ETV Bharat / city

NEET UG 2022: परीक्षा शहरों में चार गुना बढ़ोतरी से नकल का खतरा भी अधिक...सावधानी जरूरी - Rajasthan hindi news

नीट यूजी 2022 आगामी 17 जुलाई को वृहद स्तर पर होने जा रही है. पिछले साल के मुकाबले देशभर के चार गुना ज्यादा शहरों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. पिछले साल जहां देश और विदेश मिलाकर कुल 204 शहरों में परीक्षा आयोजित की गई थी वहीं इस बार 557 शहरों में परीक्षा होगी. नीट परीक्षा का आयोजन इतने अधिक शहरों में कराने से नकल और पर्चा लीक होने का खतरा (high risk of cheating in neet ug 2022) भी आधिक होगा. ऐसे में सावधानी जरूरी. पढ़ें पूरी खबर...

high risk of cheating in neet ug 2022
नीट यूजी में नकल का खतरा भी बढ़ा
author img

By

Published : Jun 20, 2022, 8:07 PM IST

कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की देश के मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए आयोजित "नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम" नीट यूजी 2022 की परीक्षा 17 जुलाई को पेन पेपर मोड पर आयोजित होगी. इस साल एनटीए ने परीक्षा शहरों को भी बढ़ा दिया है. बीते साल जहां देश के 202 और 2 विदेशी शहरों के सेंटरों पर परीक्षा हुई थी वहीं इस वर्ष परीक्षा शहरों की संख्या चार गुना बढ़ा दी गई है. भारत के 543 और 14 विदेशी शहरों में यह परीक्षा आयोजित होगी. कुल मिलाकर बीते साल 202 जगह परीक्षा आयोजित हुई थी लेकिन इस बार 557 शहरों के केंद्रों पर परीक्षा होगी. ऐसे में इस बार परीक्षा का पर्चा लीक होने का खतरा (high risk of cheating in neet ug 2022) भी कई गुना अधिक होगा. ऐसे में सरकार को काफी सख्ती और सतर्कता बरतनी होगी.

इसलिए है पेपर लीक होने का खतरा...
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की आयोजित नीट यूजी 2022 के लिए परीक्षा शहर बढ़ाए गए हैं. ऐसे में सेंटर भी लगभग बढ़ना तय हैं. इसीलिए परीक्षा नए शहरों और केंद्रों में भी होगा. ऐसे में पेपर की हैंडलिंग करने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ जाएगी. बीते साल राजस्थान के जयपुर में ही पेपर लीक का मामला सामने आया था. पेपर सोशल मीडिया पर परीक्षा के आधे घंटे पहले आ गया था. इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को पकड़ा था जिसमें लाखों रुपए देकर पेपर को इधर-उधर किया गया था. ऐसे में इस बार भी जब पेपर हैंडलिंग करने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी तो यह खतरा भी बढ़ने की संभावना है.

नीट यूजी में नकल का खतरा भी बढ़ा

पढें. राजस्थान के आयुष कोर्सेज में खाली रह गई सीटें, अब काउंसलिंग बोर्ड ने नीट यूजी की बाध्यता को किया समाप्त

8 साल में दस गुना हो गए परीक्षा शहर, विदेश में भी 14
इस बार मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2022 में 543 भारतीय शहरों में परीक्षा केंद्र बनेंगे. इस हिसाब से कहा जा सकता है कि लगभग देश के 742 जिलों में से करीब 200 जिलों में सेंटर नहीं है. बाकी सब जगह पर सेंटर हैं. जबकि 2015 की बात की जाए तो केवल 53 शहरों में ही यह परीक्षा आयोजित की गई थी. 2015 में राजस्थान के भी केवल तीन शहर ही शामिल थे. बीते साल दो विदेशी परीक्षा केंद्र कुवैत और रियाद में बनाए गए थे. जबकि इस बार 14 विदेशी शहरों में यह परीक्षा आयोजित हो रही है. इनमें अबूधाबी, बैंकॉक, कोलंबो, दोहा, दुबई, काठमांडू, कुआलालंपुर, कुवैत सिटी, लागोस, मनामा, मस्कट, रियाद, शाहजहां व सिंगापुर शामिल हैं.

