ETV Bharat / city

कोटा में ऑक्सीजन की कमी: 20 हजार लीटर क्षमता का स्टोरेज यूनिट नहीं हुआ शुरू, हालात गंभीर

कोरोना की पहली लहर में कोटा में ऑक्सीजन के इंतजाम के लिए एक 20000 लीटर क्षमता का लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज यूनिट तैयार करवाया था. लेकिन उससे कनेक्शन नहीं होने के चलते उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. हालांकि अब अस्पताल प्रबंधन कह रहा है कि पुरानी लाइन के जरिये ही वे लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज का उपयोग करेंगे. ताकि जो सिलेंडर अभी उपयोग में आ रहे हैं. उनमें थोड़ी कमी आ सके और मरीजों की संख्या बढ़ने पर भी दिक्कत अस्पताल को नहीं हो.

oxygen shortage in kota, kota news
कोटा में ऑक्सीजन की कमी
author img

By

Published : Apr 19, 2021, 5:20 PM IST

कोटा. पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर गंभीर रूप ले चुकी है. लोग ऑक्सीजन की कमी के चलते अपनी जान गवां रहे हैं. ऐसे हालात कोटा में भी बन सकते हैं. क्योंकि ऑक्सीजन की काफी रिक्वायरमेंट यहां पर हो गई है. लगभग 1900 सिलेंडरों की रिक्वायरमेंट मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में अभी वर्तमान में आ रही है. जिसके चलते हालात विकट बने हुए हैं. राज्य सरकार के निर्देश पर कोटा के औद्योगिक इकाइयों की सप्लाई को रोककर केवल अस्पतालों को ही ऑक्सीजन सिलेंडर दिए जा रहे हैं.

पढ़ें: अजमेर: JLN अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाने के निर्देश, बेडों की संख्या 310 से बढ़ाकर की 660

दूसरी तरफ पहली लहर के दौरान कोटा में ऑक्सीजन के इंतजाम के लिए एक 20000 लीटर क्षमता का लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज यूनिट तैयार करवाया था, लेकिन उससे कनेक्शन नहीं होने के चलते उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. हालांकि अब अस्पताल प्रबंधन दावा कर रहा है कि पुरानी लाइन के जरिए ही वे लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज का उपयोग किया जाए, ताकि जो सिलेंडर अभी उपयोग में आ रहे हैं उनमें थोड़ी कमी आ सके और मरीजों की संख्या बढ़ने पर भी दिक्कत अस्पताल को नहीं हो.

कोटा में ऑक्सीजन की कमी

1400 सिलेंडर प्रतिदिन है क्षमता

20000 लीटर क्षमता के इस लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज यूनिट की क्षमता 24 घंटे में 1400 सिलेंडर ऑक्सीजन की सप्लाई अस्पताल में कर देने की है. हालांकि अस्पताल की जरूरत इससे भी कई ज्यादा है. ऐसे में इसके शुरू होने के बाद भी सिलेंडर से ऑक्सीजन की जरूरत रहेगी. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इसके लिए पुरानी लाइन जब उपयोग में लेकर चेक की गई है, तो उसमें थोड़ी समस्या आ रही है, लेकिन उसका समाधान निकाल दिया जाएगा.

बड़े प्लांट से ही आ सकती है लिक्विड गैस

ऑक्सीजन स्टोरेज के लिए बनाए गए इस यूनिट में भिवाड़ी या भोपाल के अलावा अन्य बड़े कारखाने से ही गैस आ सकती है. जिसके लिए पूरा टैंकर ही मंगवाया जाएगा. इस लिक्विड ऑक्सीजन के लिए आर्डर कर देने की बात मेडिकल कॉलेज प्रबंधन कह रहा हैं, जो कि 2 से 3 दिन में कोटा पहुंच जाएगी.

तीन प्लांटों के जरिए मिल रही 300 सिलेंडर ऑक्सीजन

अस्पताल में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में एक और नए अस्पताल की बिल्डिंग में दो ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगे हुए हैं, जो कि लिक्विड ऑक्सीजन को बनाते हैं. इनकी क्षमता करीब 360 सिलेंडर प्रतिदिन है. हालांकि इन से करीब 300 सिलेंडर की गैस का उत्पादन 24 घंटे में हो पा रहा है. ऐसे में यह भी काफी मदद अस्पताल को कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी काफी मात्रा में सिलेंडर उपयोग में आ रहे हैं.

