कोटा. पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र यादव ने पुलिस निरीक्षक जोधाराम गुर्जर को अपराधियों से सांठगांठ के मामले में सेवा से बर्खास्त कर दिया है. डीजीपी ने बर्खास्तगी के पत्र में जोधाराम गुर्जर की पूरी कहानी लिखी है कि किस तरह से वह एक पुलिस की वर्दी में गैंग को संचालित कर रहा था. घंटों हिस्ट्रीशीटर और गैंगस्टर लोगों के साथ बात करता था. यही नहीं अभी तो केवल कॉलिंग का रिकॉर्ड आया है, जिसमें मोबाइल से किए गए कॉल ही शामिल हैं, व्हाट्सएप कॉलिंग और व्हाट्सएप मैसेज का रिकॉर्ड इसमें शामिल नहीं है.
भानु प्रताप गैंग के गुर्गों से संपर्क में
डीजीपी राजस्थान भूपेंद्र यादव की ओर से जारी पत्र में जोधाराम गुर्जर की बर्खास्तगी की पूरी कहानी लिखी हुई है. पत्र में लिखा है कि किस तरह से सीआई जोधाराम गुर्जर भानु प्रताप गैंग के हिस्ट्रीशीटर रणवीर चौधरी के लगातार संपर्क में था. घंटों तक सीआई गुर्जर और रणवीर चौधरी के बीच में बातचीत होती थी. इसके भी प्रमाण डीजीपी को पुलिस जांच में मिले हैं.
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एक साल में हिस्ट्रीशीटर रणवीर से की थी 183 फोन कॉल
एक बार तो पुलिस भी इतनी लंबी चौड़ी बातचीत की कॉल डिटेल को देखकर दंग रह गई. बीते एक साल में सीआई जोधाराम गुर्जर और हिस्ट्रीशीटर रणवीर चौधरी के बीच कुल 183 फोन कॉल के जरिए 385 मिनट बातचीत हुई है. वहीं, हिस्ट्रीशीटर अश्विनी उर्फ गोल्डी के बीच कुल 64 फोन कॉल के जरिए 178 मिनट बातचीत हुई है.
अपराधियों की पार्टियों में लगातार होता था शामिल
जोधाराम गुर्जर के संबंध बदमाश आपराधिक प्रवृत्तियों के लोगों के साथ सिर्फ फोन तक ही सीमित नहीं थे, बल्कि पार्टियों में लगातार आना जाना था. जोधाराम गुर्जर हिस्ट्रीशीटर रणवीर चौधरी, हिस्ट्रीशीटर अश्विनी गोल्डी, गैंगस्टर अमित जैन और एसआई अजीत मोगा के साथ गोवा में पार्टी करने गया था, जिसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर आई थी.
इन तस्वीरों का जिक्र डीजीपी भूपेंद्र यादव ने अपने आदेश में किया है. इतना ही नहीं जोधाराम गुर्जर वर्ष 2014 में मोडक थाने में तैनात था, जहां पर डोडा पोस्ट से भरे ट्रक को छोड़ने की एवज में 15 लाख की रिश्वत मांगने के मामले में 5 लाख लेते हुए कोटा एसीबी टीम ने ट्रैप किया था, जिसका न्यायालय में चालान भी पेश हो चुका है. इसके अलावा जोधाराम गुर्जर पर शराब माफिया, सटोरियों और हाईवे के ढाबे वालों से मासिक बंदी लेने के भी संगीन आरोप लगे हैं.
डीजीपी ने माना पुलिस में रहते हुए आमजन के लिए था खतरा
डीजीपी भूपेंद्र यादव ने पत्र में साफ तौर पर लिखा है कि जोधाराम गुर्जर का आचरण ऐसा है कि जिसके मद्देनजर उसे पुलिस विभाग जैसे अनुशासित बल में रखना राज्य हित और लोक हित में वांछनीय नहीं रहेगा. ऐसे आचरण से जनसाधारण का सरकार और पुलिस विभाग के प्रति असंतोष उत्पन्न होगा. साथ ही आमजन में असुरक्षा का माहौल भी उत्पन्न होगा. जोधाराम गुर्जर को पुलिस जैसे अनुशासित विभाग में और अधिक समय तक रखना अन्य पुलिसकर्मियों के समक्ष गलत उदाहरण प्रस्तुत करने जैसा होगा.