राजस्थान में 6 से 25 हुए परीक्षा शहर
राजस्थान के परीक्षा शहरों की संख्या बढ़ती रही है. शुरुआत में केवल जयपुर में ही केंद्र हुआ करता था. इसके बाद अजमेर में भी केंद्र बनाया गया. इनमें 2016 में कोटा और 2017 में उदयपुर को जोड़ा गया. इसके बाद बीकानेर रोड जोधपुर भी इसमें शामिल हो गए. बीते साल 6 शहरों जयपुर, जोधपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर व बीकानेर में परीक्षा आयोजित हुई थी. इस साल राजस्थान के परीक्षा शहरों की संख्या बढ़ाकर 25 कर दी गई. इनमें अलवर, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, धौलपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, झुंझुनू, करौली, नागपुर, पाली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, श्रीगंगानगर, अजमेर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर शामिल है.

पढें. NEET UG 2022: NTA ने फिर बढ़ाई आवेदन तिथि, अब तक 20 मई तक कर सकेंगे रजिस्ट्रेशन

सर्वाधिक परीक्षा वाले शहर उत्तर प्रदेश के
निजी कोचिंग संस्थान के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट परिजात मिश्रा ने बताया कि इस साल बढ़ाए गए सर्वाधिक शहरों में उत्तर प्रदेश के हैं. वहां पर 44 सेंटर बढ़ाए गए. बीते साल 16 शहरों में वहां परीक्षा आयोजित की गई थी. इस बार यह संख्या बढ़कर 60 हो गई है. इसके साथ ही बिहार में भी परीक्षा शहरों की संख्या 7 से बढ़ाकर 35 की गई है. मध्य प्रदेश में 6 से 31, गुजरात में 12 से 30, वेस्ट बंगाल में 9 से 19, महाराष्ट्र में 22 से 34, उड़ीसा में 16 से 26, तमिलनाडु में 19 से 31, आंध्र प्रदेश में 10 से 29 व तेलंगाना में 8 से बढ़ाकर 24 शहरों में इस बार परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं.

हर साल सामने आ रहे नकल के मामले
पहले प्री मेडिकल टेस्ट और अब नीट परीक्षा देशभर के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए आयोजित होने लगी है, लेकिन एंट्रेंस परीक्षाओं में नकल का क्रम लंबे समय से जारी है. हर साल कहीं न कहीं छोटे-बड़े सेंटरों पर पर्चा लीक होने का मामला सामने आ रहा है. पुलिस सहित अन्य एजेंसियों ने इसे लेकर गहन जांच भी की है. विद्यार्थियों की जगह उनके परिचित या अन्य ने पैसा लेकर परीक्षाएं दी हैं. इनमें दूसरों की जगह एग्जाम देते एमबीबीएस स्टूडेंट भी पकड़े गए हैं. कई बार परीक्षाएं दो बार भी ली गईं हैं. इसमें साल 2015 में एआईपीएमटी में पर्चा लीक हो गया था, जिसके बाद यह परीक्षा दोबारा हुई थी. बीते साल 2021 में जयपुर में एक सेंटर से पेपर लीक हो गया था. इस मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक परीक्षा के पेपर लाखों रुपये में बिके थे.

पढें. Guideline of MCC : MBBS व BDS काउंसलिंग के लिए माइग्रेशन सर्टिफिकेट नहीं होने पर एडमिशन रद्द नहीं करें मेडिकल कॉलेज

नकल रोकने के लिए भी होते हैं पर्याप्त इंतजाम
एक्सपर्ट परिजात मिश्रा के अनुसार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नकल रोकने के लिए काफी इंतजाम भी किए हैं. परीक्षार्थियों के सेंटर में एंट्रेंस के बाद वीडियोग्राफी के अलावा आधार थंब इंप्रेशन और परीक्षा देते समय भी वीडियोग्राफी करवाई जाती है. इसके अलावा उनके सिग्नेचर भी कई जगह लिए जाते हैं. इस बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने एक और कड़ा कदम नकल रोकने के लिए उठाया है. पहले जहां पर केवल बाएं हाथ के अंगूठे का ही इम्प्रेशन लिया जाता था. इसे बदल कर अब नकल रोकने के लिए दोनों हाथों की 10 उंगलियों का इंप्रेशन लिया गया है. हालांकि परीक्षा के दौरान किसी एक उंगुली या अंगूठे, या फिर सभी उंगुली या अंगूठे का इंप्रेशन लिया जाएगा यह खुलासा अभी नहीं किया गया है.

