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जेईई मेंस- 2020 के टॉपर पार्थ द्विवेदी ने कहा- फल के बारे में नहीं सोचा मेहनत करता रहा - जेईई मेंस जनवरी 2020

जेईई मेंस जनवरी 2020 में राजस्थान के पार्थ द्विवेदी टॉपर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमेशा हम यही गोल लेकर चलते हैं कि हमें 100 परसेंटाइल आ जाए या फर्स्ट हम आ जाएं, लेकिन मैं अपनी मेहनत ज्यादा कंसंट्रेट कर रहा था. मैंने फल के बारे में नहीं सोचा. मैं गीता के श्लोक मेहनत किए जाओ, फल के बारे में मत सोचो के अनुसार अपने स्टडी कर रहा था.

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टॉपर रहे पार्थ द्विवेदी
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Published : Jan 18, 2020, 8:54 PM IST

कोटा. जेईई मेंस जनवरी 2020 का परिणाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जारी कर दिया है. जिसमें राजस्थान में से 100 परसेंटाइल लाकर भरतपुर के पार्थ द्विवेदी भी टॉपर रहे हैं. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हमेशा हम यहीं गोल लेकर चलते हैं कि हमें 100 परसेंटाइल आ जाए या फर्स्ट हम आ जाएं, लेकिन मैं अपनी मेहनत पर ज्यादा कंसंट्रेट कर रहा था.

टॉपर रहे पार्थ द्विवेदी

पार्थ द्विवेदी ने बताया कि मैंने फल के बारे में नहीं सोचा. गीता के श्लोक के मेहनत किए जाओ, फल के बारे में मत सोचो के अनुसार अपने स्टडी कर रहा था. पार्थ ने कहा कि वे सभी सब्जेक्ट को बराबर समय दे रहा था. हर सब्जेक्ट दिन में करीब 4 घंटे कोचिंग सेल्फ स्टडी मिलाकर पढ़ रहा था.
देश के बाहर नहीं जाना है.

पढ़ेः हरियाणा से तस्करी कर लाई जा रही शराब के खिलाफ जयपुर पुलिस एक्टिव

पार्थ ने कहा कि मेरा टारगेट है. बड़े होकर नेशन को सर्व करना है. मैं जो भी करूंगा भारत में रहकर ही करूंगा, बाहर नहीं जाऊंगा. मेरा लक्ष्य आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करना है. वहीं बोर्ड परीक्षाएं नजदीक है, ऐसे में फोकस बोर्ड परीक्षा पर है और उसके बाद एडवांस पर में पूरी तरह से फोकस करूंगा.

उन्होंने कहा कि स्टूडेंट को स्ट्रेस में आने की जरूरत नहीं है. अपने गोल पर फोकस करें, रिजल्ट अच्छे नहीं आ रहे हैं तब भी काम पूरे दिल लगाकर करते रहे. साइकोलॉजी और टेंपरामेंट बनाए रखें. यह एक बार बर्स्ट करने से जैसा नहीं होगा. मैराथन की तरह है, बाधाएं आएगी उनको पार करके चलना है.

स्ट्रेस नहीं हो इसलिए पूरा कम्युनिकेशन रखती थी-

भारत के पिता विनीत द्विवेदी रेलवे में वरिष्ठ अधिकारी हैं. वही मां नीति द्विवेदी उत्तर प्रदेश पुलिस में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात है. हालांकि बीते दो सालों से उसके साथ ही कोटा में रह रही थी और उसकी तैयारी में मदद कर रही थी. नीति का कहना है कि मैंने कोशिश की ज्यदा समय उसको दे पाए, जिससे पढ़ाई अच्छे से हो रही पाए.

