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आत्मनिर्भर अभियान के पैकेज पर बोले कोटा के उद्यमी: कुछ राहत मिलेगी, लेकिन उम्मीद पूरी होती नहीं दिख रही - self sufficient campaign package

कोटा में उद्योगपतियों से ईटीवी भारत ने बातचीत की और घोषित किए गए आत्मनिर्भर भारत अभियान के पैकेज के बारे में जानकारी ली. अधिकांश लोगों ने स्कीम्स की सराहना की है. उन्होंने कहा कि एमएसएमई, एनबीएफसी और एमएफएल के साथ-साथ इन में काम करने वाले कामगारों को भी राहत मिली है. वहीं कुछ लोगों ने कहा कि अभी स्कीम के बारे में स्पष्ट नोटिफिकेशन आना बाकी है उसके बाद ही क्लियर हो पाएगा कि यह किस तरह से राहत देंगे या नहीं.

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आत्मनिर्भर अभियान के पैकेज पर उद्यमियों की राय
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Published : May 13, 2020, 9:51 PM IST

कोटा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन से इंडस्ट्रीज और देश को उबारने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की थी. इसमें बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने पूरी स्कीम्स का ब्योरा पेश किया. ऐसे में कोटा में उद्योगपतियों से ईटीवी भारत ने बातचीत की और घोषित किए गए आत्मनिर्भर भारत अभियान के पैकेज के बारे में जानकारी ली.

अधिकांश लोगों ने स्कीम्स की सराहना की है. उन्होंने कहा कि एमएसएमई, एनबीएफसी और एमएफएल के साथ-साथ इन में काम करने वाले कामगारों को भी राहत मिली है. कुछ लोगों ने कहा है कि अभी स्कीम के बारे में स्पष्ट नोटिफिकेशन आने बाकी हैं. उसके बाद ही क्लियर हो पाएगा कि यह किस तरह से राहत देंगे या नहीं.

आत्मनिर्भर अभियान के पैकेज पर उद्यमियों की राय

2 की जगह डेढ़ फीसदी कटेगा टीडीएस ट्रांसपोर्ट

सुरेश अग्रवाल का कहना है कि 20 लाख करोड़ के जो पैकेज की घोषणा की है, वह सराहनीय है. छोटे और गरीब परिवार को उठाने के लिए यह मदद करेगी. सरकार ने 25 फीसदी टीडीएस की कटौती की है. ऐसे में पहले ट्रांसपोर्ट में दो पर्सेंट टीडीएस कटता था, जो वह डेढ़ पर्सेंट रह गया है. वहीं हमारे जो कर्मचारी है, जिनका पीएफ हम जमा कराते थे, जो सैलरी का 13 परसेंट था, अब सरकार की तरफ से हमें 3 महीने का दिया जाएगा. जिसमें जून, जुलाई और अगस्त में यह बड़ी राहत का कदम है.

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बिना ब्याज के पैसा मिलने से राहत मिलेगी

हाड़ौती कोटा स्टोन एसोसिएशन के अध्यक्ष रामेश्वर गर्ग का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान का जो पैकेज है. वह सराहनीय कदम है. यह काफी अच्छा पैकेज है, सरकार बिना ब्याज के 1 साल तक जो कर्ज दिया है, वह सराहनीय है. उद्योग आगे बढ़कर और प्रगति करेंगे. गर्ग का कहना है कि कुछ ऐसे नियम कानून हैं, जिन्हें बदलना होगा. जैसे लेबर कानून और जमीन अधिग्रहण कानून. इसके अलावा सरकार को उद्योगपतियों के लिए फैक्ट्री लगाने के लिए जो नियम कानून है. वह भी शिथिल करने होंगे.

ब्याज देना होगा, इंटरेस्ट रेट भी नहीं बताई

इलेक्ट्रॉनिक्स के उद्यमी संजय बाफना के अनुसार उद्योगपतियों को जो लोन दिया जाएगा. हालांकि उसमें 1 साल तक ब्याज नहीं देना होगा, लेकिन बाद में तो वह ब्याज चुकाना ही होगा. ऐसे में इंटरेस्ट रेट क्या होगी? यह भी वित्त मंत्री ने नहीं बताया है. बाफना का मानना है कि जो एमएसएमई के लिए घोषणा की गई है, उनकी उम्मीद पूरे होने की नहीं दिख रही है. बाफना का यह भी कहना है कि जो पीएफ की स्कीम की घोषणा की गई है. उसमें भी 30% इंडस्ट्रीज ही कवर हो रही है.

सामाजिक संस्थाओं के भवनों का बिजली बिल भी हो माफ

कोटा नागरिक सहकारी बैंक के अध्यक्ष और समाजसेवी राजेश कृष्ण बिरला का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अच्छे राहत पैकेज की घोषणा उद्यमियों के लिए की है. इससे उद्योगों को कुछ गति जरूर मिलेगी. उन्होंने कहा कि वह समाज सेवा से जुड़े हुए हैं. ऐसे में उनकी संस्था भवनों का संचालन करती है. लेकिन अब अगले छह माह तक ना तो उनमें कोई कार्यक्रम आयोजित होंगे, ना उनकी बुकिंग होगी. इसके चलते वहां पर बिजली सहित अन्य सभी खर्चे लगातार जारी है. ऐसे में सरकार को बिजली के बिल इन संस्थाओं के माफ करने चाहिए, क्योंकि भारी लोड के बिजली कनेक्शन वहां पर लिए हुए हैं. जिनका महीने का चार्ज ही हजारों रुपए में आता है.

