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NMC: नए मेडिकल सत्र में नहीं होगा क्लीनिकल पोस्टिंग से समझौता, वीकेंड पर भी होगी पढ़ाई - National Medical Commission

मेडिकल शिक्षा को रोडमैप पर लाने के लिए नेशनल मेडिकल कमिशन में प्रैक्टिकल्स और क्लीनिकल पोस्टिंग को महत्व दिया गया है. एनएमसी (National Medical Commission) के जारी किए गए एकेडमिक कैलेंडर (NMC Released Academic Calendar) में प्रैक्टिकल्स, क्लीनिकल पोस्टिंग्स के समय और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया गया है.

NMC Released By Academic Calendar
मेडिकल शिक्षा सत्र 2021 से 2026
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Published : Feb 5, 2022, 2:09 PM IST

कोटा. मेडिकल शिक्षा को रोडमैप पर लाने के लिए नेशनल मेडिकल कमिशन (National Medical Commission) में प्रैक्टिकल्स और क्लीनिकल पोस्टिंग को महत्व दिया गया है. एनएमसी के जारी किए गए एकेडमिक कैलेंडर (NMC Released Academic Calendar) में प्रैक्टिकल्स, क्लीनिकल पोस्टिंग्स के समय और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया गया है. क्योंकि चिकित्सकों का सीधा संबंध मानव जीवन की रक्षा और बेहतरी से है. ऐसे में प्रेक्टिकल और क्लीनिकल पोस्टिंग की प्रक्रिया से थोड़ा भी समझौता खतरनाक हो सकता है.

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने देश के मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) के लिए तकनीकी सत्र प्रारंभ करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इस वर्ष 14 फरवरी से एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कॉलेज में शुरू हो जाएगी. एमबीबीएस शिक्षा में प्रैक्टिकल्स और क्लीनिकल पोस्टिंग का महत्व (Importance Of Practical And Clinical Posting In MBBS Education) है.

कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि ओबीसी-एनसीएल और ईडब्ल्यूएस आरक्षण से संबंधित न्यायालय में दायर याचिकाओं के चलते नीट यूजी 2021 (NEET Ug 2021) सेंट्रल और स्टेट काउंसलिंग के आयोजन में रिकॉर्ड देरी हुई है. इस देरी के मेडिकल शिक्षा सत्र पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को दूर करने हेतु एनएमसी ने सकारात्मक निर्णय लेते हुए मेडिकल शिक्षा सत्र 2021 से 2026 को पटरी पर लाने के कई प्रयास किए हैं.

पढ़ें : NEET UG 2021: एमबीबीएस और बीडीएस काउंसलिंग में स्टेट कोटे का सीट एलॉटमेंट जारी, टॉप 100 ने केवल एसएमएस चुना

देव शर्मा ने बताया कि एमबीबीएस (MBBS Education) मेडिकल शिक्षा सत्र-2021-2026 को पटरी पर लाने की दिशा में लागू किए जा रहे प्रयासों में पहला ही है. कमीशन ने मेडिकल शिक्षा सत्र के प्रथम वर्ष का अंतराल 13 से घटाकर 11 माह कर दिया है. प्रथम एमबीबीएस सत्र के शुरू में अलग से आयोजित किए जाने वाले 1 महीने के फाउंडेशन कोर्स को प्रथम शैक्षणिक सत्र में ही शामिल कर 1 माह का समय बचा लिया गया है.

पढ़ें : NEET UG 2021: ऑल इंडिया 15 फीसदी MBBS और BDS काउंसलिंग शुरू होने की सूचना पर लाखों विद्यार्थियों में खुशी

फाउंडेशन कोर्स की कक्षाओं का आयोजन अब इवनिंग आवर्स और वीकेंड पर अतिरिक्त क्लासेस के माध्यम से किया जाएगा. इसके अलावा प्रत्येक शैक्षणिक सत्र की खत्म होने के बाद के अवकाश की सीमा को भी कम कर दिया गया है. सभी सरकारी और निजी मेडिकल संस्थानों को अगले 5 वर्ष 6 महीनों का शैक्षणिक कैलेंडर भी जारी कर पालना करने के निर्देश दे दिए गए हैं. इसके लिए वर्ष 2021-26 के प्रोफेशनल एग्जामिनेशन का आयोजन जून 2026 में करने का निर्णय भी किया गया है.