मेडिकल कॉलेजों में भी होती है स्टूडेंट्स की काउंटिंग
पहले आयोजित होने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं एआईपीएमटी और स्टेट पीएमटी में भी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के परीक्षा देने का मामला सामने आया था. उन्होंने दूसरे विद्यार्थियों की जगह जाकर परीक्षा दी और कुछ विद्यार्थियों का चयन भी हुआ था. ऐसे कई गड़बड़झाले पकड़ में आए थे, जब से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से नीट यूजी करवाई जाने लगी है, तभी से ऐसे मामले चल रहे हैं. ऐसे में बीते साल मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की काउंटिंग की गई थी और उन्हें हिदायत दी गई थी कि वह मेडिकल कॉलेज कैंपस को नीट यूजी एग्जाम के दिन नहीं छोड़ें. नीट यूजी के एग्जाम के दिन कई बार अटेंडेंस भी ली गई थी.

पढें. नीट यूजी में 108 नंबर पर भी MBBS में प्रवेश, सरकारी कॉलेज में 452 नंबर पर मिला एडमिशन

बैंकों के लॉकर में रखे जाते हैं प्रश्न पत्र: नीट यूजी के प्रश्न पत्रों को लीक होने से बचाने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बैंक के लॉकर और स्ट्रांग रूम का सहारा लेती है. परीक्षा शहरों के एक या दो बैंकों में एनटीए इन प्रश्न पत्रों को पहुंचा देती है. यहां से परीक्षा वाले दिन ही ये प्रश्नपत्र सेंटर इंचार्ज को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से लगाए गए आब्जर्वर के सामने उपलब्ध कराए जाते हैं. यह परीक्षा ज्यादातर दोपहर में होती है. ऐसे में समय सुबह 9:00 से 10:00 बजे यह कार्य होता है. परीक्षा समय के पहले चंद मिनट पहले यह एग्जाम पेपर के बक्से खोले जाते हैं. इनमें डिजिटल लॉकर लगे होते हैं. परीक्षा समय से पहले अगर कोई बक्सा खोला जाता है या उससे छेड़खानी होती हो तो नोटिफिकेशन और अलार्म के जरिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को जानकारी मिल जाती है.

परीक्षा के लिए बनाने जा रही रिकॉर्ड
नीट यूजी 2022 अब तक की देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा होने का रिकॉर्ड बनाने जा रही है. इसके लिए करीब 18 लाख 90 हजारों विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. उम्मीद जताई जा रही है कि 17 जुलाई को होने जा रही इस परीक्षा में 18 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे. मेडिकल प्रवेश परीक्षा के इतिहास में यह अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा. इसके जरिए देशभर की 94 हजार से ज्यादा मेडिकल सीटों पर विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा. इनमें करीब 40 हजार सीटें सरकारी मेडिकल कॉलेजों की है. इनमें एम्स, मौलाना आजाद और सफदरगंज जैसे प्रतिष्ठित संस्थान भी शामिल हैं.

राज्य या केंद्र शासित प्रदेशपरीक्षा शहर 2021 परीक्षा शहर 2022
अंडमान निकोबार1 1
आंध्र प्रदेश 1029
अरुणाचल प्रदेश 13
आसाम 417
बिहार 7 35
चंडीगढ़ 11
छत्तीसगढ़418
दादर नागर हवेली1 1
दमन व दीव1 2
दिल्ली1 1
गोवा 12
गुजरात 1230
हरियाणा419
हिमाचल प्रदेश2 10
जम्मू कश्मीर 410
झारखंड4 22
कर्नाटक931
केरला13 16
लद्दाख 2 2
लक्ष्यद्वीप1 1
मध्य प्रदेश 631
महाराष्ट्र22 34
मणिपुर12
मेघालय 13
मिजोरम 12
नागालैंड 23
उड़ीसा 16 26
पांडुचेरी 1 2
पंजाब 5 16
राजस्थान6 25
सिक्किम 1 2
तमिलनाडु 18 31
तेलंगाना 8 24
त्रिपुरा1 2
उत्तर प्रदेश1660
उत्तराखंड310
पश्चिमी बंगाल 9 19
सालपरीक्षा केंद्र
201353
2016 52
2017 103
2018 150
2019154
2020 155
2021202
2022 557

कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की देश के मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए आयोजित "नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम" नीट यूजी 2022 की परीक्षा 17 जुलाई को पेन पेपर मोड पर आयोजित होगी. इस साल एनटीए ने परीक्षा शहरों को भी बढ़ा दिया है. बीते साल जहां देश के 202 और 2 विदेशी शहरों के सेंटरों पर परीक्षा हुई थी वहीं इस वर्ष परीक्षा शहरों की संख्या चार गुना बढ़ा दी गई है. भारत के 543 और 14 विदेशी शहरों में यह परीक्षा आयोजित होगी. कुल मिलाकर बीते साल 202 जगह परीक्षा आयोजित हुई थी लेकिन इस बार 557 शहरों के केंद्रों पर परीक्षा होगी. ऐसे में इस बार परीक्षा का पर्चा लीक होने का खतरा (high risk of cheating in neet ug 2022) भी कई गुना अधिक होगा. ऐसे में सरकार को काफी सख्ती और सतर्कता बरतनी होगी.

इसलिए है पेपर लीक होने का खतरा...
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की आयोजित नीट यूजी 2022 के लिए परीक्षा शहर बढ़ाए गए हैं. ऐसे में सेंटर भी लगभग बढ़ना तय हैं. इसीलिए परीक्षा नए शहरों और केंद्रों में भी होगा. ऐसे में पेपर की हैंडलिंग करने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ जाएगी. बीते साल राजस्थान के जयपुर में ही पेपर लीक का मामला सामने आया था. पेपर सोशल मीडिया पर परीक्षा के आधे घंटे पहले आ गया था. इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को पकड़ा था जिसमें लाखों रुपए देकर पेपर को इधर-उधर किया गया था. ऐसे में इस बार भी जब पेपर हैंडलिंग करने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी तो यह खतरा भी बढ़ने की संभावना है.

नीट यूजी में नकल का खतरा भी बढ़ा

पढें. राजस्थान के आयुष कोर्सेज में खाली रह गई सीटें, अब काउंसलिंग बोर्ड ने नीट यूजी की बाध्यता को किया समाप्त

8 साल में दस गुना हो गए परीक्षा शहर, विदेश में भी 14
इस बार मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2022 में 543 भारतीय शहरों में परीक्षा केंद्र बनेंगे. इस हिसाब से कहा जा सकता है कि लगभग देश के 742 जिलों में से करीब 200 जिलों में सेंटर नहीं है. बाकी सब जगह पर सेंटर हैं. जबकि 2015 की बात की जाए तो केवल 53 शहरों में ही यह परीक्षा आयोजित की गई थी. 2015 में राजस्थान के भी केवल तीन शहर ही शामिल थे. बीते साल दो विदेशी परीक्षा केंद्र कुवैत और रियाद में बनाए गए थे. जबकि इस बार 14 विदेशी शहरों में यह परीक्षा आयोजित हो रही है. इनमें अबूधाबी, बैंकॉक, कोलंबो, दोहा, दुबई, काठमांडू, कुआलालंपुर, कुवैत सिटी, लागोस, मनामा, मस्कट, रियाद, शाहजहां व सिंगापुर शामिल हैं.

राजस्थान में 6 से 25 हुए परीक्षा शहर
राजस्थान के परीक्षा शहरों की संख्या बढ़ती रही है. शुरुआत में केवल जयपुर में ही केंद्र हुआ करता था. इसके बाद अजमेर में भी केंद्र बनाया गया. इनमें 2016 में कोटा और 2017 में उदयपुर को जोड़ा गया. इसके बाद बीकानेर रोड जोधपुर भी इसमें शामिल हो गए. बीते साल 6 शहरों जयपुर, जोधपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर व बीकानेर में परीक्षा आयोजित हुई थी. इस साल राजस्थान के परीक्षा शहरों की संख्या बढ़ाकर 25 कर दी गई. इनमें अलवर, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, धौलपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, झुंझुनू, करौली, नागपुर, पाली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, श्रीगंगानगर, अजमेर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर शामिल है.