पढ़ेंः CAA केन्द्रीय सूची का विषय, राज्य सरकारों को इसे लागू करना ही पड़ेगा : केरल राज्यपाल

पार्थ की मां ने बताया कि जब पार्थ वापस घर पर आता था, तो किस प्रकार से उसका शेड्यूल मेंटेन करना था, उस पर मदद करती थी. ताकि पार्थ को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो. उसे कंफर्ट फील करवाती थी. बच्चे मैं कोई स्ट्रेस नहीं हो इसके लिए पूरा कम्युनिकेशन उसके साथ रखती थी. साथ ही उसे फ्रेंडली एटमॉस्फेयर देती थी. वहीं बेटे को मूवी देखने और गिटार बजाने का भी है तो उसको एनकरेज करती थी.

कोटा. जेईई मेंस जनवरी 2020 का परिणाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जारी कर दिया है. जिसमें राजस्थान में से 100 परसेंटाइल लाकर भरतपुर के पार्थ द्विवेदी भी टॉपर रहे हैं. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हमेशा हम यहीं गोल लेकर चलते हैं कि हमें 100 परसेंटाइल आ जाए या फर्स्ट हम आ जाएं, लेकिन मैं अपनी मेहनत पर ज्यादा कंसंट्रेट कर रहा था.

टॉपर रहे पार्थ द्विवेदी

पार्थ द्विवेदी ने बताया कि मैंने फल के बारे में नहीं सोचा. गीता के श्लोक के मेहनत किए जाओ, फल के बारे में मत सोचो के अनुसार अपने स्टडी कर रहा था. पार्थ ने कहा कि वे सभी सब्जेक्ट को बराबर समय दे रहा था. हर सब्जेक्ट दिन में करीब 4 घंटे कोचिंग सेल्फ स्टडी मिलाकर पढ़ रहा था.
देश के बाहर नहीं जाना है.

पढ़ेः हरियाणा से तस्करी कर लाई जा रही शराब के खिलाफ जयपुर पुलिस एक्टिव

पार्थ ने कहा कि मेरा टारगेट है. बड़े होकर नेशन को सर्व करना है. मैं जो भी करूंगा भारत में रहकर ही करूंगा, बाहर नहीं जाऊंगा. मेरा लक्ष्य आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करना है. वहीं बोर्ड परीक्षाएं नजदीक है, ऐसे में फोकस बोर्ड परीक्षा पर है और उसके बाद एडवांस पर में पूरी तरह से फोकस करूंगा.

उन्होंने कहा कि स्टूडेंट को स्ट्रेस में आने की जरूरत नहीं है. अपने गोल पर फोकस करें, रिजल्ट अच्छे नहीं आ रहे हैं तब भी काम पूरे दिल लगाकर करते रहे. साइकोलॉजी और टेंपरामेंट बनाए रखें. यह एक बार बर्स्ट करने से जैसा नहीं होगा. मैराथन की तरह है, बाधाएं आएगी उनको पार करके चलना है.

स्ट्रेस नहीं हो इसलिए पूरा कम्युनिकेशन रखती थी-

भारत के पिता विनीत द्विवेदी रेलवे में वरिष्ठ अधिकारी हैं. वही मां नीति द्विवेदी उत्तर प्रदेश पुलिस में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात है. हालांकि बीते दो सालों से उसके साथ ही कोटा में रह रही थी और उसकी तैयारी में मदद कर रही थी. नीति का कहना है कि मैंने कोशिश की ज्यदा समय उसको दे पाए, जिससे पढ़ाई अच्छे से हो रही पाए.

पढ़ेंः CAA केन्द्रीय सूची का विषय, राज्य सरकारों को इसे लागू करना ही पड़ेगा : केरल राज्यपाल

पार्थ की मां ने बताया कि जब पार्थ वापस घर पर आता था, तो किस प्रकार से उसका शेड्यूल मेंटेन करना था, उस पर मदद करती थी. ताकि पार्थ को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो. उसे कंफर्ट फील करवाती थी. बच्चे मैं कोई स्ट्रेस नहीं हो इसके लिए पूरा कम्युनिकेशन उसके साथ रखती थी. साथ ही उसे फ्रेंडली एटमॉस्फेयर देती थी. वहीं बेटे को मूवी देखने और गिटार बजाने का भी है तो उसको एनकरेज करती थी.