दोनों अस्पतालों में 500 मरीज ऑक्सीजन पर

पहले मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में ही कोरोना मरीजों का उपचार किया जा रहा था, लेकिन अब मरीजों की संख्या बढ़ने पर ऑक्सीजन रिक्वायरमेंट भी बढ़ गई है. ऐसे में 450 मरीज नए अस्पताल में ऑक्सीजन पर हैं. वहीं 50 के आस-पास मरीज एमबीएस अस्पताल में भी ऑक्सीजन पर हैं. उन्हीं को देखते हुए करीब दोनों अस्पतालों में 2000 सिलेंडर रोज काम आ रहे हैं. जिनके लिए रात-दिन 24 घंटे करीब 30 कार्मिक ऑक्सीजन का इंतजाम करने में जुटे हुए हैं.

कोटा. पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर गंभीर रूप ले चुकी है. लोग ऑक्सीजन की कमी के चलते अपनी जान गवां रहे हैं. ऐसे हालात कोटा में भी बन सकते हैं. क्योंकि ऑक्सीजन की काफी रिक्वायरमेंट यहां पर हो गई है. लगभग 1900 सिलेंडरों की रिक्वायरमेंट मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में अभी वर्तमान में आ रही है. जिसके चलते हालात विकट बने हुए हैं. राज्य सरकार के निर्देश पर कोटा के औद्योगिक इकाइयों की सप्लाई को रोककर केवल अस्पतालों को ही ऑक्सीजन सिलेंडर दिए जा रहे हैं.

पढ़ें: अजमेर: JLN अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाने के निर्देश, बेडों की संख्या 310 से बढ़ाकर की 660

दूसरी तरफ पहली लहर के दौरान कोटा में ऑक्सीजन के इंतजाम के लिए एक 20000 लीटर क्षमता का लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज यूनिट तैयार करवाया था, लेकिन उससे कनेक्शन नहीं होने के चलते उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. हालांकि अब अस्पताल प्रबंधन दावा कर रहा है कि पुरानी लाइन के जरिए ही वे लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज का उपयोग किया जाए, ताकि जो सिलेंडर अभी उपयोग में आ रहे हैं उनमें थोड़ी कमी आ सके और मरीजों की संख्या बढ़ने पर भी दिक्कत अस्पताल को नहीं हो.

कोटा में ऑक्सीजन की कमी

1400 सिलेंडर प्रतिदिन है क्षमता

20000 लीटर क्षमता के इस लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज यूनिट की क्षमता 24 घंटे में 1400 सिलेंडर ऑक्सीजन की सप्लाई अस्पताल में कर देने की है. हालांकि अस्पताल की जरूरत इससे भी कई ज्यादा है. ऐसे में इसके शुरू होने के बाद भी सिलेंडर से ऑक्सीजन की जरूरत रहेगी. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इसके लिए पुरानी लाइन जब उपयोग में लेकर चेक की गई है, तो उसमें थोड़ी समस्या आ रही है, लेकिन उसका समाधान निकाल दिया जाएगा.

बड़े प्लांट से ही आ सकती है लिक्विड गैस

ऑक्सीजन स्टोरेज के लिए बनाए गए इस यूनिट में भिवाड़ी या भोपाल के अलावा अन्य बड़े कारखाने से ही गैस आ सकती है. जिसके लिए पूरा टैंकर ही मंगवाया जाएगा. इस लिक्विड ऑक्सीजन के लिए आर्डर कर देने की बात मेडिकल कॉलेज प्रबंधन कह रहा हैं, जो कि 2 से 3 दिन में कोटा पहुंच जाएगी.

तीन प्लांटों के जरिए मिल रही 300 सिलेंडर ऑक्सीजन

अस्पताल में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में एक और नए अस्पताल की बिल्डिंग में दो ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगे हुए हैं, जो कि लिक्विड ऑक्सीजन को बनाते हैं. इनकी क्षमता करीब 360 सिलेंडर प्रतिदिन है. हालांकि इन से करीब 300 सिलेंडर की गैस का उत्पादन 24 घंटे में हो पा रहा है. ऐसे में यह भी काफी मदद अस्पताल को कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी काफी मात्रा में सिलेंडर उपयोग में आ रहे हैं.

दोनों अस्पतालों में 500 मरीज ऑक्सीजन पर

पहले मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में ही कोरोना मरीजों का उपचार किया जा रहा था, लेकिन अब मरीजों की संख्या बढ़ने पर ऑक्सीजन रिक्वायरमेंट भी बढ़ गई है. ऐसे में 450 मरीज नए अस्पताल में ऑक्सीजन पर हैं. वहीं 50 के आस-पास मरीज एमबीएस अस्पताल में भी ऑक्सीजन पर हैं. उन्हीं को देखते हुए करीब दोनों अस्पतालों में 2000 सिलेंडर रोज काम आ रहे हैं. जिनके लिए रात-दिन 24 घंटे करीब 30 कार्मिक ऑक्सीजन का इंतजाम करने में जुटे हुए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.