पढें. NEET UG 2022: NTA ने फिर बढ़ाई आवेदन तिथि, अब तक 20 मई तक कर सकेंगे रजिस्ट्रेशन

सर्वाधिक परीक्षा वाले शहर उत्तर प्रदेश के
निजी कोचिंग संस्थान के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट परिजात मिश्रा ने बताया कि इस साल बढ़ाए गए सर्वाधिक शहरों में उत्तर प्रदेश के हैं. वहां पर 44 सेंटर बढ़ाए गए. बीते साल 16 शहरों में वहां परीक्षा आयोजित की गई थी. इस बार यह संख्या बढ़कर 60 हो गई है. इसके साथ ही बिहार में भी परीक्षा शहरों की संख्या 7 से बढ़ाकर 35 की गई है. मध्य प्रदेश में 6 से 31, गुजरात में 12 से 30, वेस्ट बंगाल में 9 से 19, महाराष्ट्र में 22 से 34, उड़ीसा में 16 से 26, तमिलनाडु में 19 से 31, आंध्र प्रदेश में 10 से 29 व तेलंगाना में 8 से बढ़ाकर 24 शहरों में इस बार परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं.

हर साल सामने आ रहे नकल के मामले
पहले प्री मेडिकल टेस्ट और अब नीट परीक्षा देशभर के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए आयोजित होने लगी है, लेकिन एंट्रेंस परीक्षाओं में नकल का क्रम लंबे समय से जारी है. हर साल कहीं न कहीं छोटे-बड़े सेंटरों पर पर्चा लीक होने का मामला सामने आ रहा है. पुलिस सहित अन्य एजेंसियों ने इसे लेकर गहन जांच भी की है. विद्यार्थियों की जगह उनके परिचित या अन्य ने पैसा लेकर परीक्षाएं दी हैं. इनमें दूसरों की जगह एग्जाम देते एमबीबीएस स्टूडेंट भी पकड़े गए हैं. कई बार परीक्षाएं दो बार भी ली गईं हैं. इसमें साल 2015 में एआईपीएमटी में पर्चा लीक हो गया था, जिसके बाद यह परीक्षा दोबारा हुई थी. बीते साल 2021 में जयपुर में एक सेंटर से पेपर लीक हो गया था. इस मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक परीक्षा के पेपर लाखों रुपये में बिके थे.

पढें. Guideline of MCC : MBBS व BDS काउंसलिंग के लिए माइग्रेशन सर्टिफिकेट नहीं होने पर एडमिशन रद्द नहीं करें मेडिकल कॉलेज

नकल रोकने के लिए भी होते हैं पर्याप्त इंतजाम
एक्सपर्ट परिजात मिश्रा के अनुसार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नकल रोकने के लिए काफी इंतजाम भी किए हैं. परीक्षार्थियों के सेंटर में एंट्रेंस के बाद वीडियोग्राफी के अलावा आधार थंब इंप्रेशन और परीक्षा देते समय भी वीडियोग्राफी करवाई जाती है. इसके अलावा उनके सिग्नेचर भी कई जगह लिए जाते हैं. इस बार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने एक और कड़ा कदम नकल रोकने के लिए उठाया है. पहले जहां पर केवल बाएं हाथ के अंगूठे का ही इम्प्रेशन लिया जाता था. इसे बदल कर अब नकल रोकने के लिए दोनों हाथों की 10 उंगलियों का इंप्रेशन लिया गया है. हालांकि परीक्षा के दौरान किसी एक उंगुली या अंगूठे, या फिर सभी उंगुली या अंगूठे का इंप्रेशन लिया जाएगा यह खुलासा अभी नहीं किया गया है.