Intro:जेईई मेंस जनवरी 2020 में राजस्थान के टॉपर पार्थ द्विवेदी भी टॉपर रहे हैं मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हमेशा हम यही गोल लेकर चलते हैं कि हमें 100 परसेंटाइल आ जाए या फर्स्ट हम आ जाएं, लेकिन मैं अपनी मेहनत ज्यादा कंसंट्रेट कर रहा था. मैंने फल के बारे में नहीं सोचा. मैं गीता के श्लोक कि मेहनत किए जाओ, फल के बारे में मत सोचो के अनुसार अपने स्टडी कर रहा था.


Body:कोटा.
जेईई मेंस जनवरी 2020 का परिणाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने जारी कर दिया है इसमें राजस्थान में से 100 परसेंटाइल लाकर भरतपुर के पार्थ द्विवेदी भी टॉपर रहे हैं मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हमेशा हम यही गोल लेकर चलते हैं कि हमें 100 परसेंटाइल आ जाए या फर्स्ट हम आ जाएं, लेकिन मैं अपनी मेहनत ज्यादा कंसंट्रेट कर रहा था. मैंने फल के बारे में नहीं सोचा. मैं गीता के श्लोक कि मेहनत किए जाओ, फल के बारे में मत सोचो के अनुसार अपने स्टडी कर रहा था. पार्थ ने कहा कि वे सभी सब्जेक्ट को बराबर समय दे रहा था. हर सब्जेक्ट दिन में करीब 4 घंटे कोचिंग सेल्फ स्टडी मिलाकर पढ़ रहा था.

देश के बाहर नहीं जाना है
पार्थ ने कहा कि मेरा टारगेट है. बड़े होकर नेशन को सर्व करना है. मैं जो भी करूंगा भारत में रहकर ही करूंगा, बाहर नहीं जाऊंगा. उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करना है. तुरंत बोर्ड परीक्षाएं नजदीक है, ऐसे में फोकस बोर्ड परीक्षा पर है और उसके बाद एडवांस पर में पूरी तरह से फोकस करूंगा. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट को स्ट्रेस में आने की जरूरत नहीं है. अपने गोल पर फोकस करें, रिजल्ट अच्छे नहीं आ रहे हैं तब भी काम पूरे दिल लगाकर करते रहे. साइकोलॉजी और टेंपरामेंट बनाए रखें. यह एक बार बर्स्ट करने से जैसा नहीं होगा. मैराथन की तरह है, बाधाएं आएगी उनको पार करके चलना है.




Conclusion:स्ट्रेस नहीं हो इसलिए पूरा कम्युनिकेशन रखती थी
भारत के पिता विनीत द्विवेदी रेलवे में वरिष्ठ अधिकारी हैं. वही मां नीति द्विवेदी उत्तर प्रदेश पुलिस में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात है. हालांकि बीते दो सालों से उसके साथ ही कोटा में रह रही थी और उसकी तैयारी में मदद कर रही थी. नीति का कहना है कि मैंने कोशिश की जितना समय उसको दे पाए. पढ़ाई अच्छे से हो रही थी, लेकिन जब वापस घर पर आता था, तो जिस प्रकार से उसका शेड्यूल मेंटेन करना था उस पर मदद करती थी. ताकि पार्थ को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो. उसे कंफर्ट फील करवाती थी. बच्चे मैं कोई स्ट्रेस नहीं हो इसके लिए पूरा कम्युनिकेशन उसके साथ रखती थी. बच्चे छोटे होते हैं तमाम तरह की बातें आती रहती है, हर बात वह हमसे शेयर कर पाए ऐसा फ्रेंडली एटमॉस्फेयर मैं उसको देती थी. साथ ही इसको मूवी का शौक है और गिटार बजाने का भी है तो उसको एनकरेज करती थी.



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