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रेजिडेंट डॉक्टरों से घंटों ड्यूटी व छुट्टी नहीं मिलने पर NMC सख्त, योग क्लासेज लगाने के निर्देश - National Medical Commission

पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ ड्यूटी कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर नेशनल मेडिकल कमीशन ने चिंता जताते हुए मेडिकल संस्थानों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं. नोटिफिकेशन के अनुसार छुट्टी नहीं मिलने और घंटों काम करने के चलते रेजिडेंट डॉक्टर्स के मानिसक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. नोटिफिकेशन में पीजी स्टूडेंट्स के लिए नियमित योग कक्षाएं लगाने का भी जिक्र किया गया (Yoga classes for Resident Doctors) है.

NMC directs medical institutes to held Yoga classes for Resident Doctors for their good mental health
रेजिडेंट डॉक्टरों से घंटों ड्यूटी व छुट्टी नहीं मिलने पर NMC सख्त, मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए योग क्लासेज लगाने के निर्देश
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Published : Aug 11, 2022, 2:28 PM IST

कोटा. मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ ड्यूटी कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों के स्वास्थ्य को लेकर नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission) ने चिंता जताई है. इमरजेंसी होने पर भी उन्हें छुट्टी और वीकली ऑफ नहीं मिलते हैं. इसका उनके मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. यहां तक कि इन रेजिडेंट डॉक्टरों से घंटों काम करवाया जा रहा है.

इन सभी मुद्दों को लेकर नेशनल मेडिकल कमीशन ने देश के सभी सरकारी व निजी मेडिकल संस्थानों को दिशा-निर्देश बुधवार को जारी किए हैं. इसमें एनएमसी ने जिक्र किया है कि मेडिकल संस्थानों में कार्यरत पोस्टग्रेजुएट मेडिकल स्टूडेंट्स पर अत्यधिक कार्यभार, वीकली ऑफ की अनुपलब्धता व आपात-परिस्थितियों में भी छुट्टियां नहीं मिलने की शिकायतें लगातार सुर्खियां बटोरती हैं. इन परेशानियों के चलते मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स मानसिक तनाव व डिप्रेशन का शिकार होते (Mental health of resident doctors) हैं.

पढ़ें: तनाव और मानसिक स्वास्थ्य पर परामर्श के लिए हेल्पलाइन स्थापित करेगा बाल आयोग: संगीता बेनीवाल

मेडिकल एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स की इन शिकायतों पर पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड ने गहन विचार विमर्श के बाद सभी मेडिकल संस्थानों को वीकली ऑफ व आवश्यक होने पर छुट्टियों की उपलब्धता की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स को कार्यस्थल पर तनाव मुक्त व पॉजिटिव एनवायरमेंट देना मेडिकल संस्थानों का दायित्व है. मेडिकल संस्थान कमेटी का गठन करें. इस कमेटी के मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स के मानसिक स्वास्थ्य व कल्याण के लिए उठाए गए कदमों (Steps for mental health of resident doctors) को एनएमसी के पोस्ट ग्रेजुएशन मेडिकल एजुकेशन बोर्ड को सूचित करें. पीजी स्टूडेंट्स के लिए नियमित योग कक्षाएं लगाने की भी हिदायत दी गई है.

पढ़ें: एनएचआरसी ने मानसिक स्वास्थ्य पर राज्यों और मंत्रालयों को भेजा परामर्श

महिला रेजिडेंट डॉक्टर से दुर्व्यवहार पर सतर्क रहें कॉलेज: शर्मा ने बताया कि कमीशन ने जारी किए गए नोटिफिकेशन में फीमेल मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स को लेकर विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा है. मेडिकल संस्थानों में किसी तरह का जेंडर बायस नहीं हो. फीमेल मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स के प्रति किसी भी तरह की अशिष्टता व दुर्व्यवहार को लेकर मेडिकल संस्थान सतर्क रहें. फीमेल पीजी स्टूडेंट्स के प्रति अशिष्टता, दुर्व्यवहार व आत्महत्या जैसी घटनाओं की सूचना नेशनल मेडिकल कमिशन को समय रहते अनिवार्य तौर पर रिपोर्ट किए जाने के साफ दिशा-निर्देश भी मेडिकल कमीशन ने जारी किए गए हैं.

