कोटा. कोरोना संक्रमण के चलते शनिवार को ईद-उल अजहा पर नमाजियों ने अपने घरों में रहकर ईद की नमाज अदा की. वहीं मस्जिदों में सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पांच नमाजियों को ही ईदगाहों पर नमाज अदा करने की परमिशन दी गई थी. जिसके चलते किशोरपुरा स्थित मुख्य ईदगाह पर शहर काजी अनवर अहमद सहित पांच नमाजियों ने नमाज अदा की और एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी.
शहर काजी अनवर अहमद ने मुबारकबाद देते हुए बताया कि ईद-उल-अजहा के दिन एक आइडियल लाइफ के इंसान का जो कैरेक्टर है, उसे दुनिया के सामने पेश करना है. वह आइडियल कैरेक्टर हजरत इब्राहीम हज अल्लाह का है, जो खुदा के पेगम्बरों में से एक है. दुनिया के सामने जिस पैगाम को पहुंचाया, उस पैगाम के लिए क्या-क्या मुसीबतें और मुश्किलें सामने आई. जिसमें बादशाह ने आपको सजा दी, आग के अलावा में आपको फेंक दिया, खुदा ने आपको उस आग से निकाला, ऐसे में पहला पैगाम आपका कुर्बानी है.
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उन्होंने कहा कि कुर्बानी आपके नक्श की अपने कैरेक्टर को बनाने की खुदा के साथ ताल्लुक बनाने की है. आज उसी का पैगाम जानवर जुबा कर दिया जाता है. शहरकाजी ने कहा कि आज इस कुर्बानी से सबक लो, दुनिया में जब भी जरूरत हो और अगर कुर्बानी देनी पड़ी तो उससे पीछे मत हटो. उन्होंने कहा कि आज जिस वैश्विक महामारी से पूरी दुनिया ग्रसित है, कभी ऐसा वक्त नहीं आया, जिसमे घूमना-फिरना सब बंद हो गया हो और लोग घरों में कैद होकर बंद हो गए हो.
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उन्होंने कहा कि जो दुनिया के अंदर बुराइयां खेल रही है, जैसे चोर बाजारी है, ब्लैक मार्केटिंग हैं, एक दूसरे पर अत्याचार हो रहा है, जुल्म और सितम ढाए जा रहे हैं. ऐसे में यह पैगाम संभलने के लिए दिया गया है, इंसानों डरो रब से जिसने तुम्हें पैदा किया है.