सांगोद (कोटा). सांगोद जोलपा रोड स्थित जलदाय विभाग के पुराने भवन की हालत इन दिनों खराब चल है. एक समय था जब पूरे नगर की जलापूर्ति की सप्लाई यहां से संचालित होती थी. साथ ही यहां कर्मचारियों की चहलपहल हुआ करती थी, लेकिन अब बरसों पुरानी इमारत खंडहर में बदलती जा रही है.
बता दें कि सांगोद की जलापूर्ति और कार्यलय के काम अब अदालत रोड स्थित कार्यालय और पंप हाउस से संचालित होते हैं. जिससे लाखों रुपयों से बनी बरसों पुरानी इमारत जगह-जगह से खंडित हो चुकी है. साथ ही यहां पर अब कोई कर्मचारी भी उपस्थित नहीं रहता. जलदाय विभाग के अधिकारियों से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इमारत अभी भी जलदाय विभाग के अनुसार ही उपयोग में ली जा रही है. वर्तमान स्थिति में इमारत स्टोरेज के रूप में काम में ली जा रही है. प्रतिदिन वहां पर काम आने वाले उपकरण रखे व निकाले जाते हैं, लेकिन भवन की स्थिति से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जलदाय विभाग के अधिकारियों की बात में कितनी सच्चाई है.
जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता अभिषेक शर्मा ने बताया कि जो भवन है वो खंडहर की अवस्था में नहीं है. वहां स्टोर रूम खोल रखा है. प्रतिदिन वहां पर काम आने वाले उपकरण रखे जाते हैं और जो हिस्से टूटे हुए हैं, उनके प्रस्ताव भिजवाकर दुरुस्त करवाया जाएगा.
यह भी पढ़ें : स्पेशल: आज 'पानीपत' की पटकथा और भारत का इतिहास कुछ और होता, अगर 'मराठा' महाराज सूरजमल की सलाह मानते
आपको बता दें कि भवन अपनी बदहाली की कहानी खुद बयां कर रहा है. जिससे अधिकारियों के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. वर्तमान समय में वहां स्टोर रूम खुलना तो दूर वहां किसी के आने जाने के पदचिन्ह भी नजर नहीं आ रहे है. कईं जगह ताले लगे हैं तो कईं खुले कमरों में सामान बिखरा पड़ा है. जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. जगह-जगह बड़ी-बड़ी झाड़ियां दिखाई दे रही हैं. वहीं टीन शेड से बनी चार दीवारी ने तो अब कबाड़ का रूप ले लिया है.