पढ़ें: 5 करोड़ से अधिक बच्चों ने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना किया

एमबीबीएस एडमिशन मॉनिटरिंग मॉड्यूल: एनएमसी ने देश के सभी सरकारी व निजी मेडिकल संस्थानों को शैक्षणिक सत्र 2021-22 में एमबीबीएस सीटों पर दिए गए प्रवेश से जुड़ी सभी जानकारियां अपलोड करने के निर्देश दिए थे. यह जानकारी 'एडमिशन मॉनिटरिंग माड्यूल' पर 5 अगस्त तक अपलोड करनी थी. हालांकि बाद में इसका समय बढ़ाते हुए 12 अगस्त कर दिया गया. शर्मा ने बताया कि इसमें विद्यार्थी की नीट यूजी में ऑल इंडिया रैंक, बारहवीं कक्षा के अंक, कैटेगरी, फीस डेट ऑफ एडमिशन सहित 22 सूचनाएं इसलिए मांगी गई हैं. इसके जरिए यह जांचा जा सकेगा कि विद्यार्थी का प्रवेश कमीशन के निर्धारित किए गए मापदंडों व नियमानुसार किया गया है या नहीं.

कोटा. मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ ड्यूटी कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों के स्वास्थ्य को लेकर नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission) ने चिंता जताई है. इमरजेंसी होने पर भी उन्हें छुट्टी और वीकली ऑफ नहीं मिलते हैं. इसका उनके मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. यहां तक कि इन रेजिडेंट डॉक्टरों से घंटों काम करवाया जा रहा है.

इन सभी मुद्दों को लेकर नेशनल मेडिकल कमीशन ने देश के सभी सरकारी व निजी मेडिकल संस्थानों को दिशा-निर्देश बुधवार को जारी किए हैं. इसमें एनएमसी ने जिक्र किया है कि मेडिकल संस्थानों में कार्यरत पोस्टग्रेजुएट मेडिकल स्टूडेंट्स पर अत्यधिक कार्यभार, वीकली ऑफ की अनुपलब्धता व आपात-परिस्थितियों में भी छुट्टियां नहीं मिलने की शिकायतें लगातार सुर्खियां बटोरती हैं. इन परेशानियों के चलते मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स मानसिक तनाव व डिप्रेशन का शिकार होते (Mental health of resident doctors) हैं.

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मेडिकल एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स की इन शिकायतों पर पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड ने गहन विचार विमर्श के बाद सभी मेडिकल संस्थानों को वीकली ऑफ व आवश्यक होने पर छुट्टियों की उपलब्धता की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स को कार्यस्थल पर तनाव मुक्त व पॉजिटिव एनवायरमेंट देना मेडिकल संस्थानों का दायित्व है. मेडिकल संस्थान कमेटी का गठन करें. इस कमेटी के मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स के मानसिक स्वास्थ्य व कल्याण के लिए उठाए गए कदमों (Steps for mental health of resident doctors) को एनएमसी के पोस्ट ग्रेजुएशन मेडिकल एजुकेशन बोर्ड को सूचित करें. पीजी स्टूडेंट्स के लिए नियमित योग कक्षाएं लगाने की भी हिदायत दी गई है.

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महिला रेजिडेंट डॉक्टर से दुर्व्यवहार पर सतर्क रहें कॉलेज: शर्मा ने बताया कि कमीशन ने जारी किए गए नोटिफिकेशन में फीमेल मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स को लेकर विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा है. मेडिकल संस्थानों में किसी तरह का जेंडर बायस नहीं हो. फीमेल मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स के प्रति किसी भी तरह की अशिष्टता व दुर्व्यवहार को लेकर मेडिकल संस्थान सतर्क रहें. फीमेल पीजी स्टूडेंट्स के प्रति अशिष्टता, दुर्व्यवहार व आत्महत्या जैसी घटनाओं की सूचना नेशनल मेडिकल कमिशन को समय रहते अनिवार्य तौर पर रिपोर्ट किए जाने के साफ दिशा-निर्देश भी मेडिकल कमीशन ने जारी किए गए हैं.

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एमबीबीएस एडमिशन मॉनिटरिंग मॉड्यूल: एनएमसी ने देश के सभी सरकारी व निजी मेडिकल संस्थानों को शैक्षणिक सत्र 2021-22 में एमबीबीएस सीटों पर दिए गए प्रवेश से जुड़ी सभी जानकारियां अपलोड करने के निर्देश दिए थे. यह जानकारी 'एडमिशन मॉनिटरिंग माड्यूल' पर 5 अगस्त तक अपलोड करनी थी. हालांकि बाद में इसका समय बढ़ाते हुए 12 अगस्त कर दिया गया. शर्मा ने बताया कि इसमें विद्यार्थी की नीट यूजी में ऑल इंडिया रैंक, बारहवीं कक्षा के अंक, कैटेगरी, फीस डेट ऑफ एडमिशन सहित 22 सूचनाएं इसलिए मांगी गई हैं. इसके जरिए यह जांचा जा सकेगा कि विद्यार्थी का प्रवेश कमीशन के निर्धारित किए गए मापदंडों व नियमानुसार किया गया है या नहीं.

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