कोटा. मेडिकल शिक्षा को रोडमैप पर लाने के लिए नेशनल मेडिकल कमिशन (National Medical Commission) में प्रैक्टिकल्स और क्लीनिकल पोस्टिंग को महत्व दिया गया है. एनएमसी के जारी किए गए एकेडमिक कैलेंडर (NMC Released Academic Calendar) में प्रैक्टिकल्स, क्लीनिकल पोस्टिंग्स के समय और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया गया है. क्योंकि चिकित्सकों का सीधा संबंध मानव जीवन की रक्षा और बेहतरी से है. ऐसे में प्रेक्टिकल और क्लीनिकल पोस्टिंग की प्रक्रिया से थोड़ा भी समझौता खतरनाक हो सकता है.

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने देश के मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) के लिए तकनीकी सत्र प्रारंभ करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इस वर्ष 14 फरवरी से एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कॉलेज में शुरू हो जाएगी. एमबीबीएस शिक्षा में प्रैक्टिकल्स और क्लीनिकल पोस्टिंग का महत्व (Importance Of Practical And Clinical Posting In MBBS Education) है.

कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि ओबीसी-एनसीएल और ईडब्ल्यूएस आरक्षण से संबंधित न्यायालय में दायर याचिकाओं के चलते नीट यूजी 2021 (NEET Ug 2021) सेंट्रल और स्टेट काउंसलिंग के आयोजन में रिकॉर्ड देरी हुई है. इस देरी के मेडिकल शिक्षा सत्र पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को दूर करने हेतु एनएमसी ने सकारात्मक निर्णय लेते हुए मेडिकल शिक्षा सत्र 2021 से 2026 को पटरी पर लाने के कई प्रयास किए हैं.

पढ़ें : NEET UG 2021: एमबीबीएस और बीडीएस काउंसलिंग में स्टेट कोटे का सीट एलॉटमेंट जारी, टॉप 100 ने केवल एसएमएस चुना

देव शर्मा ने बताया कि एमबीबीएस (MBBS Education) मेडिकल शिक्षा सत्र-2021-2026 को पटरी पर लाने की दिशा में लागू किए जा रहे प्रयासों में पहला ही है. कमीशन ने मेडिकल शिक्षा सत्र के प्रथम वर्ष का अंतराल 13 से घटाकर 11 माह कर दिया है. प्रथम एमबीबीएस सत्र के शुरू में अलग से आयोजित किए जाने वाले 1 महीने के फाउंडेशन कोर्स को प्रथम शैक्षणिक सत्र में ही शामिल कर 1 माह का समय बचा लिया गया है.

पढ़ें : NEET UG 2021: ऑल इंडिया 15 फीसदी MBBS और BDS काउंसलिंग शुरू होने की सूचना पर लाखों विद्यार्थियों में खुशी

फाउंडेशन कोर्स की कक्षाओं का आयोजन अब इवनिंग आवर्स और वीकेंड पर अतिरिक्त क्लासेस के माध्यम से किया जाएगा. इसके अलावा प्रत्येक शैक्षणिक सत्र की खत्म होने के बाद के अवकाश की सीमा को भी कम कर दिया गया है. सभी सरकारी और निजी मेडिकल संस्थानों को अगले 5 वर्ष 6 महीनों का शैक्षणिक कैलेंडर भी जारी कर पालना करने के निर्देश दे दिए गए हैं. इसके लिए वर्ष 2021-26 के प्रोफेशनल एग्जामिनेशन का आयोजन जून 2026 में करने का निर्णय भी किया गया है.

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