कोटा. जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इन दिनों कोविड-19 वार्ड बनाया गया है. जिसके चलते अस्पताल में ज्यादातर कोरोना मरीज ही आ रहे हैं. बता दें कि यहां एक यूनिट डायलिसिस की चलाई जा रही है. जिसको लेकर बीपीएल धारक डायलिसिस करवाने आने वाले मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि अस्पताल में एक ही आउटडोर काउंटर खुला होने से मरीजों में भय व्याप्त है, क्योंकि इसी काउंटर पर कोरोना पेशेंट्स की जांच होती है और इसी पर अन्य आउट डोर पर्चियां बनाई जा रही है.
डायलिसिस करवाने आई मरीज के पति ऋषभ जैन ने बताया कि पहले डायलिसिस वार्ड में ही पर्ची कटा करती थी, लेकिन गुरुवार से इन्होंने सीनियर सिटीजन वार्ड में पर्ची कटवाने को कहा है. जहां कोरोना संक्रमित मरीजों की भी पर्चियां कटती हैं. ऐसे में भय अलग बना रहता है. उन्होंने बताया कि उसके बाद वार्ड में जाना होता है और वहां सील लगवाकर फिर पर्ची के लिए जाना होता है.
ऐसे में काफी समय खराब हो जाता है और दूसरी बात बीपीएल धारकों को तो फोटो भी खिंचवाना पड़ता है. जिसमें छोटे बच्चे भी शामिल होने से समस्या है, साथ ही डायलिसिस मरीज को इधर-उधर घूमना खतरनाक साबित हो सकता है. उन्होंने बताया कि यहां का स्टाफ भी कम कर दिया गया है. जिससे जहां पहले चार घंटे डायलिसिस हुआ करती थी. वहीं अब मात्र दो घंटे डायलिसिस कर मरीज को वापस भेज दिया जाता है, जो मरीज के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
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अस्पताल अधीक्षक का कहना है कि स्टाफ की कमी के चलते यह व्यवस्था की गई है. इसमें मरीज के परिजनों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आती है. साथ ही उनका कहना है कि जो भी काउंटर पर जाता है वह मुंह पर मास्क लगाकर जाए. साथ ही हाथों को सैनिटाइज करें, ताकि संक्रमण से बचाव हो सके.