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अस्पतालों के हड़ताली ठेका कर्मियों के समर्थन में पहुंचे बीजेपी विधायक, कहा- विधानसभा में दोबारा उठाऊंगा मुद्दा - एमबीएस अस्पताल

तीन हजार से ज्यादा संविदा कार्मिक एमबीएस, जेकेलोन, रामपुरा और नए अस्पताल में हड़ताल पर हैं. इसके चलते चिकित्सा व्यवस्थाएं चरमरा गई है. लगातार यह अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें उनकी एक ही मांग है कि उन्हें परमानेंट किया जाए. साथ ही ठेका कार्मिकों को भुगतान भी बढ़ाया जाए. इन श्रमिकों की मांग को समर्थन करने के लिए कोटा दक्षिण से बीजेपी विधायक संदीप शर्मा एमबीएस अस्पताल पहुंचे.

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'विधानसभा में दोबारा उठाऊंगा मुद्दा'
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Published : Feb 5, 2021, 8:01 AM IST

कोटा. मेडिकल कॉलेज के चारों अस्पतालों में बीते 10 दिन से संविदा पर लगे हुए कार्मिक हड़ताल पर कर रहे हैं. ऐसे में करीब तीन हजार से ज्यादा कार्मिक एमबीएस, जेकेलोन, रामपुरा और नए अस्पताल में हड़ताल पर हैं. लगातार यह अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि उन्हें परमानेंट किया जाए. साथ ही ठेका कार्मिकों को भुगतान भी बढ़ाया जाए. समर्थन में बीजेपी विधायक संदीप शर्मा एमबीएस अस्पताल पहुंचे. जहां पर उन्होंने सभी ठेका कर्मियों को संबोधित किया. साथ ही उनकी मांग को जायज बताते हुए उनका समर्थन किया.

'विधानसभा में दोबारा उठाऊंगा मुद्दा'

संदीप शर्मा ने मीडिया से कहा कि ठेका कर्मियों की मांग जायज है और बीते लंबे समय से वे आंदोलनरत हैं. प्रशासन और ठेकेदार इनका शोषण करते हैं. ठेका श्रमिकों की नियत जो राशि है, जो प्रतिदिन के हिसाब से उन्हें मिलनी चाहिए. लेकिन इनको पूरा भुगतान भी नहीं मिलता है. जबकि चार से पांच हजार रुपए ही इनको बतौर भुगतान दिया जाता है, बाकी जो पैसा है, वह ठेकेदार की जेब में चला जाता है. अन्य कई जगह भी यह पैसा जा रहा है.

यह भी पढ़ें: न डिग्री न ठीक-ठाक औजार...सड़क पर बैठकर किए जा रहे थे ऑपरेशन, अब खा रहे हवालात की हवा

उन्होंने कहा कि कई ठेका कर्मी कंप्यूटर और अन्य दूसरी शिक्षा भी पूरी कर चुके हैं. जबकि उनकी योग्यता के अनुसार यह नौकरी नहीं है, फिर भी वह काम कर रहे हैं. साथ ही कई लोग हैं, जो लंबे समय से यहां पर काम कर रहे हैं. उनका कई नौकरियों में नंबर नहीं आ पा रहा है, अब और ओवरएज हो गए हैं. इसीलिए वे अब असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. सरकार से मांग है कि इनको जो न्यूनतम वेतन है, वह पूरा दिया जाए. साथ ही इनकी जो मांग नियमित करने की उस पर भी सरकार ध्यान दे.

यह भी पढ़ें: कोटा: रामगढ़ सेंचुरी में दिखाई दिए 26 प्रजातियों के पक्षी, वन्यजीव विभाग की ओर से चल रहा मिड विंटर वाटर फाल पॉपुलेशन एस्टिमेशन

कोविड- 19 के काल में भी इन लोगों ने अपनी प्राण की बाजी लगाकर लोगों की सेवा की है, आज भी इनकी सेवा जारी है. साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने इस मुद्दे को पहले भी विधानसभा में उठाया था, जिस पर चिकित्सा मंत्री ने जवाब दिया था कि मंत्रिमंडलीय समिति बनाई है. जो कि संविदा कार्मिकों की मांग पर विचार कर रही है. लेकिन मंत्रिमंडलीय समिति ने किसी तरह की कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की है. दोबारा विधानसभा शुरू होगी तो, मैं इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाऊंगा.

कोटा. मेडिकल कॉलेज के चारों अस्पतालों में बीते 10 दिन से संविदा पर लगे हुए कार्मिक हड़ताल पर कर रहे हैं. ऐसे में करीब तीन हजार से ज्यादा कार्मिक एमबीएस, जेकेलोन, रामपुरा और नए अस्पताल में हड़ताल पर हैं. लगातार यह अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि उन्हें परमानेंट किया जाए. साथ ही ठेका कार्मिकों को भुगतान भी बढ़ाया जाए. समर्थन में बीजेपी विधायक संदीप शर्मा एमबीएस अस्पताल पहुंचे. जहां पर उन्होंने सभी ठेका कर्मियों को संबोधित किया. साथ ही उनकी मांग को जायज बताते हुए उनका समर्थन किया.

'विधानसभा में दोबारा उठाऊंगा मुद्दा'

संदीप शर्मा ने मीडिया से कहा कि ठेका कर्मियों की मांग जायज है और बीते लंबे समय से वे आंदोलनरत हैं. प्रशासन और ठेकेदार इनका शोषण करते हैं. ठेका श्रमिकों की नियत जो राशि है, जो प्रतिदिन के हिसाब से उन्हें मिलनी चाहिए. लेकिन इनको पूरा भुगतान भी नहीं मिलता है. जबकि चार से पांच हजार रुपए ही इनको बतौर भुगतान दिया जाता है, बाकी जो पैसा है, वह ठेकेदार की जेब में चला जाता है. अन्य कई जगह भी यह पैसा जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि कई ठेका कर्मी कंप्यूटर और अन्य दूसरी शिक्षा भी पूरी कर चुके हैं. जबकि उनकी योग्यता के अनुसार यह नौकरी नहीं है, फिर भी वह काम कर रहे हैं. साथ ही कई लोग हैं, जो लंबे समय से यहां पर काम कर रहे हैं. उनका कई नौकरियों में नंबर नहीं आ पा रहा है, अब और ओवरएज हो गए हैं. इसीलिए वे अब असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. सरकार से मांग है कि इनको जो न्यूनतम वेतन है, वह पूरा दिया जाए. साथ ही इनकी जो मांग नियमित करने की उस पर भी सरकार ध्यान दे.

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कोविड- 19 के काल में भी इन लोगों ने अपनी प्राण की बाजी लगाकर लोगों की सेवा की है, आज भी इनकी सेवा जारी है. साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने इस मुद्दे को पहले भी विधानसभा में उठाया था, जिस पर चिकित्सा मंत्री ने जवाब दिया था कि मंत्रिमंडलीय समिति बनाई है. जो कि संविदा कार्मिकों की मांग पर विचार कर रही है. लेकिन मंत्रिमंडलीय समिति ने किसी तरह की कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की है. दोबारा विधानसभा शुरू होगी तो, मैं इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाऊंगा.

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