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3 महीने की स्कूल फीस सरकार जमा करें

राजेश कृष्ण बिरला का कहना है कि वे संस्था का स्कूल संचालित करवाते हैं. ऐसे में अब स्कूलों में सैलरी सहित अन्य कई समस्याएं सामने आने लगी हैं, क्योंकि सभी स्कूल वालों ने लोन लेकर स्कूल संचालित किए हुए हैं. स्कूल के बिल्डिंग के लाखों रुपए महीने में चुकाने होते हैं. सरकार को हर छोटे से बड़े स्कूल को 3 महीने की फीस जमा करवा देनी चाहिए. जिससे स्कूलों को राहत मिले.

कोटा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन से इंडस्ट्रीज और देश को उबारने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की थी. इसमें बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने पूरी स्कीम्स का ब्योरा पेश किया. ऐसे में कोटा में उद्योगपतियों से ईटीवी भारत ने बातचीत की और घोषित किए गए आत्मनिर्भर भारत अभियान के पैकेज के बारे में जानकारी ली.

अधिकांश लोगों ने स्कीम्स की सराहना की है. उन्होंने कहा कि एमएसएमई, एनबीएफसी और एमएफएल के साथ-साथ इन में काम करने वाले कामगारों को भी राहत मिली है. कुछ लोगों ने कहा है कि अभी स्कीम के बारे में स्पष्ट नोटिफिकेशन आने बाकी हैं. उसके बाद ही क्लियर हो पाएगा कि यह किस तरह से राहत देंगे या नहीं.

आत्मनिर्भर अभियान के पैकेज पर उद्यमियों की राय

2 की जगह डेढ़ फीसदी कटेगा टीडीएस ट्रांसपोर्ट

सुरेश अग्रवाल का कहना है कि 20 लाख करोड़ के जो पैकेज की घोषणा की है, वह सराहनीय है. छोटे और गरीब परिवार को उठाने के लिए यह मदद करेगी. सरकार ने 25 फीसदी टीडीएस की कटौती की है. ऐसे में पहले ट्रांसपोर्ट में दो पर्सेंट टीडीएस कटता था, जो वह डेढ़ पर्सेंट रह गया है. वहीं हमारे जो कर्मचारी है, जिनका पीएफ हम जमा कराते थे, जो सैलरी का 13 परसेंट था, अब सरकार की तरफ से हमें 3 महीने का दिया जाएगा. जिसमें जून, जुलाई और अगस्त में यह बड़ी राहत का कदम है.

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बिना ब्याज के पैसा मिलने से राहत मिलेगी

हाड़ौती कोटा स्टोन एसोसिएशन के अध्यक्ष रामेश्वर गर्ग का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान का जो पैकेज है. वह सराहनीय कदम है. यह काफी अच्छा पैकेज है, सरकार बिना ब्याज के 1 साल तक जो कर्ज दिया है, वह सराहनीय है. उद्योग आगे बढ़कर और प्रगति करेंगे. गर्ग का कहना है कि कुछ ऐसे नियम कानून हैं, जिन्हें बदलना होगा. जैसे लेबर कानून और जमीन अधिग्रहण कानून. इसके अलावा सरकार को उद्योगपतियों के लिए फैक्ट्री लगाने के लिए जो नियम कानून है. वह भी शिथिल करने होंगे.

ब्याज देना होगा, इंटरेस्ट रेट भी नहीं बताई

इलेक्ट्रॉनिक्स के उद्यमी संजय बाफना के अनुसार उद्योगपतियों को जो लोन दिया जाएगा. हालांकि उसमें 1 साल तक ब्याज नहीं देना होगा, लेकिन बाद में तो वह ब्याज चुकाना ही होगा. ऐसे में इंटरेस्ट रेट क्या होगी? यह भी वित्त मंत्री ने नहीं बताया है. बाफना का मानना है कि जो एमएसएमई के लिए घोषणा की गई है, उनकी उम्मीद पूरे होने की नहीं दिख रही है. बाफना का यह भी कहना है कि जो पीएफ की स्कीम की घोषणा की गई है. उसमें भी 30% इंडस्ट्रीज ही कवर हो रही है.

सामाजिक संस्थाओं के भवनों का बिजली बिल भी हो माफ

कोटा नागरिक सहकारी बैंक के अध्यक्ष और समाजसेवी राजेश कृष्ण बिरला का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अच्छे राहत पैकेज की घोषणा उद्यमियों के लिए की है. इससे उद्योगों को कुछ गति जरूर मिलेगी. उन्होंने कहा कि वह समाज सेवा से जुड़े हुए हैं. ऐसे में उनकी संस्था भवनों का संचालन करती है. लेकिन अब अगले छह माह तक ना तो उनमें कोई कार्यक्रम आयोजित होंगे, ना उनकी बुकिंग होगी. इसके चलते वहां पर बिजली सहित अन्य सभी खर्चे लगातार जारी है. ऐसे में सरकार को बिजली के बिल इन संस्थाओं के माफ करने चाहिए, क्योंकि भारी लोड के बिजली कनेक्शन वहां पर लिए हुए हैं. जिनका महीने का चार्ज ही हजारों रुपए में आता है.

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3 महीने की स्कूल फीस सरकार जमा करें

राजेश कृष्ण बिरला का कहना है कि वे संस्था का स्कूल संचालित करवाते हैं. ऐसे में अब स्कूलों में सैलरी सहित अन्य कई समस्याएं सामने आने लगी हैं, क्योंकि सभी स्कूल वालों ने लोन लेकर स्कूल संचालित किए हुए हैं. स्कूल के बिल्डिंग के लाखों रुपए महीने में चुकाने होते हैं. सरकार को हर छोटे से बड़े स्कूल को 3 महीने की फीस जमा करवा देनी चाहिए. जिससे स्कूलों को राहत मिले.

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