कोटा. कोरोना संक्रमित के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है. इस वायरस से कोई भी अछूता नहीं है. दिन-रात अपनी ड्यूटी को देने वाले डाक्टर्स से लेकर पुलिस हर कोई इसकी चपेट में आ रहा है.
ताजा मामला शहर में हुआ है. जहां एक अस्पताल के ईसीजी टेक्नीशियन और एक नर्स है, जो कोरोना आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी कर रहे थे. लगातार कराई गई 30 ईसीजी में यह दोनों कोरोना संक्रमित होना बताए जा रहे है. बताया जा रहा है, टेक्नीशियन को 14 दिन की ड्यूटी पूरी होने पर क्वारेंटाइन भी किया गया था.
पढ़ेंः जोधपुर: ईरान से आए 200 भारतीयों को सेना के विशेष विमान से भेजा घर
वहीं, टेक्नीशियन ने बताया, कि हम दो लोगों ने 7 अप्रैल से अब तक 227 ईसीजी की है. एक दिन रेजिडेंट्स डाक्टरों ने मुझसे लगातार करीब 30 मरीजों की ईसीजी करवाई थी. टेक्नीशियन ने बताया, कि हम कुछ नहीं कह भी नही सकते थे. लेकिन इतना जरूरी है, कि यहां गैरजरूरी मरीजों की भी ईसीजी कराई जा रही है. टेक्नीशियन के नाते हमें मरीज के क्लोज कॉन्टेक्ट में आना होता है. पीपीई किट पहनने के बावजूद लगातार करीब 3 घंटे तक मरीजों की ईसीजी करना सम्भवतः इसी दिन मुझे संक्रमण हुआ है.
आइसोलेशन वार्ड के कर्मचारियो के लिए पर्याप्त एन- 95 मास्क भी नहीं...
नए अस्पताल में कोरोना मरीजों को इलाज में जूटी नर्स और टेक्नीशियन के पॉजिटिव मिलने के बाद मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की ओर से सिर्फ पॉजिटिव मरीजों के वार्ड में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को ही पीपीई किट दी जाती है, लेकिन ऐसा नहीं था.