कोटा. शहर में शुक्रवार अचानक तेज बारिश का क्रम शुरू हुआ. इसके चलते भामाशाह मंडी में किसानों का जो माल और जींस थी, वह भीग गई. इनमें बड़ी मात्रा में लहसुन भी गीले हो गए है. बता दें कि तौकते तूफान के बाद शुक्रवार को मंडी खुली ही थी.
वहीं समर्थन मूल्य पर की जाने वाली खरीद को लेकर बड़ी संख्या में किसान मंडी में पहुंचे थे. ऐसे में उन सब का माल भीग गया. जिसके बाद विरोध में कई किसान भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ एफसीआई अधिकारियों से उलझ गए. इस मामले में एफसीआई के अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की भी कर दी. साथ ही खरीद केंद्र पर हंगामा भी कर दिया. कुछ किसान उत्तेजित हो गए, जिन्होंने तोड़फोड़ भी खरीद केंद्र पर की है. जिसमें क्वालिटी कंट्रोल ऑफिसर मुकेश नागर और अनिल मालव शामिल है.
इस मामले में एफसीआई के मंडल प्रबंधक निपुण त्रिखा के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया है. अनंतपुरा थाने में एक परिवाद भी दिया है, जिस पर पुलिस जांच कर रही है. अनंतपुरा थानाधिकारी पुष्पेंद्र झांझडिया का कहना है कि जो परिवाद उन्हें मिला था, उसकी जांच की जा रही है. अभी फिलहाल मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है. इस शिकायत में किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं है. अज्ञात बदमाशों पर ही धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया गया है. साथ ही पूरी उचित सुरक्षा व्यवस्था रखने की मांग की है. यहां तक कि उन्होंने यह कह दिया कि केंद्र पर किसानों ने किसी तरह की कोई तोड़फोड़ भी नहीं की है.
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हजारों बोरी की लहसुन और गेहूं हुआ खराब
कोटा में आज हुई बेमौसम बारिश ने आज किसानों के अरमानों पर भी पानी फेर दिया. भामाशाह अनाज मंडी में रखा अनाज अचानक तेज आई बारिश से खराब हो गया. दोपहर बाद तेज हवाओं के साथ करीब आधा घंटा हुई मूसलाधार बारिश में खुले में पड़े लहसुन और गेहूं को पूरी तरह से भिगो दिया. किसान अपने अनाज को बचाने के लिए जतन करते रहे, लेकिन काफी सारा अनाज पानी में बह गया. करीब 15 हजार लहसुन के कट्टे जो खुले में पड़े हुए थे, वह पूरी तरह से भीग गए. वहीं आज बड़ी मात्रा में गेहूं की भी मंडी में आवक हुई थी, जिसमें से अधिकांश गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा था. तेज बारिश के चलते गेहूं को भी खासा नुकसान हुआ है. किसान भी बारिश से अपनी फसल को बचाने की पूरी जुगत करते दिखे, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाए. अधिकांश किसानों के पास प्लास्टिक के कवर नहीं थे, जिससे वे फसल को ढक दें.