कोटा. सांगोद विधायक भरत सिंह अपने पत्र लेखन को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. इस बार फिर उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है और बात गाय पर लगने वाले टैक्स की वसूली के संदर्भ में है. उन्होंने इस पत्र में प्रदेश के गोपालन और खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर हमला बोलते हुए कहा है कि प्रमोद जैन से उम्मीद करना सूखे कुंए से प्यास बुझाने के बराबर है. इसके साथ ही उन्होंने गाय के नाम से वसूले जा रहे टैक्स को बंद करने की मांग भी की.
विधायक भरत सिंह पहले भी कई बार मांग कर चुके हैं कि गाय के नाम से जो टैक्स वसूली हो रही है, वह गाय जनित दुर्घटनाओं में घायल और मृतकों के परिवारजनों को दी जाए ताकि उन्हें संबल मिल सके. भरत सिंह का कहना है कि सरकार प्रतिदिन गाय के नाम से दो करोड़ से ज्यादा टैक्स स्टांप ड्यूटी और शराब के नाम पर वसूल रही है. इस टैक्स से आम आदमी को कुछ नहीं मिलता है.
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अक्सर सड़कों पर जगह-जगह मवेशी या गाय के कारण हादसों में लोगों की जान जा रही है. सरकार मृतक व घायल की कोई आर्थिक मदद नहीं करती है. परिवार को यह मदद मिल सकती है. सरकार गाय के नाम से प्राप्त राजस्व का सदुपयोग नहीं करती है. गाय के नाम पर वसूली हो रही, इस 'सरकारी ठगी' को बंद किया जाए.
गाय के नाम से आम जन विरोध नहीं करेंगे, यह कांग्रेस भाजपा के सोच
विधायक भरत सिंह ने लिखे पत्र में कहा है कि सरकार अपना राजस्व बढ़ाने के लिए जनता पर टैक्स लगाने के तरीके निकालती है. भारतीय जनता पार्टी के शासन में गाय के नाम से जो टैक्स वसूला जा रहा था, वह भाजपा शासन में किसी 'शैतानी दिमाग' की उपज थी.
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गाय के नाम से टैक्स का विरोध प्रदेश की जनता नहीं कर सकती, यही सोच भाजपा और कांग्रेस दोनों की सरकार रखती है. सरकार गाय के नाम से वसूले गए करोड़ों रुपए के टैक्स से आए तो प्राप्त करती है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं कर पा रही है. विधायक भरत सिंह ने पत्र में लिखा है कि भाजपा के शासन में लगा यह गाय के नाम से टैक्स कांग्रेस सरकार बंद करें. इस टैक्स से न तो गाय का भला हो रहा है, न जनता का. जनता को सड़कों पर जगह-जगह गाय घूमती दिखती है, जिससे राहगीरों को परेशानी होती है और वह सरकार को कोसते हैं.