कोटा. सिरोही जिले के पिंडवाड़ा में रिश्वत के प्रकरण में एसीबी की दबिश के पहले ही तहसीलदार कल्पेश जैन ने लाखों रुपए को गैस चूल्हे पर जला दिया. प्रदेश ही नहीं देश भर में यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है. ऐसे में कोटा की सांगोद विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक भरत सिंह ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस संबंध में पत्र लिखा है. नोट जलाने वाले तहसीलदार कल्पेश जैन को अनिवार्य सेवानिवृत्ति करने की मांग रखी है. विधायक भरत सिंह ने लिखे पत्र में साफ लिखा है कि रेयर ऑफ द रेयरेस्ट मामला है.
विधायक भरत सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि पूरे देश भर का यह पहला मामला होगा, जिसमें एक सरकारी अधिकारी ने 15 से 20 लाख रुपए एसीबी की दबिश के पहले ही जला दिए. नोटों की गड्डियों को जला दिया. नोटों को नष्ट करना भी एक तरह का अपराध है. संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत तहसीलदार कल्पेश जैन को बगैर सुनवाई नोटिस प्रक्रियाओं के बर्खास्त कर देना चाहिए. वहीं, उन्हें बाद में अनिवार्य सेवानिवृत्ति भी दे देनी चाहिए, ताकि राज्य सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति का संदेश आम जनता तक जाए.
यह भी पढ़ेंः अय्याशी के नाम पर नर्सरी में ले जाकर दोस्त ने दोस्त का गला काटा, दोनों UP के हैं निवासी
इससे पहले की थी भ्रष्ट अधिकारियों के पोस्टर लगाने की मांग
इससे पहले भी विधायक भरत सिंह ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कई बार अधिकारियों को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने अपनी ही सरकार पर कई बार भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर हमला किया है. साथ ही कई मंत्रियों के भ्रष्टाचार करने की बात भी उन्होंने कही है. इसके साथ ही उदयपुर रेंज आईजी पद पर लगाए गए आईपीएस सत्यवीर सिंह पर भी उन्होंने आपत्ति जताई थी. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार करते हुए पकड़े गए व्यक्ति को ऐसे जिम्मेदारी देना सही नहीं है. उन्होंने रिश्वतखोरों को भ्रष्टाचार का हिस्ट्रीशीटर बताया था. साथ ही पेशी पर भी धारीदार कपड़ों में लाने की बात कह दी थी. इसके अलावा रिश्वत लेते हुए पकड़े गए अधिकारियों के फोटो सचिवालय और उनके गृह जिलों में चौराहों पर लगाने की बात कही थी.