपाल सिंह और अरविंद सिंह के खिलाफ एसीबी (Anti Corruption Bureau) ने मुकदमा दर्ज किया है. नांता इलाके के परिवादी आदिल खान ने 27 अप्रैल 2021 को एसीबी कोटा (Kota ACB) को शिकायत दी कि उसके खिलाफ पुनाली थाने में एक झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसकी जांच के बाद उसका कोई लेना-देना नहीं पाया गया.
रिपोर्ट में परिवादी ने बताया कि इस मामले में कुन्हाड़ी थाने के 2 पुलिसकर्मी शिशुपाल सिंह और अरविंद सिंह उसे झूठे मुकदमे में गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे हैं. साथ ही 5 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं. कोटा एसीबी (Kota ACB) ने परिवादी की शिकायक पर रिपोर्ट दर्ज कर मामले का सत्यापन करवाया, जिसमें दोनों पुलिसकर्मियों से रिश्वत की मांग सही पाई गई.
खरेड़ा ने बताया कि मामले में सत्यापन के बाद पुलिसकर्मियों को एसीबी की कार्रवाई (Action of ACB) होने का शक हो गया और उन्होंने रिश्वत नहीं ली. इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि पीड़ित के खिलाफ आरोप प्रमाणित नहीं पाए गए, जबकि पहले ही न्यायालय में चालान पेश हो गया था. इसके बावजूद उससे रिश्वत की मांग की जा रही थी. एसीबी मुख्यालय (Jaipur ACB) ने इस मामले में भी मुकदमा दर्ज किया है.