कोटा. शहर के दादाबाड़ी स्थित उड़िया बस्ती में इन दिनों एक सप्ताह में तीन बच्चों की मौत हो गई. बच्चा अचानक बीमार होता है और उसको उल्टी दस्त शुरू होते हैं लेकिन अस्पताल ले जाते वक्त बच्चे दम तोड़ देते हैं. बुधवार को जलदाय विभाग की टीम ने मौके पर पहुच कर पानी के सैम्पल लिए गए.
कोटा शहर के दादाबाडी के उड़िया बस्ती में इन दिनों अजीब सा भय का माहौल बना हुआ है. हर पल लोगों को यह डर सताता है कि अब कौन सा मासूम अज्ञात बीमारी से काल के मुंह में समा जाए. उड़िया बस्ती में पिछले एक सप्ताह में तीन बच्चे अचानक बीमार होकर कुछ घंटों में मौत के मुंह में समा गये. सामान्य से उल्टी और दस्त के बाद जब तक बच्चों को अस्पताल ले जा पाते उससे पूर्व ही उनकी मौत हो गई.
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खास बात यह है कि मौत के बाद बच्चे का शरीर काला पड़ पड़ गया, जिसके कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाए हैं. इस मामले का स्थानीय नेताओं को मालूम हुआ तो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग नगर निगम व जलदाय विभाग के अधिकारियों को फटकारा. जिसके बाद जाकर जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को बस्ती में जाकर पानी के सैंपल भरे.
उड़िया बस्ती के निवासियों ने बताया कि बच्चो की मौत से सभी सहमे हुए हैं. बच्चों को अचानक उल्टियां होती है और उसके बाद अस्पताल ले जाते समय कुछ ही पलों में उनकी मौत हो जाती है जिसके बाद पूरा शरीर काला पड़ जाता है. चिकित्सकों द्वारा अभी तक बीमारी की पहचान नहीं हुई है. एक सप्ताह में तीन बच्चों की मौत के बाद बस्ती निवासी पलायन भी कर रहे हैं.
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आपको बता दें कि दादाबाड़ी इलाके को स्लम बस्ती माना जाता है. जहां सालों से नालों की सफाई नहीं हुई है. सैकड़ों की संख्या में लोग इस गंदगी में रह रहे हैं. जिसकी वजह से अज्ञात बीमारियां मासूम बच्चों को मौत के आगोश में समा रही हैं. वहीं, बस्ती के इन हालातों पर ना तो किसी विभाग का दिल पसीजता है और ना ही राजनीतिक रहनुमाओं का.