मेडिकल कॉलेजों में भी होती है स्टूडेंट्स की काउंटिंग
पहले आयोजित होने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं एआईपीएमटी और स्टेट पीएमटी में भी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के परीक्षा देने का मामला सामने आया था. उन्होंने दूसरे विद्यार्थियों की जगह जाकर परीक्षा दी और कुछ विद्यार्थियों का चयन भी हुआ था. ऐसे कई गड़बड़झाले पकड़ में आए थे, जब से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से नीट यूजी करवाई जाने लगी है, तभी से ऐसे मामले चल रहे हैं. ऐसे में बीते साल मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की काउंटिंग की गई थी और उन्हें हिदायत दी गई थी कि वह मेडिकल कॉलेज कैंपस को नीट यूजी एग्जाम के दिन नहीं छोड़ें. नीट यूजी के एग्जाम के दिन कई बार अटेंडेंस भी ली गई थी.

पढें. नीट यूजी में 108 नंबर पर भी MBBS में प्रवेश, सरकारी कॉलेज में 452 नंबर पर मिला एडमिशन

बैंकों के लॉकर में रखे जाते हैं प्रश्न पत्र: नीट यूजी के प्रश्न पत्रों को लीक होने से बचाने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बैंक के लॉकर और स्ट्रांग रूम का सहारा लेती है. परीक्षा शहरों के एक या दो बैंकों में एनटीए इन प्रश्न पत्रों को पहुंचा देती है. यहां से परीक्षा वाले दिन ही ये प्रश्नपत्र सेंटर इंचार्ज को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से लगाए गए आब्जर्वर के सामने उपलब्ध कराए जाते हैं. यह परीक्षा ज्यादातर दोपहर में होती है. ऐसे में समय सुबह 9:00 से 10:00 बजे यह कार्य होता है. परीक्षा समय के पहले चंद मिनट पहले यह एग्जाम पेपर के बक्से खोले जाते हैं. इनमें डिजिटल लॉकर लगे होते हैं. परीक्षा समय से पहले अगर कोई बक्सा खोला जाता है या उससे छेड़खानी होती हो तो नोटिफिकेशन और अलार्म के जरिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को जानकारी मिल जाती है.

परीक्षा के लिए बनाने जा रही रिकॉर्ड
नीट यूजी 2022 अब तक की देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा होने का रिकॉर्ड बनाने जा रही है. इसके लिए करीब 18 लाख 90 हजारों विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. उम्मीद जताई जा रही है कि 17 जुलाई को होने जा रही इस परीक्षा में 18 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे. मेडिकल प्रवेश परीक्षा के इतिहास में यह अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा. इसके जरिए देशभर की 94 हजार से ज्यादा मेडिकल सीटों पर विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा. इनमें करीब 40 हजार सीटें सरकारी मेडिकल कॉलेजों की है. इनमें एम्स, मौलाना आजाद और सफदरगंज जैसे प्रतिष्ठित संस्थान भी शामिल हैं.

राज्य या केंद्र शासित प्रदेशपरीक्षा शहर 2021 परीक्षा शहर 2022
अंडमान निकोबार1 1
आंध्र प्रदेश 1029
अरुणाचल प्रदेश 13
आसाम 417
बिहार 7 35
चंडीगढ़ 11
छत्तीसगढ़418
दादर नागर हवेली1 1
दमन व दीव1 2
दिल्ली1 1
गोवा 12
गुजरात 1230
हरियाणा419
हिमाचल प्रदेश2 10
जम्मू कश्मीर 410
झारखंड4 22
कर्नाटक931
केरला13 16
लद्दाख 2 2
लक्ष्यद्वीप1 1
मध्य प्रदेश 631
महाराष्ट्र22 34
मणिपुर12
मेघालय 13
मिजोरम 12
नागालैंड 23
उड़ीसा 16 26
पांडुचेरी 1 2
पंजाब 5 16
राजस्थान6 25
सिक्किम 1 2
तमिलनाडु 18 31
तेलंगाना 8 24
त्रिपुरा1 2
उत्तर प्रदेश1660
उत्तराखंड310
पश्चिमी बंगाल 9 19
सालपरीक्षा केंद्र
201353
2016 52
2017 103
2018 150
2019154
2020 155
2021202
2022 557
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.