कोटा. देश के सबसे प्रतिष्ठित और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IITs) में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस (JEE ADVANCED 2022) 28 अगस्त को आयोजित होने वाली है. इसके लिए विदेशी विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं. हालांकि आकंड़ों की बात की जाए तो विश्व के करीब 195 देशों से कुल 100 विदेशी विद्यार्थी भी प्रतिष्ठित जेईई एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं करते.
ये हालात तो तब हैं, जब विदेशी विद्यार्थियों को जेईई मेन प्रवेश परीक्षा क्वालीफाई करने की बाध्यता से मुक्त रखा गया है. विदेशी विद्यार्थी सीधे ही जेईई एडवांस्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के पात्र हैं. कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि पिछले साल 2021 में महज 97 विदेशी विद्यार्थियों ने और वर्ष 2020 में 96 ने आवेदन किया था.
जेईई मेन क्वालीफाई की बाध्यता से मुक्त करने के बाद भी विदेशी विद्यार्थियों की संख्या के आंकड़े उत्साहवर्धक नहीं हैं. विदेशी स्टूडेंट्स को आकर्षित कर अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग सुधारने के लिए आईआईटी काउंसिल को कुछ अलग प्रयास करने की आवश्यकता है. देव शर्मा ने बताया कि विदेशी विद्यार्थियों के सफलता के आंकड़े निराशाजनक हैं. बीते साल महज 7 विद्यार्थियों ने जेईई एडवांस क्लियर किया था. इससे पहले 2020 में यह आंकड़ा 4 और 2019 में महज एक पर था.
फीमेल स्टूडेंट्स की संख्या भी कम: देव शर्मा ने बताया कि भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और आईआईटी काउंसिल के कई प्रयासों के बाद भी जेईई एडवांस्ड में शामिल होने वाली फीमेल कैंडिडेट्स की संख्या भी काफी कम है. देव शर्मा ने बताया कि साल 2021 में जेईई मेन प्रवेश परीक्षा क्वालीफाई करने के आधार पर 1.16 लाख मेल कैंडीडेट्स थे. जबकि महज 34 हजार 520 फीमेल कैंडीडेट्स ने जेईई एडवांस्ड 2021 के लिए रजिस्टर किया.
इस संख्या में से 35,410 मेल केंडीडेट्स और 6,452 फीमेल कैंडीडेट्स ने ही एक्जाम में सफल हुई थी. जेईई एडवांस्ड 2020 के लिए लगभग 1.25 लाख मेल कैंडीडेट्स ने रजिस्टर किया था. जबकि फीमेल कैंडीडेट्स की रजिस्ट्रेशन 35 हजार थी. इनमें से 32 हजार ने जेईई एडवांस की परीक्षा दी थी. सफल होने वाली छात्राओं की संख्या 6,707 थी. वहीं 3,197 फीमेल कैंडीडेट्स को आईआईटी सीट मिली थी. आईआईटी संस्थानों में लगभग 20 फीसदी सुपर न्यूमरेरी सीट्स उपलब्ध होने के कारण जेईई एडवांस्ड में सफल फीमेल कैंडीडेट्स को आईआईटी सीट मिलने की संभावना काफी अधिक होती है, फिर भी सफलता के आंकड़े निराशाजनक ही रहे.
विदेश कैंडिडेट्स के बीते 4 सालों का आंकड़ा:
साल | रजिस्ट्रेशन | क्वालीफाई |
2021 | 97 | 07 |
2020 | 96 | 04 |
2019 | 87 | 01 |
2018 | 51 | 04 |